Rajasthan Alvar News: सोशल मीडिया पर राजस्थान हाईकोर्ट के फैसले की खबर खूब वायरल हो रही है. जिसमें अदालत ने गैंगरेप के एक मुजरिम को बच्चा पैदा करने के लिए रिहा किया है. हाईकोर्ट ने मुजरिम को 3 दिन पहले 15 दिन के लिए पैरोल पर भेजने के आदेश दिया है. ताकि वो अपने वंश को बढ़ा सके. बड़ी बात यह है कि राजस्थान में ऐसा पहली बार हुआ है कि किसी गैंगरेप के मुजरिम को पैरोल पर भेजा गया है. एक खबर के मुताबिक राजस्थान में गैंगरेप के मुजरिमों को पैरोल या फिर ओपन जेल में नहीं भेजा जा सकता.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

पत्नी ने मौलिक और संवैधानिक अधिकारों का दिया हवाला
खबरों के मुताबिक अलवर के रहने वाले राहुल के खिलाफ साल 2019 में 16 साल की बच्ची के गैंगरेप का मामला दर्ज किया गया था. मामला अदालत तक पहुंचा और पॉक्सो एक्ट के तहत सुनवाई चली. जिसमें राहुल को मुजरिम करार दिया गया. राहुल अक्टूबर 2020 से जेल में ही बंद है. जिसके बाद राहुल की पत्नी अपने मौलिक एवं संवैधानिक अधिकार का हवाला देते हुए अदालत का दरवाज़ा खटखटाया. 


यह भी देखिए: अधिकारियों की राय पर रिहा हुए बिलकीस बानों मामले के दोषी, पैरोल के दौरान किया महिला का शील भंग


30 दिन की मांगी थी पैरोल:
राहुल की पत्नी जुलाई 2022 में हाईकोर्ट पहुंची और मांग मौलिव व संवैधानिक अधिकारों का हवाला देते हुए उसने 30 दिन की पैरोल पर अपने पति को छोड़ने की मांग की. इसके अलावा अर्जी में यह भी कहा गया था कि पत्नी को प्रेग्नेंसी या वंश बढ़ाने के लिए रोकना आर्टिकल 14 और 21 की भावना के खिलाफ होगा. लंबी सुनवाई और बहस के बाद अदालत ने राहुल को 30 दिन की बजाये 15 दिन के लिए पैरोल पर रिहा किया. अपने आप में यह मामला बेहद अनोखा है. 


पंजाब: अकेले में मिल सकेंगे पति-पत्नी
हालांकि इससे पहले पंजाब में भी देखने को मिला है. हालांकि वहां कैदियों को छोड़ा नहीं गया लेकिन जेल के अंदर ही पति-पत्नी को तन्हाई में मिलने का इंतेजाम किया गया है. इस कमरे में जोड़े को 2 घंटे का वक्त दिया जाता है. सरकार की तरफ से बनाए गए कमरों में एक डबल बेड, अटैच बाथरूम होगा.