अफगानिस्तान और म्यांमा UNO महासभा के 76वें सत्र को नहीं कर पाएंगे संबोधित; लिस्ट में नहीं है इन दो मुल्कों के नाम
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अफगानिस्तान और म्यांमा UNO महासभा के 76वें सत्र को नहीं कर पाएंगे संबोधित; लिस्ट में नहीं है इन दो मुल्कों के नाम

संयुक्त राष्ट्र महासभा(UNGA) के 76वें सत्र की उच्चस्तरीय आम चर्चा के आखिरी दिन के वक्ताओं की ताजा सूची के मुताबिक अफगानिस्तान और म्यामां के नाम सूची में नहीं हैं.

अलामती तस्वीर

संयुक्त राष्ट्र(UNO): अफगानिस्तान और म्यांमा सोमवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) की उच्चस्तरीय आम चर्चा को खिताब नहीं करेंगे और दोनों देशों के नाम यूएनजीए के 76वें सत्र को संबोधित करने वाले वक्ताओं की लिस्ट में नहीं हैं. संयुक्त राष्ट्र महासभा के 76वें सत्र की उच्चस्तरीय आम चर्चा के आखिरी दिन के वक्ताओं की ताजा सूची के मुताबिक अफगानिस्तान और म्यामां के नाम सूची में नहीं हैं. संयुक्त राष्ट्र महासचिव के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने शुक्रवार को कहा था कि सोमवार के लिए फिलहाल सूची में अफगानिस्तान के प्रतिनिधि के तौर पर गुलाम एम इसकजई का नाम है. म्यामां में सत्ता हस्तांतरण के बाद उसके सैन्य शासकों ने कहा है कि संयुक्त राष्ट्र में म्यांमाई राजदूत क्यॉ मुई तुन को हटा दिया गया है और वे चाहते हैं कि उनकी जगह आंग थुरीन को बनाया जाए.

तालिबान ने महासभा के सत्र में हिस्सा लेने की गुजारिश की थी 
तालिबान ने पिछले सप्ताह संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस को पत्र लिखकर कहा था कि उनके प्रवक्ता सुहैल शाहीन को संयुक्त राष्ट्र में अफगानिस्तान का राजदूत बनाया जाए. उसने महासभा के 76वें सत्र में हिस्सा लेने को कहा था. उच्चस्तरीय आम चर्चा शुरू होने की पूर्वसंध्या पर 20 सितंबर को महासचिव को ‘इस्लामिक एमिरेट ऑफ अफगानिस्तान, विदेश मंत्रालय’ के लैटरहैड पर पत्र मिला था जिसमें विदेश मंत्री के तौर पर अमीर खान मुत्ताकी के दस्तखत थे. इसमें 21 से 27 सितंबर तक आयोजित संयुक्त राष्ट्र महासभा के 76वें सत्र में हिस्सा लेने की गुजारिश की गई थी.  

तालिबान ने शाहीन को संयुक्त राष्ट्र में अपना नया स्थाई प्रतिनिधि नियुक्त किया है
महासचिव के उप प्रवक्ता फरहान हक ने कहा था कि पत्र में यह भी संकेत है कि 15 अगस्त, 2021 की स्थिति के मुताबिक, मोहम्मद अशरफ गनी को सत्ता से बेदखल कर दिया गया है और (दुनियाभर के अन्य देश) अब उन्हें राष्ट्रपति नहीं मानते. काबुल पर 15 अगस्त को तालिबान का कब्जा होने के बाद गनी देश छोड़कर चले गए थे. उन्होंने जून 2021 में गुलाम इसकजई को संयुक्त राष्ट्र में अफगानिस्तान का राजदूत नियुक्त किया था. तालिबान ने खत में इशारा किया कि स्थाई प्रतिनिधि का मिशन अब पूरा समझा जाए और इसकजई अब अफगानिस्तान की नुमाइंदगी नहीं करते. तालिबान ने दोहा में पदस्थ अपने प्रवक्ता शाहीन को संयुक्त राष्ट्र में अफगानिस्तान का नया स्थाई प्रतिनिधि नियुक्त किया है. 

अफगानिस्तान के प्रतिनिधित्व को लेकर पैदा हुआ उलझन 
हक ने कहा कि महासचिव को 15 सितंबर को एक पत्र संयुक्त राष्ट्र में अफगानिस्तान के स्थाई मिशन से मिला था जिस पर न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र में अफगानिस्तान के स्थाई प्रतिनिधि गुलाम इसकजई के हस्ताक्षर हैं. इसमें महासभा के 76वें सत्र के लिए अफगानिस्तान के शिष्टमंडल की सूची है. इसमें प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख के रूप में इसकजई का नाम है. हक ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र सचिवालय ने ये दोनों पत्र महासभा के अध्यक्ष के कार्यालय से परामर्श के बाद महासभा के 76वें सत्र की परिचय (क्रिडेंशियल्स) समिति के सदस्यों को भेजे हैं. यह समिति फैसला करेगी कि संयुक्त राष्ट्र में अफगानिस्तान का प्रतिनिधित्व कौन करता है.
 

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