गीतांजलि श्री की यह पुस्तक मूल रूप से हिंदी में ‘रेत समाधि’ के नाम से प्रकाशित हुई थी. इसका अंग्रेजी अनुवाद, ‘टॉम्ब ऑफ सैंड’, डेजी रॉकवेल ने किया है.
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लंदनः लेखिका गीतांजलि श्री का उपन्यास ‘टॉम्ब ऑफ सैंड’ बृहस्पतिवार को अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार के लिए ‘शॉर्टलिस्ट’ की गई हिंदी भाषा की पहली कृति बन गया. गीतांजलि श्री की यह पुस्तक मूल रूप से हिंदी में ‘रेत समाधि’ के नाम से प्रकाशित हुई थी. इसका अंग्रेजी अनुवाद, ‘टॉम्ब ऑफ सैंड’, डेजी रॉकवेल ने किया है और जूरी के सदस्यों ने इसे ‘शानदार और अकाट्य’ बताया है.
लेखिका और अनुवादक के बीच बांटी जाएगी इनाम की रकम
50,000 पाउंड के साहित्यिक पुरस्कार के लिए पांच अन्य किताबों से अब इसकी प्रतिस्पर्धा होगी. पुरस्कार की राशि लेखिका और अनुवादक के बीच विभाजित की जाएगी. श्री ने एक बयान में कहा, “यह एक बहुत ही खास तरह की मान्यता है. जब कोई काम दूर बैठे अज्ञात लोगों को आकर्षित करता है, तो उसमें अपने विशिष्ट सांस्कृतिक संदर्भ को पार करने और सार्वभौमिक और मानवीय पहलू को छूने की क्षमता होती है.” उन्होंने कहा, “यही सच्चा समर्थन है. काम अच्छा होना चाहिए, अनुवाद बेहतरीन होना चाहिए! डेज़ी और मेरे लिए यह बहुत अच्छा पल है. दिखाता है कि हमारा संवाद कितना समृद्ध रहा है. अनुवाद यही होता है.’’
पांच अन्य किताबों में षामिल है ये पुस्तकें
लंदन पुस्तक मेले में घोषित अन्य चयनित (शॉर्टलिस्ट) पांच किताबों में बोरा चुंग द्वारा ‘कर्स्ड बनी’ शामिल भी है जिसे कोरियाई से एंटोन हूर ने अनुवाद किया है. इसके अलावा जॉन फॉसे द्वारा ‘ए न्यू नेमः सेप्टोलॉजी V1-V11’ भी इस दौड़ में है जिसे नार्वेई भाषा से डेमियन सियर्स द्वारा अनुवाद किया गया है. इसके अलावा मीको कावाकामी की किताब ’हेवेन’ भी इस दौड़ में है जिसे जापानी से सैमुअल बेट और डेविड बॉयड द्वारा अनुवादित किया गया है. क्लाउडिया पिनेरो द्वारा लिखित ‘एलेना नोज़’ का अनुवाद स्पेनिश से फ्रांसिस रिडल ने किया है और ओल्गा टोकार्ज़ुक द्वारा लिखित ‘द बुक्स ऑफ जैकब’ को पोलिश भाषा से जेनिफर क्रॉफ्ट द्वारा अनुवाद किया गया है.
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