गुजरांवालाः ब्रिटेन के नए पीएम ऋषि सुनक ने अपनी हिन्दुस्तानियत और हिंदू रिवायात को भले ही ख़ुद में ज़िंदा रखा है, लेकिन उनकी जड़ें मौजूदा पाकिस्तान में गुजरांवाला शहर में भी हैं, जहां उनके दादा-दादी रहते थे. आज  गुजरांवाला के लोगों को उम्मीद है कि ब्रिटेन के नए लीडर कश्मीर मुद्दे के हल में अहम रोल निभा सकते हैं. यह मुद्दा भारत और पाकिस्तान के बीच तनाज़े की अहम वजह है. सुनक मंगल को ब्रिटेन के पीएम बने हैं. 

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सुनक की जीत पर ख़ुशी
गुजरांवाला के लोगों का कहना है कि वे 42 साल के लीडर सुनक की जीत पर ख़ुशी महसूस करते हैं. उन्हें उम्मीद है कि ऋषि सुनक के ब्रिटेन का पीएम बनने से पाकिस्तान और ब्रिटेन के बीच सियासी रिश्ते बेहतर होंगे. इसके साथ ही भारत और कश्मीर के बीच तनाज़े की वजह कश्मीर मसले पर भी वह कोई पहल करेंगे और इस मसले का हमेशा के लिए कोई हल पेश करेंगे.  पहलवान उमर अली नाम के एक शख़्स ने कहा, ’’यह ख़ुशी की बात है कि ब्रिटेन के नए पीएम के कुछ पूर्वज यहीं के थे.’’ 

मछली बाज़ार में रहते रहे होंगे सुनक के दादा 
कॉलेज के एक प्रोफेसर ख़ुर्रम शहज़ाद ने कहा, ’’उन्हें उम्मीद है कि सुनक न सिर्फ पाकिस्तान और ब्रिटेन के बीच रिश्तों को मज़बूत करने के लिए काम करेंगे बल्कि पाकिस्तान और भारत के लिए कामयाबी का एक नया दौर भी लाएंगे. गुजरांवाला के अफसरान का कहना है कि तक़सीम के वक़्त फिरक़ावाराना तशद्दुद के दौरान ज़्यादातर रिकॉर्ड तबाह हो गए थे, और इसका कोई सबूत नहीं है कि सुनक के दादा कहां रहते थे, हालांकि ज़्यादातर लोग मछली बाज़ार की तरफ इशारा करते हैं, जहां शहर के ज़्यादातर हिंदू कभी रहते थे.’’ 

कश्मीर के मुद्दे को भी सुलझाने की कोशिश करेंगे
पंजाब सरकार के तर्जुमान मुसर्रत जमशेद चीमा ने कहा, ‘‘ऐसा लगता है कि ऋषि सुनक की अव्वलीन तरजीह इकोनॉमी चुनौतियों से निपटने की होगी, लेकिन हमें उम्मीद है कि वह कश्मीर के मुद्दे को भी सुलझाने की कोशिश करेंगे, जो पाकिस्तान और भारत के बीच दरार की अहम वजह है.’’
ग़ौरतलब है कि ऋषि सुनक के दादा रामदास सुनक और दादी सुहाग रानी 1935 तक गुजरांवाला में ही रह रहे थे. बाद में वह नौकरी के लिए अफ्रीक़ी देश चले गए थे. हालांकि आज शहर के ज़्यादातर लोगों को उन पुराने दिनों की कोई याद नहीं है.


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