चुनौतीपूर्ण हालात के बीच बल्ख के मजार-ए-शरीफ पहुंचे राष्ट्रपति Asharaf Ghani
विदेशी फ़ौजों के जाने के बाद एक बार फिर अफ़ग़ानिस्तान में तनाव तेज़ी से बढ़ रहा है. अफ़ग़ान सुरक्षा बलों और तालिबान के बीच देशभर में झड़पें जारी हैं.
मजार-ए-शरीफ: अफगानिस्तान के उत्तरी रियासतों में गैर-यकीनी हिफाज़ती सूरते हाल के बीच राष्ट्रपति अशरफ गनी बुधवार सुबह बल्ख रियासत के मजार-ए-शरीफ शहर पहुंचे. गनी के हिफाज़ती और सियासी मामलों के सलाहकार मोहम्मद मोहकक़ और मुजाहिदीन के साबिक कमांडर जुमा खान हमदर्द इस सफर में राष्ट्रपति के साथ हैं.
मंगलवार रात साबिल नायब सदर मार्शल अब्दुल राशिद दोस्तम ने भी मजार-ए-शरीफ का सफर किया. एक ऑफिसर ने बताया कि मरजार-ए-शरीफ में मार्शल दोस्तम, बल्ख के साबिक गवर्नर अत्ता मोहम्मद नूर और रियासत के हिफाज़ती ऑफिसरों की मौजूदगी में सुरक्षा बैठक हुई.
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जराए का कहना है कि इस बैठक में रसिक्योरिटी फोर्सेज बीच हम आहंगी और अवामी बागी ताकतों को साथ लाने और तालिबान के हाथों में जाने वाले शहरों को वापस अपने कब्जे में लाने के बारे हुई.
अब तक जरंज, पश्चिमी निमरोज की राजधानी, अयबक, उत्तरी समांगन की राजधानी, तालोकान, उत्तरी तखर की राजधानी, शेबरघन, जवज्जान की राजधानी और उत्तरी सर-ए-पुल प्रांत की राजधानी सर-ए-पुल अब तक तालिबान के हाथ में आ चुकी है.
गौरतलब है कि विदेशी फ़ौजों के जाने के बाद एक बार फिर अफ़ग़ानिस्तान में तनाव तेज़ी से बढ़ रहा है. अफ़ग़ान सुरक्षा बलों और तालिबान के बीच देशभर में झड़पें जारी हैं और तालिबान के दावे के मुताबिक़ बीते दिनों में आठ प्रांतों की राजधानियां उनके क़ब्ज़े में आ चुकी हैं.
जराए का कहना है कि इस बात का अंदेशा है कि आने वाले चंद दिनों में कई अहम शहरों पर तालिबान अपना कंट्रोल हासिल कर सकते हैं.
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