नई दिल्ली: अफगानिस्तान में तालिबान की कियादत वाली सरकार के कार्यवाहक मंत्री और लंबे समय से तथाकथित हक्कानी नेटवर्क के नेता रहे सिराजुद्दीन हक्कानी, जिसके सिर पर अमेरिकी आतंकवादी का इनाम है, पहली बार मीडिया के सामने आया. यह जानकारी आरएफई/आरएल ने दी.


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हक्कानी उर्फ खलीफा शनिवार को सैकड़ों नव-प्रशिक्षित अफगान पुलिसकर्मियों के लिए काबुल में आयोजित एक स्नातक समारोह में शामिल हुआ.  इस दौरान उसने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि कट्टरपंथी आतंकवादी समूह 2020 में संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ हस्ताक्षरित दोहा समझौते के लिए प्रतिबद्ध है, जिसने पिछले साल अगस्त के अंत में अमेरिका के नेतृत्व वाले अंतर्राष्ट्रीय सैनिकों की वापसी का रास्ता खोला.



रिपोर्ट में कहा गया है कि हक्कानी ने स्नातक होने वाले कैडेटों से कहा कि दुनिया को अफगानिस्तान से कोई खतरा नहीं है. हक्कानी ने नागरिकों की आत्महत्या और अमेरिकी बलों पर किए गए सबसे कुख्यात हमलों की बार-बार प्रशंसा की है। तालिबान के नेतृत्व वाले प्रशासन ने पिछले साल अगस्त के मध्य में काबुल पर नियंत्रण कर लिया था.


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हक्कानी ने खुद को कभी भी फिल्माए जाने की अनुमति नहीं दी थी और कथित आतंकवादी गतिविधियों के लिए उसके सिर पर 1 करोड़ डॉलर के इनाम है. एफबीआई नोटिस में लगी धुंधली तस्वीर में वह लंबी दाढ़ी रखे हुआ है और अपने बदन को कंबल से ढके हुआ है.


डॉन की रिपोर्ट में बताया गया है कि इससे पहले, उसकी तस्वीरें केवल पीछे से खींची जाती रही हैं. परेड के बाद एक भाषण में हक्कानी ने कहा, "आपकी संतुष्टि के लिए और आपके विश्वास के निर्माण के लिए .. मैं आपके साथ एक सार्वजनिक बैठक में मीडिया के सामने हाजिर हो रहा हूं.'



उसने पुलिस अधिकारियों से कहा, "मैं आपकी विश्वसनीयता और आपको महत्व देने के लिए पहली बार मीडिया के सामने आया.' हक्कानी की तस्वीरें शनिवार को सोशल मीडिया पर तालिबान अधिकारियों द्वारा व्यापक रूप से साझा की जा रही थीं. पहले पोस्ट की गईं तस्वीरों में उसका चेहरा नहीं दिखता था, क्योंकि उन्हें डिजिटल तरीके से धुंधला किया गया था.


पाकिस्तानी अखबार डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस परेड में हक्कानी तालिबान के दूसरे सीनियर अधिकारियों जैसे पोशाक पहने हुआ था. उसकी दाढ़ी बहुत लंबी है, सिर पर काली पगड़ी है और कंधे पर सफेद शॉल ओढ़े हुआ था.


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हक्कानी उन वरिष्ठ नेताओं में शामिल है, जिन्होंने पिछले साल अगस्त में काबुल में प्रवेश किया था, लेकिन पिछले कुछ महीनों में उसने अपनी प्रोफाइल लो रखी. वह विदेशी गणमान्य व्यक्तियों और तालिबान अधिकारियों से मिलता था, लेकिन ऐसी बैठकों की तस्वीरें हमेशा धुंधली रहती थीं. उसने एक बार एक टेलीविजन को साक्षात्कार दिया था, लेकिन उसका चेहरा नहीं दिखाया गया था.
(इनपुट- आईएएनएस)


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