अकाल और भुखमरी की कगार पर खड़ी है दुनिया; UNO ने पूंजीपतियों से दान की अपील की
Famine and Starvation crisis in World: संयुक्त राष्ट्र खाद्य प्रमुख ने दुनिया भर के नेताओं को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर अभी से एहतियाती कदम नहीं उठाए गए अगले साल तक भीषण खाद्य संकट की चेपट में दुनिया के कई देश आ जाएंगे.
संयुक्त राष्ट्रः संयुक्त राष्ट्र के खाद्यान्न प्रमुख ने आगाह किया है कि दुनिया बहुत ही खराब हालात का सामना कर रही है. उन्होंने, खासकर खाड़ी देशों और अरबपति दानदाताओं से इस संभावित संकट से उबरने के लिए कुछ दिनों का मुनाफा दान करने का अनुरोध किया है, ताकि उर्वरक आपूर्ति के मौजूदा संकट और अगले साल होने वाली संभावित खाद्यान्न संकट का कम किया जा सके.
विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी) के कार्यकारी निदेशक डेविड बेस्ली ने एक इंटरव्यू में कहा, ‘‘पूरी दुनिया में अराजकता पैदा होने वाली है. दुनिया भर में लोग पीड़ित हैं और मर रहे हैं. जब हर पांच सेकेंड में एक बच्चा भूख से मरता है तो हमें शर्म आनी चाहिए.’’ बेस्ली ने कहा कि जब उन्होंने साढ़े पांच साल पहले डब्ल्यूएफपी की कमान संभाली थी, तब दुनिया भर में सिर्फ आठ करोड़ लोग भुखमरी की कगार पर पहुंच रहे थे, लेकिन जलवायु समस्या की वजह से अब यह तादाद बढ़कर 13.5 करोड़ पहुंच गई है.
34.5 करोड़ लोगों को नहीं मिल पा रहा है दो वक्त का भोजन
बेस्ली ने कहा कि इसके बाद जब 2020 में कोविड-19 महामारी शुरू हुई तो यह तादाद 27.6 करोड़ तक पहुंच गई है, और इन लोगों को नहीं मालूम है कि उनके लिए अगले पहर का भोजन कहां से आएगा. बेस्ली ने कहा कि आखिर में, रूस ने 24 फरवरी को यूक्रेन पर हमला कर दिया, जिसके नतीजे में युद्ध शुरू हुआ और खाद्य, उर्वरक और ऊर्जा संकट के हालात पैदा होने की वजह से यह संख्या 34.5 करोड़ तक जा पहुंची है. उन्होंने कहा, ‘‘इनमें से 45 मुल्कों के पांच करोड़ लोग अकाल और भुखमरी के दरवाजे पर दस्तक दे रहे हैं. अगर हमने इन लोगों को मदद नहीं पहुंचाई तो 2007-2008 और 2011 की तरह ही अकाल, भुखमरी, राष्ट्रों की अस्थिरता की स्थिति पैदा होगी और बड़े पैमाने पर पलायन होगा.’’
अरबपतियों को याद दिलाया उनका ‘नैतिक दायित्व’
बेस्ली विश्व के नेताओं से मिलते रहे हैं, और खाद्य संकट के बारे में चेतावनी देने के लिए इस सप्ताह की आमसभा की बैठक से जुड़े कार्यक्रमों को खिताब कर रहे हैं. डब्ल्यूएफपी प्रमुख ने कहा कि उन्होंने बुधवार रात अरबपतियों के एक समूह से भी मुलाकात की और उन्हें उनका ‘नैतिक दायित्व’ बताया है. उनसे अपना मुनाफा कम करने और संचित धन से गरीब देशों को दान देने के लिए प्रेरित किया है.
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