Naamkaran: बच्चे का नाम रखते समय जरूर करें ये काम, वरना दुर्भाग्य से हो सकता है सामना
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Naamkaran: बच्चे का नाम रखते समय जरूर करें ये काम, वरना दुर्भाग्य से हो सकता है सामना

नामकरण संस्कार मुहूर्त 2023: किसी परिवार में जब कोई बच्चा जन्म लेता है तो सबसे अधिक खुशी माता-पिता को होती है. हिंदू धर्म में बच्चे के जन्म के बाद उनका नामकरण संस्कार किया जाता है. इसके जरिए बच्चे का नाम रखा जाता है.

नामकरण

Baby Namkaran: हिंदू धर्म में जन्म लेने वाले किसी भी जातक को 16 संस्कारों से गुजरना पड़ता है. बच्चे के तुरंत बाद सबसे पहला संस्कार नामकरण होता है. जबकि, मौत के बाद आखिरी अंतिम संस्कार कहलाता है. बच्चे के जन्म के बाद माता-पिता को सबसे पहले इस बात की चिंता होती है कि नाम क्या रखा जाए. हालांकि, बच्चे का नाम रखते समय जल्दबाजी नहीं करना चाहिए. पूरी विधि से नामकरण संस्कार के जरिए ही बच्चे का नाम रखना चाहिए. ऐसा करने से बच्चे को आगामी जिंदगी में दुर्भाग्य का सामना नहीं करना पड़ता है. 

शुभ दिन

बच्चे का नाम रखते समय इस बात का जरूर ध्यान रखें कि उसका नाम किसी पर्व के दिन अष्टमी, चतुर्दशी, अमावस्या और पूर्णिमा के दिन नहीं रखना चाहिए. वहीं, चतुर्थी तिथि, नवमी तिथि, चतुर्दशी तिथि और रिक्ता तिथि के दिन बच्चे का नाम रखना भी अशुभ माना जाता है.

तिथि

बच्चे का नाम रखने के लिए तारीखों को चुनना है तो 1, 2, 3, 5, 6, 7, 10, 11, 12, 13 तारीख को नामकरण संस्कार किया जा सकता है. बच्चे का नाम कुलदेवी या देवता के नाम पर रखना शुभ माना जाता है.

हवन

बच्चे का नाम नक्षत्रों, ग्रहों की दिशा, तिथि को देखकर रखा जाता है. इसके आधार पर ही कुंडली भी तैयार की जाती है और राशि का निर्धारण होता है. इसके बाद ही बच्चे का नाम रखा जाता है. बच्चे के नामकरण के दिन हवन का आयोजन जरूर किया जाना चाहिए. इसके साथ ही ब्राह्मणों को भोजन कराना चाहिए.

सात्विक भोजन

नामकरण के दिन बच्चे को सूर्य के दर्शन कराएं. इसके बाद बच्चे के दादा-दादी और माता-पिता उसके दाहिने कान में रखे जाने वाले नाम का उच्चारण करते हैं. पूजा के लिए इस्तेमाल की जानी वाली थाली नई होनी चाहिए. घर में ही सात्विक भोजन तैयार करें.

ओम और स्वास्तिक का चिह्न 

वैसे तो बच्चे का नामकरण संस्कार घर में ही करना चाहिए. हालांकि, सुविधानुसार हवन मंदिर में भी किया जा सकता है. नामकरण संस्कार के दौरान पूजा के कलश पर ओम और स्वास्तिक का चिह्न बनाएं. बच्चे को पूजा स्थल पर लाने से पहले उसकी कमर में सुतली या रेशम का धागा जरूर बांधें.

कुंडली और ग्रह

कुंडली और ग्रहों की चाल के आधार पर रखा गया नाम बच्चे के चरित्र को दर्शाता है. अगर बच्चे का नाम ग्रहों की स्थिति से मेल न खाएं तो उनके लिए दुर्भाग्य भी ला सकता है. ऐसे में जरूरी है कि बच्चे का नाम रखते समय इन बातों का जरूर ध्यान रखें.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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