PNB घोटाले के बाद बैंकों के निजीकरण से अरुण जेटली का इनकार, बताया यह कारण
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PNB घोटाले के बाद बैंकों के निजीकरण से अरुण जेटली का इनकार, बताया यह कारण

पीएनबी के 11,400 करोड़ रुपये के महाघोटाले के बाद शुरू हुई बैंकों की प्राइवेटाइजेशन की मांग को वित्त मंत्री अरुण जेटली ने खारिज कर दिया. उन्होंने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण की संभावना से इनकार किया है.

PNB घोटाले के बाद बैंकों के निजीकरण से अरुण जेटली का इनकार, बताया यह कारण

नई दिल्ली : पीएनबी के 11,400 करोड़ रुपये के महाघोटाले के बाद शुरू हुई बैंकों की प्राइवेटाइजेशन की मांग को वित्त मंत्री अरुण जेटली ने खारिज कर दिया. उन्होंने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण की संभावना से इनकार किया है. पीएनबी में सामने आए घोटाले के संदर्भ में वित्त मंत्री ने यह बात कही. उन्होंने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण को राजनीतिक रूप से स्वीकार नहीं किया जाएगा. एक कार्यक्रम में संबोधित करते हुए जेटली ने कहा कि पीएनबी घोटाले के बाद काफी लोगों ने निजीकरण की बात शुरू कर दी है. वित्त मंत्री ने कहा, 'इसके लिए बड़ी राजनीतिक सहमति की जरूरत है. साथ ही बैंकिंग नियमन कानून का भी संशोधन करना पड़ेगा. मुझे लगता है कि भारत में राजनीतिक रूप से इस विचार के पक्ष में समर्थन नहीं जुटाया जा सकता. यह काफी चुनौतीपूर्ण फैसला होगा.'

  1. पीएनबी घोटाले के बाद बैंकों के निजीकरण की मांग में तेजी
  2. वित्त मंत्री ने कहा, 'इसके लिए बड़ी राजनीतिक सहमति की जरूरत'
  3. कहा, बैंकिंग नियमन कानून का भी संशोधन करना पड़ेगा

सार्वजनिक क्षेत्र में सिर्फ दो-तीन बैंक हो
आपको बता दें कि उद्योग मंडल फिक्की के अध्यक्ष राशेष शाह ने शुक्रवार को वित्त मंत्री अरुण जेटली से मुलाकात कर चरणबद्ध तरीके से बैंकों के निजीकरण की प्रक्रिया शुरू करने का आग्रह किया था. शाह ने कहा था कि सार्वजनिक क्षेत्र में सिर्फ दो-तीन बैंक ही होने चाहिए. नीरव मोदी द्वारा पीएनबी से घोटाला किए जाने के बाद से बैंकों के प्राइवटाइजेशन की मांग तेजी से उठने लगी है.

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एसोचैम ने भी हिस्सेदारी घटाने को कहा
एसोचैम ने भी सरकार से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में अपनी हिस्सेदारी घटाकर 50 प्रतिशत से कम पर लाने के लिए कहा है. कुछ उद्योगपतियों ने भी बैंकों के निजीकरण का समर्थन किया है. गोदरेज समूह के आदि गोदरेज का कहना है कि निजी क्षेत्र के बैंकों में धोखाधड़ी बिलकुल नहीं होगी या बहुत कम होगी. बजाज समूह के प्रमुख राहुल बजाज भी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण की बात कह चुके हैं.

21 अचल संपत्तियों को कुर्क
दूसरी तरफ पीएनबी महाघोटाले के सामने आने के बाद नीरव मोदी पर जांच एजेंसियों की कार्रवाई तेजी से हो रही है. शनिवार को भी ईडी ने मनी लांड्रिंग निरोधक कानून के तहत नीरव मोदी ग्रुप की 21 अचल संपत्तियों को कुर्क किया है. इनमें नीरव मोदी के फ्लैट, अलीबाग स्थित फार्महाउस, सोलर पावर प्लांट, अहमदनगर में 135 एकड़ जमीन और ऑफिस शामिल हैं. ये प्रॉपर्टी मुंबई और पुणे में स्थित है. ईडी की तरफ से कुर्क की गई इन संपत्तियों की कीमत 523.72 करोड़ रुपये बताई जा रही है.

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इससे पहले ईडी ने शुक्रवार को नीरव मोदी के 44 करोड़ रुपए के बैंक जमा और शेयरों को फ्रीज किया था. कार्रवाई के दौरान ईडी ने स्टील की 176 अलमारी और 60 प्लास्टिक के कंटेनर भी जब्त किए थे. इनमें कई हजार विदेशी घड़ियां जब्त की गई थीं. ईडी ने नीरव मोदी के वो बैंक अकाउंट भी फ्रीज कर दिए हैं जिनमें 30 करोड़ रुपए तक का बैलेंस है. इसके साथ ही ईडी ने सर्च ऑपरेशन के दौरान नीरव मोदी के 13.86 करोड़ रुपए के शेयर्स भी जब्त किए हैं.

(इनपुट एजेंसी से भी)

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