पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी के चलते चौतरफा दबावों का सामना कर सत्ताधारी बीजेपी ने अब आक्रामक रुख अपनाते हुए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की इकनॉमिक्स पर सवाल उठाए है.
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नई दिल्ली: पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी के चलते चौतरफा दबावों का सामना कर सत्ताधारी बीजेपी ने अब आक्रामक रुख अपनाते हुए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की इकनॉमिक्स पर सवाल उठाए है. बीजेपी ने कहा है कि मनमोहन सिंह तो खुद कहते थे कि 'पैसे पेड़ पर नहीं उगते' और इसके बावजूद उन्होंने 1.3 लाख करोड़ रुपये का ऑयल बांड बिना चुकाए छोड़ दिया. बीजेपी ने कहा कि ये उनकी सरकार है जिसने मनमोहन सिंह का उधार चुका.
What the economist PM Manmohan Singh said & did on petroleum prices? He said that money does not grow on trees & left unpaid bills of oil bonds worth Rs. 1.3 lakh crore. Modi govt paid off the pending bills with interest because 'we should not burden our children'. #NationFirst pic.twitter.com/Z8zTV1kG1i
— BJP (@BJP4India) September 10, 2018
बीजेपी ने ट्वीट करके कहा, 'अर्थशास्त्री प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पेट्रोलियम कीमतों पर क्या कहा और क्या किया? उन्होंने कहा कि पैसे पेड़ पर नहीं उगते और 1.3 लाख करोड़ रुपये का ऑयल बांड बिना चुकाए छोड़ दिया.' बीजेपी ने कहा कि मोदी सरकार ने बकाया आयल बांड ब्याज के साथ चुकाया. पार्टी ने कहा, मोदी सरकार ने ऐसा इसलिए किया क्योंकि 'हम नहीं चाहते थे कि ये बोझ हमारे बच्चों पर पड़े.' पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पेट्रोलियम उत्पादों पर जनता को सब्सिडी देने के लिए ऑयल बांड के जरिए बाजार से कर्ज लिया था.
पुराने बयानों का सहारा
बीजेपी ने कांग्रेस को कटघरे में खड़ा करने के लिए मनमोहन सिंह के दो पुराने बयानों का उल्लेख भी किया. पार्टी ने कहा कि मनमोहन सिंह ने 2008 में कहा था, 'ऑयल बांड जारी करना और तेल कंपनियों पर घाटे का बोझ डालना, इस समस्या का स्थाई समाधान नहीं है. ऐसा करके हम केवल अपना बोझ अपने बच्चों पर पास कर रहे हैं, जिन्हें ये कर्ज चुकाना पड़ेगा.' बीजेपी ने कहा कि मोदी सरकार की नीतियों के चलते अब बच्चों पर कोई बोझ नहीं डाला जा रहा है. इतना ही नहीं, मनमोहन सरकार ने जो बोझ भविष्य की पीढ़ी पर डाला था, वो भी मोदी सरकार ने चुका दिया है. इसलिए आज मनमोहन सिंह की आपत्ति समझ से परे है.
बीजेपी ने कहा कि सब्सिडी कोई समाधान नहीं है और सब्सिडी का बोझ भी आखिरकार देश को ही उठाना पड़ता है और देश आर्थिक संकट में फंस सकता है. इस दलील के समर्थन में भी सरकार ने 2012 के मनमोहन सिंह के बयान का हवाला दिया. मनमोहन सिंह ने कहा था, 'पेट्रोलियम उत्पादों पर सब्सिडी बहुत बढ़ गई है. इसके लिए पैसा कहां से आएगा. पैसा पेड़ पर नहीं उगता है. इसी वजह से हमने 1991 में आर्थिक संकट का सामना किया था.'
कांग्रेस ने बढ़ाए ज्यादा दाम!
बीजेपी ने कहा, 'मोदी सरकार ने 1.3 लाख करोड़ रुपये का बकाया ऑयल बांड और उस पर 40,000 करोड़ रुपये का ब्याज चुका दिया है, जो उन्हें मनमोहन सिंह की यूपीए सरकार से विरासत में मिला था. ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि हम अपने बच्चों पर बोझ नहीं डालना चाहते.'
बीजेपी ने ये भी कहा कि यूपीए के मुकाबले एनडीए सरकार में कीमतों में बढ़ोतरी काफी कम हुई है. बीजेपी ने बताया कि 2004 से 2009 के बीच डीजल की कीमतों में 42 प्रतिशत और 2009 से 2014 के बीच 83.7 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई. इसके मुकाबले मोदी सरकार में 2014 से 18 सितंबर 2018 तक ये बढ़ोतरी सिर्फ 28 प्रतिशत ही हुई है.
बीजेपी का दावा है कि इस तरह पेट्रोल की कीमतों में भी कांग्रेस सरकार के दौरान ज्यादा इजाफा हुआ. बीजेपी ने बताया कि 2004 से 2009 के बीच पेट्रोल के दाम 20.5 प्रतिशत बढ़े, जबकि 2009 से 2014 के बीच ये वृद्धि 75.8 प्रतिशत रही. इसके विपरीत मोदी सरकार में अभी तक सिर्फ 13 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई है.