प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15 अगस्त को 72वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले से भाषण देने वाले हैं. इसको लेकर लोगों को काफी उत्सुकता है. पीएम मोदी गरीबों और आम जनता को लेकर कई बड़ी घोषणाएं कर सकते हैं.
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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15 अगस्त को 72वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले से भाषण देने वाले हैं. इसको लेकर लोगों को काफी उत्सुकता है. क्योंकि, पीएम मोदी अपने इस भाषण में गरीबों और आम जनता को लेकर कई बड़ी घोषणाएं कर सकते हैं. उम्मीद है कि नरेंद्र मोदी 15 अगस्त को आयुष्मान भारत स्कीम लॉन्च कर सकते हैं. बजट 2019 के दौरान घोषित की गई आयुष्मान भारत स्कीम के तहत देश के 10 करोड़ परिवारों को 5 लाख रुपए तक के फ्री हेल्थ इंश्योरेंस की सुविधा दी जाएगी. इसमें लगभग सभी गंभीर बीमारियों का इलाज कवर होगा.
उम्र की कोई सीमा नहीं
आयुष्मान भारत स्कीम में कोई भी (विशेष रूप से महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग) इलाज से वंचित न रहे, इसके लिए फैमिली साइज और उम्र पर कोई सीमा नहीं लगाई गई है. इस स्कीम में अस्पताल में भर्ती होने और उसके बाद के खर्च को शामिल किया गया है. हर बार हॉस्पिटलाइजेशन के लिए ट्रांसपोर्टेशन अलाउंस का भी उल्लेख किया गया है. इलाज देश के किसी भी सरकारी या प्राइवेट अस्पताल में कैशलेस इलाज कराया जा सकेगा. इस योजना के तहत स्वास्थ्य मित्र बनाए जाने की भी खबर है.
योजना में मिलेंगे ये फायदे
योजना के तहत लगभग 50 करोड़ लोगों को सालाना 5 लाख रुपए के इलाज की मुफ्त सुविधा दी जाएगी. केंद्र सरकार की योजना इस स्कीम के तहत देश के लगभग 10 करोड़ परिवारों को कवर करने की है. अभी इस स्कीम के तहत देश के सामाजिक और आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को मुफ्त इलाज की सुविधा मुहैया कराई जाएगी. पॉलिसी लेने के पहले दिन से ही ये सारी सुविधाएं मिलने लगेंगी. अस्पताल में भर्ती होने की स्थिति में आने जाने का भत्ता (निर्धारित दर पर परिवहन भत्ता-ट्रांसपोर्ट अलाउंस) भी दिया जाएगा.
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आयुष्मान भारत योजना का क्या होगा मॉडल
सूत्रों के मुताबिक, देश के तमाम राज्यों में इस स्कीम को हाइब्रिड मॉडल पर लागू किया जा सकता है. इसके तहत 1 लाख रुपए तक के इलाज का खर्च बीमा कंपनी वहन करेगी. वहीं, इलाज का बिल 1 लाख रुपए से अधिक होने पर बिल का भुगतान ट्रस्ट करेगा. देश में इस स्कीम को लागू करने के लिए 23 राज्य सहमत हो गए हैं. लेकिन कई राज्य ऐसे हैं जो अपने यहां इस स्कीम को इन्श्योरेंस मॉडल के बजाए ट्रस्ट मॉडल पर लागू करना चाहते हैं. हाइब्रिड मॉडल पर ज्यादातर राज्य सहमत हो सकते हैं. इससे बीमा कंपनियों पर भी कम खर्च आएगा और केंद्र सरकार को भी इस स्क्ीम के तहत प्रति परिवार कम प्रीमियम देना होना.
मिलेगा फैमिली कार्ड
आयुष्मान भारत स्कीम के लिए मोदी सरकार करीब 11 करोड़ 'फैमिली कार्ड' छापेगी और उन्हें लोगों तक हाथोंहाथ पहुंचाएगी. सरकार गावों में 'आयुष्मान पखवाड़ा' का आयोजन करेगी. जहां इन कार्ड्स की हैंड डिलीवरी दी जाएगी. मतलब यह कि हर घर तक कार्ड पहुंचाने की जिम्मेदारी मोदी सरकार खुद उठाएगी. सरकार दिल्ली में 24X7 कॉल सेंटर भी बनाएगी, जहां इस मेडिकल इंश्योरेंस स्कीम से जुड़ी लोगों की शिकायतें सुनी जाएंगी और सवालों के जवाब दिए जाएंगे. इसकी जानकारी आयुष्मान भारत- नेशनल हेल्थ प्रोटेक्शन मिशन (AB-NHPM) ने दी है. 'फैमिली कार्ड' पर इस स्कीम के पात्र सदस्यों के नाम होंगे. कार्ड के साथ हर व्यक्ति के नाम वाला एक लेटर दिया जाएगा, जिसमें आयुष्मान भारत स्कीम की विशेषताएं बताई जाएंगी.
प्रक्रिया होगी आसान
AB-NHPM के मुताबिक, सरकार ने ग्रामीण इलाकों में 80 पर्सेंट लाभार्थी और शहरी क्षेत्रों से 60 पर्सेंट लाभार्थियों का चयन अब तक इन कार्ड के लिए किया है. फैमिली कार्ड लाभार्थियों की पहचान प्रक्रिया को आसान बनाने का एक जरिया भी होंगे. हालांकि, इसके लिए अन्य डॉक्युमेंट्स की भी जरूरत होगी.
ये होगी पूरी प्रोसेस
नेशनल हेल्थ एजेंसी से लाभार्थियों की सूचना मिलने पर सर्विस प्रोवाइड लेटर्स की प्रिटिंग शुरू करेंगे. प्रिटिंग के बाद एरिया कोड़ के मुताबिक सभी लेटर्स डिस्ट्रिक्ट हेडक्वॉर्टर भेजे जाएंगे. इसके बाद लेटर्स को ग्राम पंचायत भेजा जाएगा. इसके बाद सरकार के आयुष्मान पखवाड़ा कार्यक्रम में हेल्थ वर्कर्स इन लेटर्स को लाभार्थियों के परिवारों को खुद देंगे.
दो साल में पूरा होगा लक्ष्य
AB-NHPM के बिड डॉक्युमेंट के मुताबिक, रोज करीब 5 लाख लेटर जारी करने की रफ्तार से दो साल में 10.74 करोड़ इंफॉर्मेशन लेटर और फैमिली कार्ड छापने और बांटने होंगे. मतलब यह कि इन कार्ड्स को डिलीवरी में दो साल का वक्त लगेगा. पात्र परिवारों तक कार्ड नहीं पहुंचने पर उन्हें योजना से अयोग्य घोषित नहीं किया जाएगा.
इसी महीने शुरू होगी प्रक्रिया
कॉल सेंटर और फैमिली कार्ड्स की प्रिन्टिंग का कॉन्ट्रैक्ट अगस्त से दिए जाएंगे. सर्विस प्रोवाइडर हब एंड स्पोक मॉडल का इस्तेमाल कॉल सेंटर के लिए करेंगे. इसके अलावा देशभर में जोनल कॉल सेंटर भी बनाए जाएंगे. इसके लिए एक टोल फ्री नंबर होगा. कॉल सेंटर ई-मेल और ऑनलाइन चैट का जवाब देने में भी सक्षम होंगे.