फेसबुक के संस्थापक और सीईओ मार्क जुकरबर्ग को करीब 35 अरब रुपए का भारी झटका लगा. लेकिन, फिर भी वह दुनिया के चौथे सबसे अमीर व्यक्ति.
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नई दिल्ली: फेसबुक संस्थापक और सीईओ मार्क जुकरबर्ग को बड़ा झटका लगा है. जुकरबर्ग की कंपनी ने एक दिन में 6.06 बिलियन डॉलर यानी करीब 395 अरब रुपए गवां दिए. यूएस शेयर बाजार में लिस्ट कंपनी का शेयर औंधे मुहं गिर गया. जिसकी वजह से यह नुकसान हुआ. दरअसल, फेसबुक के करोड़ों यूजर्स का डाटा लीक होने का मामले सामने आया था. जिससे फेसबुक के शेयर मूल्य में 35 अरब डॉलर की गिरावट देखी गई.
फिर भी दुनिया के चौथे अमीर
सहयोगी संगठनों के साथ फेसबुक के 403 मिलियन से अधिक के शेयर जुकरबर्ग के पास हैं, जिनकी कीमत 68.5 बिलियन है. यही वजह है कि 35 अरब डॉलर के भारी नुकसान के बाद भी नेट वर्थ के मामले में जैफ बेजोस, बिल गेट्स और वॉरेन बफेट के बाद जुकरबर्ग दुनिया के चौथे सबसे अमीर व्यक्ति बने हुए हैं.
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डेटा लीक मामला
रिपोर्ट्स के मुताबिक, फेसबुक ने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के दौरान डोनाल्ड ट्रंप की मदद करने वाली एक फर्म "कैम्ब्रिज एनालिटिका" को 5 करोड़ से अधिक फेसबुक यूजर्स का डाटा बेच दिया. और इस डाटा का इस्तेमाल कर गलत तरीके से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को चुनाव जीतने में मदद की गई. खबर के फैलने पर अमेरिकी और यूरोपीय संसद ने फेसबुक से डाटा लीक मामले में जबाव मांगा है और साथ ही यह भी पूछा गया कि कैम्ब्रिज एनालिटिका ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को जीताने में किस तरह मदद की.
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और सख्त हो सकते हैं रेग्युलेशन
डाटा लीक मामले से पहले ही फेसबुक ने यह जानकारी दी थी कि 2016 में अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव से पहले उसके प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल रूसी लोगों ने प्रचार-प्रसार के लिए कैसे किया था. हालांकि, इसे लेकर जुकरबर्ग सवालों के घेरे में नहीं आए थे. लेकिन, डाटा लीक मामले से सोशल नेटवर्किंग साइट्स के लिए सख्त रेग्युलेशन का दबाव भी बन सकता है. ब्रिटेन के एक सांसद ने कहा कि देश के प्राइवेसी वॉचडॉग को अधिक ताकत मिलनी चाहिए.
क्या है कैम्ब्रिज एनालिटिका
"कैम्ब्रिज एनालिटिका" डाटा माइनिंग और डाटा एनालाइज करने वाली एक प्राइवेट कंपनी है. जो डाटा माइनिंग और एनालिसिस के आधार पर राजनीतिक पार्टियों को राजनीतिक रणनीति बनाने में मदद करती है. यह वही कंपनी है जिसकी मदद के आधार पर राहुल गांधी गुजरात में मोदी को हराना चाहते थे. गुजरात में कांग्रेस का परचम फहराना चाहते थे. गुजरात में मोदी को हराने के लिए राहुल गांधी ने इसी फर्म को ठेका दिया था.