आर्थिक संकट में कंपनियों को लेकर बड़ा फैसला, 1 साल तक कोई दिवालिया प्रोसेस नहीं
Advertisement
trendingNow1682498

आर्थिक संकट में कंपनियों को लेकर बड़ा फैसला, 1 साल तक कोई दिवालिया प्रोसेस नहीं

वित्त मंत्री आज आत्मनिर्भर भारत अभियान पैकेज की पांचवीं और आखिरी किस्त की घोषणाएं कर रही हैं. 

आर्थिक संकट में कंपनियों को लेकर बड़ा फैसला, 1 साल तक कोई दिवालिया प्रोसेस नहीं

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज के ऐलान के बाद वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) लगातार प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आर्थिक पैकेज की डीटेल दे रही हैं. वित्त मंत्री आज आत्मनिर्भर भारत अभियान पैकेज की पांचवीं और आखिरी किस्त की घोषणाएं कर रही हैं. प्रेस कॉन्फ्रेंस की शुरुआत में वित्त मंत्री ने कहा कि हमने पिछले चार दिनों में लैंड, लेबर, लिक्विडिटी और लॉ के लिए कई घोषणाएं कीं.

उन्होंने याद दिलाते हुए कहा कि पीएम ने कहा था कि जान है तो जहान है. देश संकट के दौर से गुजर रहा है. पीएम ने यह भी कहा था कि आपदा को अवसर में बदलने की जरूरत है. संकट का दौर नए अवसर भी खोलता है.  

वित्त मंत्री के अहम ऐलान
- मनरेगा के लिए अतिरिक्त 40 हजार करोड़ दिए जाएंगे. बजट में 61 हजार करोड़ रुपए मनरेगा के लिए फंड पहले ही दिया जा चुका है.

- स्वास्थ्य के क्षेत्र में नए रिफॉर्म किए जाएंगे. ब्लॉक लेवल पर पब्लिक हेल्थ लैब और अस्पताल बनाए जाएंगे.

- पीएम ई-विद्या प्रोग्राम के तहत डिजिटल ऑनलाइन प्रोग्राम लॉन्च किए जाएंगा. दीक्षा स्कूल एजुकेशन के लिए वन नेशन वन डिजिटल प्लेटफॉर्म तुरंत शुरू किया जाएगा. हर क्याल के लिए एक टीवी चैनल लॉन्च किया जाएगा. कक्षा एक से 12 तक के लिए वन क्लास वन चैनल के तहत चैनल लॉन्च किए जाएंगे. छात्रों के लिए मनु दर्शन के माध्यम से साइकोलॉजिकर सपोर्ट शुरू किए जाएंगा. दिव्यांग छात्रों के लिए स्पेशल ई-कंटेंट उपलब्ध कराए जाएंगे. शिक्षा के क्षेत्र में रेडियो का इस्तेमाल किया जाएगा. 

- कई बिजनेस लॉकडाउन में बुरी तरह प्रभावित हुए हैं. कोई भी लोन की बकाया राशि कंपनियों के पास पड़ी है और कोरोना वायरस की वजह से वह नहीं दे पा रहे हैं तो वह डिफॉल्ट में नहीं शामिल किया जाएगा. इसका फायदा MSME's को मिलेगा. कंपनियों के लिए 1 साल तक कोई दिवालिया प्रोसेस नहीं शुरू की जाएगी. छोटे और मध्यम उद्योगों के लिए एक स्पेशल दिवालिया प्रोसीजर लाए जाएंगे. 

- दिवालिया कार्यवाही के लिए थ्रेसोल्ड लिमिट ₹1लाख से बढ़ाकर ₹1करोड़ कर दी गई है. कंपनीज एक्ट के तहत कंपनियों को डिक्रिमिनलाइजेशन का फायदा दिया जाएगा. अगर वह टेक्निकल और प्रोसीजरल नेचर में छोटी-मोटी गलतियों पर आपराधिक कार्यवाही नहीं होगी. 7 ऐसे कंपाउंडेबल ऑफेंसेस हैं जिसे अपराध की श्रेणी से बाहर रखा जाएगा. कंपनियों को छोटे-मोटे उल्लंघन पर आपराधिक केसों में नहीं घसीटा जाएगा. इससे ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बल मिलेगा.

- पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइजेज पॉलिसी की घोषणा की जाएगी. विशेष क्षेत्रों में पब्लिक सेक्टर काम करते रहेंगे लेकिन प्राइवेट कंपनियां भी लगभग सभी सेक्टर में हिस्सा ले सकेंगीं. नोटिफाइड क्षेत्र में पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइजेज काम करेंगे. कम से कम एक पब्लिक सेक्टर की कंपनी नोटिफाई क्षेत्र में काम करेगी लेकिन इसमें प्राइवेट कंपनियों को भी अनुमति दी जाएगी. स्ट्रैटेजिक सेक्टर की घोषणा अलग से होगी जिसमें मैक्सिमम 4 पब्लिक कंपनियां काम करेंगी. पब्लिक सेक्टर कंपनियों के निजीकरण का फैसला मार्केट को देख कर लिया जाएगा.

- राज्य सरकारों को सहायता दी जाएगी. पहले भी दी गई है. कोरोना महामारी के चलते राज्य सरकारें भी अपने राजस्व में कमी देख रही हैं. केंद्र ने 46038 करोड़ रुपए अप्रैल महीने में राज्य सरकारों को दिए. 12390 करोड़ रुपए रेवेन्यू घाटे के लिए समय पर राज्यों को दिए गए. 11,092 करोड़ रुपए स्टेट डिजास्टर रिलीफ फंड के तहत अप्रैल महीने में दिए गए. एंटी कोविड-19 एक्टिविटी के लिए राज्य सरकारों को हेल्थ मिनिस्ट्री की तरफ से 4,113 करोड़ रुपए पहले ही दिए गए थे. RBI की तरफ से राज्यों की उधार की लिमिट बढ़ाई गई और दिन भी बढ़ाए. राज्यों के लिए ओवरड्राफ्ट फेसिलिटी 32 दिन से बढ़ाकर 50 दिन किया है.

- राज्यों को समय पर ग्रांट दिए गए. केंद्र ने राज्यों की पूरी मदद करने की कोशिश की. राज्य 6.41 लाख करोड़ की उधारी ले सकते हैं. जोकि उनकी जीडीपी का 3% होना चाहिए, उसे 3% से बढ़ाकर 5% कर दिया गया है. राज्यों को उसके 75% हिस्से की उधारी लेने की अनुमति दी गई है. लेकिन राज्यों ने केवल 14% की ही उधारी ली है. जबकि राज्यों ने हमसे उधारी की लिमिट बढ़ाने को कहा था उसके बावजूद भी उन्होंने 86% की उधारी अभी तक नहीं ली है. अगर राज्य उधारी लेते तो 4.28 लाख करोड़ उनके पास आते. 

20 लाख करोड़ का पूरा ब्योरा ये रहा-

- पहाली किस्त 5,94,550 करोड़
- दूसरी किस्त 3,10,000 करोड़
- तीसरी किस्त- 1,50,000 करोड़
- चौथी और पांचवीं किस्त- 48,100 करोड़
- इससे पहले 1,91,800 करोड़ की घोषणाएं की गईं.
- RBI ने 8,01,603 करोड़ के ऐलान किए. 

वित्त मंत्री द्वारा कुल 11,02650 करोड़ के ऐलान किए गए. इसके अलावा पहले 1,91,800 करोड़ की घोषणाएं की गईं साथ ही RBI ने 8,01,603 करोड़ के ऐलान किए. कोरोना काल के दौरान सरकार और आरबीआई ने मिलकर कुल 20,97,053 करोड़ के एलान किए.   

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने और क्या कहा- 
वित्त मंत्री ने कहा कि गरीबों को आर्थिक मदद दी जा रही है. राज्य सरकारों ने भी मजदूरों के लिए इंतजाम किए. उन्होंने कहा कि लोगों को अनाज देकर मदद की गई. दालें भी 3 महीने पहले एडवांस में दे दी गईं. मैं FCI, NAFED और राज्यों के ठोस प्रयासों की सराहना करती हूं जिन्होंने लॉजिस्टिक की इतनी बड़ी चुनौती के बाद भी इतनी ज्यादा मात्रा में दालें और अनाज बांटा. जन धन अकाउंट योजना के तहत 20 करोड़ लोगों के अकाउंट में पैसा दिया यह 10025 करोड़ की राशि है. 2.20 करोड़ बिल्डिंग और कंस्ट्रक्शन वर्कर की सहायता की गई. 8.19 करोड़ किसानों के अकाउंट में 2-2 हजार रुपये दिए गए. 

उन्होंने कहा कि ईपीएफओ के जरिए लोगों की सहायता की गई. 6 करोड़ से ज्यादा लोगों को सिलेंडर दिए गए. दाल और अनाज अतिरिक्त 2 महीने के लिए फ्री दिए गए. वर्कर के लिए ट्रेन की व्यवस्था की गई. मजदूरों को लाने ले जाने के लिए ट्रेन पर जो खर्च आया उसका 85% केंद्र सरकार ने दिया. लोगों की जिंदगी हमारे लिए पहली प्राथमिकता है इसलिए हमने सहायता की है. जब लॉकडाउन खुलेगा तो कारोबारियों के सामने चुनौती होगी, लोगों के सामने अपने बिजनेस के लिए वर्कर और पैसे की जरूरत होगी. कुछ लोग यह भी सोच सकते हैं कि हम दिवालिया हो गए. हम उनके लिए हर तरीके की सहायता के लिए काम कर रहे हैं.

वित्त मंत्री ने कहा कि हम मनरेगा, ग्रामीण और शहरी इलाकों में हेल्थ, बिजनेस, कंपनियों का डिक्रिमिनलाइजेशन, इज ऑफ डूइंग बिजनेस, पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइजेज, राज्य सरकार और संसाधनों के लिए हम घोषणा कर रहे हैं. निर्मला सीतारमण ने कहा कि कोरोना के बाद की तैयारियों पर भी सरकार का ध्यान है. वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि हो सकता है थोड़ी बहुत कमी रही होंगी लेकिन प्रयासों में आगे भी कोई कमी नहीं करेंगे. 

निर्मला सीतारमण ने बताया कि 15,000 करोड़ रुपए की हेल्थ योजना की घोषणा की जा चुकी है. जिनमें से 4113 करोड़ राज्यों को दे दिए गए हैं. 3750 करोड़ रुपए के एसेंशियल आइटम्स के लिए, 550 करोड़ रुपए टेस्टिंग लैब्स और किट्स में खर्च हुए. हेल्थ वर्कर्स के लिए 50 लाख रुपए का बीमा दिया गया. कोरोना के समय में कंपनीज एक्ट में लोगों को कंप्लायंस में बर्डन न हो इसके लिए हमने ढील दी. हमने इस बर्डन को कम किया. वित्त मंत्री ने कहा कि ऑनलाइन एजुकेशन के लिए हम डीटीएच चैनल्स के जरिए काम कर रहे हैं. एचआरडी मिनिस्ट्री ने लाइव क्लासेस की व्यवस्था की और ये बच्चों को काफी पसंद आ रही है. बच्चे टेक्नोलॉजी को काफी तेजी से अडॉप्ट कर रहे हैं. 

ये भी देखें...

Trending news