पीएनबी का 11,400 करोड़ रुपये का घोटाला उजागर होने के बाद देश के दूसरे सबसे बड़े बैंक ने अपने निवेशकों और ग्राहकों को आश्वस्त किया है. निवेश्कों और ग्राहकों को आश्वासन देने के लिए बैंक की तरफ से सोशल मीडिया का सहारा लिया गया.
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नई दिल्ली : पीएनबी का 11,400 करोड़ रुपये का घोटाला उजागर होने के बाद देश के दूसरे सबसे बड़े बैंक ने अपने निवेशकों और ग्राहकों को आश्वस्त किया है. निवेश्कों और ग्राहकों को आश्वासन देने के लिए बैंक की तरफ से सोशल मीडिया का सहारा लिया गया. पीएनबी ने बुधवार को अपने ट्विटर अकाउंट पर ग्राहकों और निवेशकों को संबोधित करते हुए लिखा कि वे आश्वस्त रहें क्योंकि उसके पास पर्याप्त पूंजी है और मजबूत सरकारी समर्थन भी. इन संदेशों में पीएनबी ने निवेशकों और ग्राहकों को आश्वस्त किया है कि 11,400 करोड़ रुपये के धोखाधड़ी मामले के बाद के हालात से निपटने के लिए उसे सरकार का पूरा समर्थन है और उसके पास पर्याप्त पूंजी है.
बैंक ने ट्वीट में अपने ग्राहकों से कहा 'हम आपको आश्वस्त करते हैं कि आपके इस बैंक में कारोबार सामान्य है.' देश के दूसरे सबसे बड़े बैंक ने मीडिया में आई उन खबरों को भी खारिज किया है कि उसने निकासी पर किसी तरह के प्रतिबंध लगाए हैं. पीएनबी के अनुसार, 'आश्वस्त रहें हमारे पास मजबूत सरकारी समर्थन है. बैंक की मुख्य ताकत 123 साल के अनुभव वाली ब्रांड इमेज, मजबूत कासा आधार तथा स्थिर आस्ति गुणवत्ता है.' बैंक ने ट्वीट में लिखा, 'हमारे पास पर्याप्त पूंजी है और हमारा गैर प्रमुख आस्ति आधार बहुत मजबूत है.'
कई एजेंसियां जांच कर रही
गौरतलब है कि पीएनबी में सामने आए 11,400 करोड़ रुपये के धोखाधड़ी मामले की जांच अनेक एजेंसियां कर रही हैं. इससे पहले पीएनबी ने महाघोटाले के सामने आने के बाद पहली बार खुद एक्शन लिया है. बैंक मैनेजमेंट ने पिछले एक हफ्ते में 18 हजार कर्मचारियों का तबादला कर दिया है. यह ठीक उस वक्त हुआ है जब सीबीआई लगातार बैंक कर्मचारियों को गिरफ्तार कर रही है. अभी तक सीबीआई ने तीन कर्मचारी और बैंक के जनरल मैनेजर को गिरफ्तार किया है.
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सीवीसी के ऑर्डर पर कार्रवाई शुरू हुई
बैंक की ट्रांसफर लिस्ट बुधवार (21 फरवरी) को बाहर आई. केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) के ऑर्डर पर बैंक ने कार्रवाई शुरू की है. आपको बता दें कि बैंकिंग फ्रॉड में सीबीआई अब तक मुंबई में पीएनबी ब्रांच से जुड़े करीब 13 अफसरों को गिरफ्तार कर चुकी है. सीवीसी ने मंगलवार को बैंकों के लिए एडवाइजरी जारी की थी. एडवाइजरी में कहा गया था कि एक ही जगह पर कई सालों तक तैनाती से घोटाले में मदद की आशंका दिखती है. इसमें कहा गया था कि 21 फरवरी तक 3 साल से ज्यादा वक्त से एक ही पोस्ट और ब्रांच में तैनात बैंक अफसर और 5 साल से ज्यादा वक्त से एक ही ब्रांच में काम कर रहे क्लर्कों की लिस्ट बनाई जाए. इसके बाद तबादलों का सिलसिला शुरू हुआ.
केंद्र का एसआईटी गठन का विरोध
बुधवार को केंद्र ने घोटाले की स्वतंत्र जांच कराने और हीरों के अरबपति व्यापारी नीरव मोदी को वापस लाने के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) के गठन की याचिका का सुप्रीम कोर्ट में विरोध किया. सरकार ने कहा कि इस मामले में प्राथमिकी दर्ज की जा चुकी है और जांच जारी है. प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति एएम खानविलकर और न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड़ की खंडपीठ ने कहा, 'इस समय वह इस मामले के बारे में कुछ नहीं कह रही है.' पीठ ने इसके साथ ही वकील विनीत ढांडार की जनहित याचिका आगे सुनवाई के लिए 16 मार्च को सूचीबद्ध कर दी.
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कई बिंदुओं पर जनहित याचिका का विरोध
केंद्र की ओर से अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि वह इस मामले में प्राथमिकी दर्ज होने के बाद जांच शुरू हो जाने सहित कई बिंदुओं पर जनहित याचिका का विरोध कर रहे हैं. जनहित याचिका में पीएनबी, भारतीय रिजर्व बैंक और वित्त मंत्रालय तथा विधि एवं न्याय मंत्रालय को प्रतिवादी बनाया गया है. इसमें इस बैंकिंग धोखाधड़ी में कथित रूप से शामिल नीरव मोदी और अन्य को दो महीने के भीतर वापस लाने की कार्यवाही शुरू करने का निर्देश दिया जाए.
(इनपुट एजेंसी से भी)
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