'अगले दशक में भारतीय अर्थव्यवस्था नई उड़ान भरने को तैयार है और 2025 तक देश की जीडीपी का आकार दोगुना होकर पांच हजार अरब डॉलर होने की उम्मीद है.'
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नई दिल्ली: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आज कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था तेज वृद्धि के लिए तैयार है. देश का का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 2025 तक दोगुना होकर 5,000 अरब डॉलर के आंकड़े को छू लेने की संभावना है. वह यहां भारतीय सनदी लेखाकार संस्थान (आईसीएआई) के प्लेटिनम जुबली समारोह को संबोधित कर रहे थे. कोविंद ने कहा, ‘‘अगले दशक में भारतीय अर्थव्यवस्था नई उड़ान भरने को तैयार है और 2025 तक देश की जीडीपी का आकार दोगुना होकर पांच हजार अरब डॉलर होने की उम्मीद है.’’ राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता बाजार बनाने की भी कोशिश कर रहा है.
चार्टड अकाउंटेंट की भूमिका अहम
कोविंद ने चार्टड अकाउंटेंटों को जनहित का प्रहरी बताया. उन्होंने कहा कि देश की कर प्रणाली और करदाताओं को सुविधा देने में चार्टड अकाउंटेंटों की महत्वपूर्ण भूमिका है. उन्होंने निष्पक्ष कर प्रणाली के अनुपालन पर जोर देते हुए कहा कि इसका आशय सरकार को राजस्व देने से कहीं अधिक है.
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कालेधन के खिलाफ लड़ाई जारी
कारपोरेट मामलों के राज्य मंत्री पी. पी. चौधरी भी इस माकै पर मौजूद थे. उन्होंने कहा कि सरकार की काले धन के खिलाफ लड़ाई जारी रहेगी और इस क्रम में अब तक 2.25 लाख संदिग्ध मुखौटा कंपनियों की पहचान की गई है. दूरसंचार राज्य मंत्री मनोज सिन्हा ने भी इस अवसर पर अपनी बात रखी.
वित्त मंत्रालय भी लगाया था अनुमान
इससे पहले वित्त मंत्रालय भी कह चुका है कि 2025 तक भारतीय अर्थव्यवस्था का आकार दोगुना होकर 5,000 अरब डॉलर यानी 325,00,000 करोड़ रुपए पर पहुंच जाएगी. भारतीय अर्थव्यवस्था इसके रास्ते पर आगे बढ़ रही है. हालांकि, मंत्रालय ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा तय मुद्रास्फीति के लक्ष्य मामले में कोई खतरा नहीं है. आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने कहा, 'देश सात से आठ प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल करने की ओर अग्रसर है. स्टार्ट अप, एमएसएमई तथा बुनियादी ढांचा निवेश पर ध्यान दिए जाने से अर्थव्यवस्था की रफ्तार और तेज की जा सकती है.’’
वर्ल्ड बैंक भी कर चुका है तारीफ
वर्ल्ड बैंक ने भी भारतीय अर्थव्यवस्था की तारीफ करते हुए कहा था कि मोदी सरकार ने रिफॉर्म्स को लेकर अच्छा काम किया है. भारतीय अर्थव्यवस्था में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के कारण आई सुस्ती दूर हो चुकी है और यह दोबारा दुनिया की सबसे तेज रफ्तार अर्थव्यवस्था बनने की ओर बढ़ रही है. इस साल इसकी विकास दर 7.3 फीसदी और 2019 में 7.6 फीसदी तक पहुंच सकती है. 2028 तक भारत तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है.
(इनपुट एजेंसी से भी)