देश में प्रदूषण के बढ़ते स्तर को कंट्रोल करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को सरकार को डीजल के दाम बढ़ाने पर विचार करने के लिए कहा है. बढ़ते प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहले भी सरकार को कई बार आदेश दे चुका है.
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नई दिल्ली : देश में प्रदूषण के बढ़ते स्तर को कंट्रोल करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को सरकार को डीजल के दाम बढ़ाने पर विचार करने के लिए कहा है. बढ़ते प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहले भी सरकार को कई बार आदेश दे चुका है. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने पर्यावरण संरक्षण और हवा की गुणवत्ता को सुधारने के लिए दिल्ली में 1 अप्रैल 2018 से BS-VI पेट्रोल-डीजल मुहैया कराने का आदेश दिया था. सुप्रीम कोर्ट के डीजल के दाम बढ़ाने के सुझाव देने के बाद सरकार दाम बढ़ाने पर विचार कर सकती है.
प्रदूषण नियंत्रित करने के लिए सलाह
दरअसल दिल्ली एनसीआर के साथ ही देश के कई शहरों में हवा का स्तर खराब होता जा रहा है. प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को यह सलाह दी है. इसके अलावा शीर्ष अदालत ने सोमवार को 13 मेट्रो सिटी में अप्रैल 2019 तक BS-VI ईंधन को रोल आउट करने का प्रस्ताव भी दिया है. अदालत ने कहा कि इसके लिए केंद्र सरकार ऑयल मार्केटिंग कंपनियों से इस प्रस्ताव पर चर्चा कर सकती है.
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सरकार की तरफ से यदि डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी की जाती है और बीएस -VI मानक वाला पेट्रोल और डीजल मुहैया कराया जाता है तो प्रदूषण के स्तर में कमी आ सकती है. पिछले दिनों पेट्रोलियम मंत्रालय ने फैसला लिया था कि बीएस -VI (BS-VI) ईंधन को दो साल पहले लाया जाएगा. इस फैसले के अनुसार पेट्रोल पंपों पर 1 अप्रैल 2018 से बीएस -VI मानक वाला पेट्रोल और डीजल मिलेगा.
BS VI fuel implementation case: Supreme Court proposes roll out of BS VI fuel across 13 leading metros by April 1, 2019. SC said Center may consult OMCs (Oil Marketing Companies) to reply to the proposal.
— ANI (@ANI) March 26, 2018
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इससे पहले सरकार का फैसला था कि बीएस -VI ईंधन को साल 2020 से लाया जाएगा. पेट्रोलियम मंत्रालय की तरफ से कहा था कि दिल्ली में पिछले कुछ सालों में बढ़ी प्रदूषण और स्मॉग की समस्या के बाद यह फैसला लिया गया है. बीएस 6 ईंधन से दिल्ली की सड़कों पर चलने वाले वाहनों के उत्सर्जन में कमी आएगी. आपको बता दें कि 1 अप्रैल 2017 से सुप्रीम कोर्ट ने वाहन निर्माता कंपनियां के बीएस-3 वाहनों की बिक्री करने पर रोक लगा दी थी.