क्‍या जापान ने रोक दी है भारत में बुलेट ट्रेन की फंडिंग? जानिए हकीकत...
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क्‍या जापान ने रोक दी है भारत में बुलेट ट्रेन की फंडिंग? जानिए हकीकत...

बुलट ट्रेन की फंडिंग रोके जाने की खबरों के बीच जापान और बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के अधिकारियों ने मंगलवार को इन खबरों का पूरी तरह से खंडन किया.

बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट की फंडिंग पर रोक की बात निकली अफवाह (फाइल फोटो)

नई दिल्ली : बुलेट ट्रेन की फंडिंग रोके जाने की खबरों के बीच जापान और बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के अधिकारियों ने मंगलवार को इन खबरों का पूरी तरह से खंडन किया. जापान दूतावास की ओर से दी गई जानकारी में कहा गया कि भारत में हाईस्पीड रेल प्रोजेक्ट अपने ट्रैक पर है. 17 सितम्बर को इस प्रोजेक्ट की ज्‍वॉइंट मीटिंग भी हुई थी और जापान का भारत सरकार के साथ जो वायदा है वह पूरा किया जाएगा.

  1. बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट की फंडिंग पर रोक की बात निकली अफवाह
  2. दिसम्बर तक पूरा कर लिया जाएगा भूमि अधिग्रहण का काम
  3. 15 अगस्त 2022 तक इस हाई स्पीड ट्रेन को चलाने की है तैयारी
     

वहीं, भारत सरकार और राज्य सरकारें भूमि अधिग्रहण की दिक्कतों को सुलझाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं. बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट को पूरा करने की अंतिम समयसीमा दिसंबर 2023 है, लेकिन भारत सरकार इस प्रोजेक्ट को 15 अगस्त 2022 तक पूरा करने का लक्ष्य लेकर चल रही है. प्रधानमंत्री मोदी चाहते हैं कि देश की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ पर देश को यह तोहफा दिया जाए.

क्या थी अफवाह
बुलेेट ट्रेन के लिए भूमि अधिगृहण का काम जारी है. ऐसे में कई जगहों पर किसान इसका विरोध भी कर रहे हैं. इसी बीच एक अफवाह फैल गई कि गुजरात के किसानों से जापान सरकार को पत्र लिखा और जापान सरकार ने हाईस्पीड रेल प्रोजेक्ट की फंडिंग को रोक दिया है. ऐसे में यह प्रोजेक्ट लटक गया है.
 
हाईस्पीड रेल कॉर्पोरेशन ने दी ये जानकारी
हाईस्पीड रेल कॉर्पोरेशन की ओर से जापान की ओर से भारत के बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट की फंडिंग को रोके जाने की खबरों को पूरी तरह से निराधार बताया है. एनएचएसआरसीएल के प्रवक्ता धनंजय कुमार ने बताया कि जापान की ओर से फंडिंग रोके जाने की खबर पूरी तरह से अफवाह है. जापान के साथ हमारा एमओयू हुआ है. इसके तहत हमें 10 मिलियन येन मिल भी चुके हैं. बुलेट ट्रेन के परिचालन के लिए वड़ोदरा में बनाए गए ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट में बड़े पैमाने पर वर्कफोर्स तैयार की जा रही है. हमारा पूरा प्रयास है कि अगले दो सालों में बुलेट ट्रेन का परिचालन शुरू कर दिया जाए.  

जमीन अधिग्रहण है सबसे कठिन काम
बुलेट ट्रेन के परिचालन के लिए इंफ्रास्ट्रकर तैयार किया जा रहा है, लेकिन इस काम में भूमि अधिग्रहण सबसे कठिन काम है. एनएचएसआरसीएल के प्रवक्ता के अनुसार दिसम्बर तक भूमि अधिग्रहण का काम पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. कुछ जगहों पर किसान किन्हीं कारणों से विरोध कर रहे हैं तो उनको समझाया जा रहा है. बुलेट ट्रेन का कुल 508 किलोमीटर ट्रैक फिलहाल तैयार किया जाना है. इसमें से अब तक 150 किलोमीटर ट्रैक का सर्वे हो चुका है. किसानों को कीमत का 05 गुना मुआवजा दिया जा रहा है. किसा का घर टूटने या पेंड कटने पर भी बेहतर मुआवजा दिया जा रहा है. उम्मीद है कि हम दिसम्बर तक भूमि अधिग्रहण का काम पूरा कर लेंगे.

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फिलहाल नहीं है पैसे की जरूरत
बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के लिए भूमि अधग्रहण का काम किया जा रहा है. दिसम्बर के बाद से इस प्रोजेक्ट के लिए टेंडर जारी किए जाएंगे. तब एनएचएसआरसीएल को काफी पैसे की जरूरत होगी. एनएचएसआरसीएल के प्रवक्ता के अनुसार टेंडर निकलने के बाद ही पैसे की जरूरत होगी. तब हम जापान से पैसे की मांग करेंगे और समझौते के तहत वो पैसा उपलब्ध कराएंगे. बुलेट ट्रेन का काम तेज गति से चल रहा रहा है. इसे समय पर पूरा कर लिया जाएगा.

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