ट्रक चालकों की 2 दिन की हड़ताल, पहले दिन 2000 करोड़ रुपये के नुकसान का दावा
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ट्रक चालकों की 2 दिन की हड़ताल, पहले दिन 2000 करोड़ रुपये के नुकसान का दावा

एआईएमटीसी ने कहा कि इन मुद्दों के खिलाफ देश भर में ट्रक चालक एकजुट हैं और यदि सरकार हमारी चिंताएं दूर नहीं कर पायी तो हम दिवाली के बाद विरोध तेज कर देंगे.

ट्रक संगठनों द्वारा बुलाई गई 2 दिन की हड़ताल के बाद बेंगलुरु में खड़ी ट्रकें. (IANS/9 Oct, 2017)

नई दिल्ली: ट्रक चालकों ने माल एवं सेवा कर (जीएसटी) तथा डीजल के ऊंचे दाम की वजह से हो रहे नुकसान को लेकर सोमवार (9 अक्टूबर) से देश भर में दो दिवसीय हड़ताल की शुरुआत की. ट्रक चालकों के संगठन ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (एआईएमटीसी) ने बताया कि जीएसटी, डीजल के ऊंचे दाम तथा सड़क एवं टोल नीतियों को लेकर प्राधिकरणों की प्रताड़ना के खिलाफ दो दिन की हड़ताल शुरू हुई है. एआईएमटीसी की मुख्य समिति के चेयरमैन बाल मलकीत सिंह ने कहा, ‘‘आज (सोमवार, 9 अक्टूबर) शुरू हुई हमारी हड़ताल से देश भर में आपूर्ति प्रभावित हुई हैं. हालांकि, हमने आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति बाधित नहीं की है. हमारा आकलन है कि एक दिन में सड़क परिवहन क्षेत्र को करीब दो हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.’’

  1. एआईएमटीसी से 93 लाख से अधिक ट्रक चालक जुड़े हुए हैं. 
  2. देश भर में करीब 70 से 80 प्रतिशत कारोबार बंद रहा है.
  3. राष्ट्रीय राजधानी समेत अधिकांश हिस्सों में सड़कों से ट्रकें गायब रहीं.

उन्होंने कहा कि इन मुद्दों के खिलाफ देश भर में ट्रक चालक एकजुट हैं और यदि सरकार हमारी चिंताएं दूर नहीं कर पायी तो हम दिवाली के बाद विरोध तेज कर देंगे. उन्होंने कहा कि परिवहन क्षेत्र से 12 करोड़ लोग जुड़े हुए हैं. देश में राष्ट्रीय राजधानी समेत अधिकांश हिस्सों में सड़कों से ट्रकें गायब रहीं. मुंबई में ट्रक चालकों ने मनखुर्द चेकपोस्ट पर धरना भी दिया. एआईएमटीसी से 93 लाख से अधिक ट्रक चालक जुड़े हुए हैं. संगठन ने कई अन्य परिवहन संगठनों के समर्थन का भी दावा किया.

'छोटे उद्योगों और कारोबारियों की वृद्धि के लिए जीएसटी बेहतर'

मलकीत सिंह ने कहा, ‘‘एआईएमटीसी के आह्वान पर हो रही इस दो दिवसीय हड़ताल को इसके सभी संबद्ध सदस्यों का समर्थन हासिल है. यह हड़ताल पहले दिन सफल रही है. देश भर में करीब 70 से 80 प्रतिशत कारोबार बंद रहा है. हम दूसरे दिन भी ऐसी ही उम्मीद रखते हैं.’’ उन्होंने आगे कहा कि परिवहन क्षेत्र की गंभीर समस्याओं के प्रति सरकार का उदासीन रहना आश्चर्यजनक है. इसके कारण दिवाली के बाद ट्रक चालक अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जा सकते हैं.

इंडियन फाउंडेशन ऑफ ट्रांसपोर्ट रिसर्च एंड ट्रेनिंग ने ट्रक चालकों की इस हड़ताल को अप्रभावी करार दिया. इसके समन्वयक एसपी सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र एवं अन्य शहरों में आपूर्ति सामान्य रही है. उन्होंने कहा, ‘‘देश भर में औद्योगिक क्षेत्र भी इस हड़ताल से लगभग अप्रभावित ही रहे हैं. ट्रकें कच्चा माल लेकर आ रहीं हैं और तैयार उत्पादों की ढुलाई करती रहीं.’’ हालांकि, एआईएमटीसी ने कहा कि इस हड़ताल में बांबे मोटर ट्रांसपोर्ट ऑपरेटर्स, बांबे ट्रांसपोर्ट कोऑपरेटिव कंज्यूमर्स सोसायटी और महाराष्ट्र टैंकर लॉरी ऑनर्स एसोसिएशन भी शामिल रहे.

मलकीत सिंह ने कहा, ‘‘अब समय आ गया है कि सरकार डीजल पर करों को समुचित बनाये और इसकी कीमतों को अंतरराष्ट्रीय बाजार के सादृश कम करे. देश भर में कीमतों में साम्य लाने के लिए डीजल को निश्चित तौर पर जीएसटी के अंतर्गत लाना चाहिए. इसकी कीमतों में बदलाव भी तिमाही आधार पर होनी चाहिए.’’ 

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