फिल्‍म रिव्‍यू: क्‍या 'अय्यारी' होगी सिद्धार्थ मल्‍होत्रा की एक और फ्लॉप या हिट!
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फिल्‍म रिव्‍यू: क्‍या 'अय्यारी' होगी सिद्धार्थ मल्‍होत्रा की एक और फ्लॉप या हिट!

सेना की पृष्ठभूमि पर बनी इस फिल्म में सिद्धार्थ मल्होत्रा और मनोज बाजपेयी गुरू-शिष्य के रूप में दिखते हैं. 'अय्यारी’ की कहानी शुरू होती है कर्नल अभय सिंह (मनोज बाजपेई) और मेजर जय बख्शी (सिद्धार्थ मल्होत्रा) की बीच की तकरार से.

'अय्यारी' में रकुल प्रीत और पूजा चौपड़ा नजर आई हैं.

नई दिल्‍ली: आखिरकार दो बार रिलीज डेट बदलने और 26 जनवरी को वीकेंड जैसी सुनहरी रिलीज डेट छोड़कर नीरज पांडे की फिल्‍म 'अय्यारी' आज रिलीज हो गई. 'ए वेडनेसडे' और 'स्पेशल 26' जैसी शानदार फिल्‍मों के बाद दर्शकों को नीरज पांडे से स्‍क्रीन पर कुछ ऐसे ही जादू की उम्‍मीद थी. लेकिन क्‍या अपनी इस नई फिल्‍म से नीरज पांडे दर्शकों को इंप्रैस करते हैं या निराश, यह दर्शक अब सिनेमाघरों में जाकर ही तय करेंगे. 'अय्यारी' के जरिए एक वास्तविक मुद्दे पर फिल्म बनाई गई है. दरअसल इस फिल्‍म की कहानी काफी हद तक आदर्श हाउसिंग घोटाले पर आधारित है.

  1. 'अय्यारी' में मनोज वाजपेयी और सिद्धार्थ मल्‍होत्रा की जोड़ी
  2. आर्मी बैकग्राउंड पर बनी है फिल्‍म, आदर्श घोटाले के आसपास है कहानी
  3. इस फिल्‍म में फिर नजर आई हैं मनोज और निर्देशक नीरज पांडे की जोड़ी

कलाकार: मनोज बाजपेयी, सिद्धार्थ मल्होत्रा, अनुपम खेर, नसीरुद्दीन शाह, रकुल प्रीत, पूजा चोपड़ा
निर्देशक: नीरज पांडे
अवधि: 2.40 मिनट

कहानी
सेना की पृष्ठभूमि पर बनी इस फिल्म में सिद्धार्थ मल्होत्रा और मनोज बाजपेयी गुरू-शिष्य के रूप में दिखते हैं. 'अय्यारी’ की कहानी शुरू होती है कर्नल अभय सिंह (मनोज बाजपेई) और मेजर जय बख्शी (सिद्धार्थ मल्होत्रा) की बीच की तकरार से. यूं तो यह दोनों ही इंडियन आर्मी के लिए काम करते हैं लेकिन, कुछ ऐसे होता है कि जय बख्‍शी अचानक दिल्ली से गायब होने की कोशिश में लग जाता है. वहीं दूसरी तरफ अभय सिंह, जो जय का गुरु भी है, वह जय की इस हरकत से हैरान है और इसके पीछे की वजह समझ ही नहीं पाता है. कहानी में जय का प्यार यानी सोनिया (रकुल प्रीत) भी हैं! कहानी दिल्ली से कश्मीर, लंदन घूमती हुई वापस दिल्ली में आकर खत्म होती है.

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फिल्‍म में एक्टिंग की बात करें तो सिद्धार्थ मल्‍होत्रा हर सीन में अपने कूल जैकेट्स और एविएटर सनग्‍लासेज में काफी अच्‍छे दिखे हैं लेकिन फिल्‍म को पूरी तरह मनोज वाजपेयी ने अपने मजबूत और काबिल कंधो पर उठा रखा है. वह एक सीक्रेट एजेंट के रूप में खुद को स्‍थापित कर पाते हैं. मनोज वाजपेयी ने अपने व्‍यंग और ह्यूमर के अंदाज से फिल्‍म को काफी रोमांचक बनाया है. नीरज पांडे और मनोज वाजपेयी ने कई फिल्‍मों में साथ काम किया है और उनका साथ इस फिल्‍म में भी उतनी ही सहजता से नजर आया है. फिल्‍म का स्‍क्रीन प्‍ले काफी थकाने वाला और कंफ्यूज करने वाला है. इसे नीरज पांडे की कमजोर फिल्‍मों में से एक कह सकत हैं.

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