मैं पारिवारिक रैपर हूं, कभी गानों में महिलाओं को वस्तु की तरह पेश नहीं करूंगा: बादशाह
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मैं पारिवारिक रैपर हूं, कभी गानों में महिलाओं को वस्तु की तरह पेश नहीं करूंगा: बादशाह

बादशाह ने कहा कि उन्होंने कभी भी किसी की भावनाओं को आहत नहीं किया.

एक सवाल के जवाब में बादशाह ने कहा  कि सेंसरशिप व्यक्तिपरक है.(फाइल फोटो)

श्रीनगर: लोकप्रिय रैपर बादशाह ने कहा कि वह अपने गानों में कभी भी महिलाओं को एक वस्तु की तरह नहीं परोसेंगे और उनका मानना है कि सेंसरशिप व्यक्तिपरक है. 32 वर्षीय रैपर ने कहा कि वह अक्सर अपने गानों में थोड़ी छूट लेते हैं लेकिन उन्होंने कभी भी किसी की भावनाओं को आहत नहीं किया.

  1. बादशाह ने कहा कि वह गानों में छूट जरूर लेते हैं
  2. लेकिन कभी किसी की भावनाओं को आहत नहीं किया
  3. सेंशरशिप को व्‍यक्तिपरक विषय बताया

बादशाह ने एक मशहूर रेडियो चैनल का यहां शुभारंभ करते हुए पत्रकारों से कहा, ‘‘सेंसरशिप व्यक्तिपरक है क्योंकि कुछ लोग कुछ चीज पसंद करते होंगे जबकि अन्य नहीं या कुछ यह मानते हैं कि कुछ गलत है लेकिन मैं ऐसा नहीं मानता होऊंगा. मैं ऐसे परिवार से हूं जहां मेरी मां है, बहन है, पत्नी है और एक बेटी है. मैं कभी भी ऐसे इंसान को वस्तु की तरह नहीं पेश करूंगा जो मुझे पालता है, मेरी रक्षा करता है या मुझे प्यार करता है.’’

उन्होंने कहा, ‘‘मैंने कभी भी जानबूझकर किसी की भावनाओं को आहत नहीं किया. हां, मैंने संगीत में कुछ छूट ली और कुछ हंसी-मजाक किया जो मेरे दोस्त भी करते हैं. मुझे लगता है कि मैं एक तरह से पारिवारिक रैपर हूं.’’ बॉलीवुड में भाई-भतीजावाद को लेकर चल रही चर्चा के बीच बादशाह ने इसे बेकार बताते हुए कहा कि प्रतिभा हमेशा किसी भी स्थिति में सामने आती है.

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कश्मीर के बारे में बादशाह ने कहा कि हालांकि कोई भी जगह 100 फीसदी सुरक्षित नहीं है लेकिन घाटी को अच्छे जनसंपर्क की जरूरत है. उन्होंने कहा, ‘‘कश्मीर को अच्छे जनसंपर्क की जरूरत है. कश्मीर खूबसूरत है, लोग अच्छे हैं और माहौल भी अच्छा है. लोग कहते हैं कि यहां हिंसा है लेकिन कृपया उत्तर प्रदेश और बिहार जाओ वहां भी हिंसा है.’’

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(इनपुट: एजेंसी भाषा)

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