पीएम मोदी से मिलने वाले बॉलीवुड के डेलीगेशन में नहीं थी एक भी महिला, उठे सवाल
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पीएम मोदी से मिलने वाले बॉलीवुड के डेलीगेशन में नहीं थी एक भी महिला, उठे सवाल

बॉलीवुड के करण जौहर, अजय देवगन, सिद्धार्थ रॉय कपूर, अक्षय कुमार, ऋतेश सिद्धवानी और सीबीएफसी के प्रमुख प्रसून जोशी समेत 18 सदस्यों के एक डेलीगेशन ने प्रधानमंत्री से मुलाकात की थी.

एक महिला निर्माता ने इसे ‘मैनेल’ करार देते हुए कहा कि इस इंडस्ट्री का प्रतिनिधित्व करने वाले ‘पुरुषों’ के प्रतिनिधिमंडल में कोई महिला नहीं थी.

मुंबई: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मंगलवार को हिन्दी फिल्म जगत के एक डेलीगेशन ने भेंट की, लेकिन इसमें किसी महिला के नहीं होने पर बुधवार कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं और फिल्मकारों ने सवाल खड़े किए और आलोचना की.

बॉलीवुड के करण जौहर, अजय देवगन, सिद्धार्थ रॉय कपूर, अक्षय कुमार, ऋतेश सिद्धवानी और सीबीएफसी के प्रमुख प्रसून जोशी समेत 18 सदस्यों के एक डेलीगेशन ने प्रधानमंत्री से मुलाकात की थी और फिल्म इंडस्ट्री को अगले चरण पर कैसे ले जाया जाए, इस पर चर्चा की थी.

एक महिला निर्माता ने इसे ‘मैनेल’ करार देते हुए कहा कि इस इंडस्ट्री का प्रतिनिधित्व करने वाले ‘पुरुषों’ के प्रतिनिधिमंडल में कोई महिला नहीं थी. फिल्मी जगत में महिलाएं न सिर्फ अभिनय के क्षेत्र में, बल्कि निर्देशन, निर्माता और लेखिका के क्षेत्र में भी अहम भूमिका निभाती हैं.

उन्होंने नाम नहीं छापने के अनुरोध पर कहा कि मनोरंजन इंडस्ट्री समेत कार्यस्थलों पर लैंगिक राजनीति पर तीखी बहस हुई थी और भारत में अपनी ‘मी टू’ की मुहिम चली थी जिसमें कई बड़े नाम सामने आए थे. ‘मी टू’ भारत के ट्विटर अकांउट से ट्वीट किया गया, ‘‘इंडस्ट्री की महिलाएं कहां हैं?’’

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डायरेक्टर लीना यादव ने कहा कि यह दुखद है कि महिलाओं की आवाज को नजरअंदाज किया जा रहा है. ऐसा तब हो रहा है जब महिला निर्देशकों की फिल्में बेहद सराही जा रही हैं. उनकी नई फिल्म ‘राजमा चावल’ हाल में नेटफ्लिक्स पर रिलीज हुई है.

‘लिपस्टिक अंडर माई बुर्का’ की अलंकृता श्रीवास्तव ने भी अपनी बात रखी. उन्होंने ट्विटर पर कहा, ‘‘ इस प्रतिनिधिमंडल में महिलाओं का प्रतिनिधित्व होता तो अच्छा होता. यह 2018 है.’’

निर्माता गुनीत मोंगा ने कहा, ‘‘ यह अच्छा है कि उन्होंने प्रधानमंत्री से मुलाकात की और मुझे यकीन है कि यह इंडस्ट्री को आगे लेकर जाएगा. यह अच्छा होता अगर मुलाकात में महिलाएं भी होतीं.’’

उन्होंने कहा, ‘‘ मैं नहीं जानती इसकी योजना कब बनी. मैं इसे लेकर आहत नहीं हूं, मुझे लगता है कि यह अच्छा है कि इंडस्ट्री के लोगों ने प्रधानमंत्री से मुलाकात की. मुझे उम्मीद है कि जीएसटी में सुधार होगा और इसका इंडस्ट्री को लाभ होगा. अगर महिलाओं का प्रतिनिधित्व भी होता तो अच्छा होता.’’

मोंगा की ‘पीरियड. एंड ऑफ सेनटेंस’ ने ऑस्कर की 2019 की 10 फिल्मों में अपनी जगह बनाई है. इसके अलावा मोंगा ‘द लंचबॉक्स’ और ‘मसान’ जैसी फिल्मों की निर्माता रही हैं.

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