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नई दिल्ली: आपमें से बहुत सारे लोग अक्सर ये सोचते होंगे कि रोजाना एक्सरसाइज यानी वर्क आउट (Workout) कर रहे हैं, डाइटिंग करते हैं और पौष्टिक खाना भी खा रहे हैं इसके बावजूद स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता. तो इसकी वजह है वो कुकिंग ऑयल (Cooking Oil) जिसमें आप खाना पका रहे हैं.
आप समझते होंगे कि आपने बहुत सोच समझ कर कोई Healthy Cooking Oil लिया है, जो आपके शरीर के लिए खासकर दिल के लिए और Cholesterol के लिहाज से भी अच्छा रहेगा. लेकिन असल में ये तेल ही आपकी बीमारी की जड़ है. हाल ही में एक सरकारी सर्वे में ये पता चला है कि बाजार में मौजूद 25 फीसदी Cooking Oil मिलावटी हैं. इसमें बड़े बड़े Brands के Cooking Oil भी हैं, जो आपके शरीर और जेब दोनों का तेल निकाल रहे हैं. इसलिए ऐसे में हम आपको इसके खतरों से भी सावधान करेंगे.
FSSAI यानि Food Safety and Standards Authority of India द्वारा पिछले साल 25 से 27 अगस्त के बीच एक सर्वे किया था. जिसमें देशभर से Cooking Oil के 4 हज़ार से ज्यादा सैंपल जुटाए गये थे. इनमें Branded और खुले में बिकने वाला दोनों तरह का तेल शामिल था. इस जांच में 24 % Samples तय मानकों पर खरे नहीं उतरे. इसके अलावा इन सैंपल्स यानी नमूनों में केमिकल की मिलावटी भी पाई गई.
जिन बड़ी कम्पनियों के Cooking Oil पर ये लिखा था कि इसमें विटामिन A और विटामिन D भरपूर मात्रा में हैं. वो बात भी पूरी तरह गलत साबित हुई. कुछ Samples तो ऐसे निकले, जिनके लेबल पर कुछ और लिखा था.. लेकिन जांच में ये ख़राब गुणवत्ता के पाए गए.
हमने आपको इस नकली तेल के खतरे से बचाने के लिए डाइटीशियन और हेल्थ एक्सपर्ट से बात की जिसके नतीजे आपको इस खतरे से सावधान करने के साथ ये भी बताएंगे कि आप घर पर रह कैसे शुद्ध और मिलावटी तेल की पहचान कर सकते हैं. देश में 24.2 फीसदी सैंपल तय मानकों से खराब पाए गए इनमें मूंगफली, तिल, सरसों समेत 15 तरह के तेल सर्वे में शामिल किए गए थे. जिनमें फैटी एसिड, ऑयोडीन और दूसरे केमिकल की मिलावट पाई गई. 12.8 फीसदी सैंपल में ब्रांडिंग को लेकर गड़बड़ी पाई गई. वहीं 2.4 फीसदी सैंपल में खतरनाक केमिकल और कीटनाशकों की मिलावट थी. इसी तरह कई नमूनों में भारी नमी के साथ और मेटल भी पाए गए.
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सबसे पहले रिफाइंड ऑयल की गुणवत्ता की जांच इस तरह कर सकते हैं. डाइटीशियन राशि चहल के मुताबिक रिफाइंड ऑयल में बटर यानी मक्खन मिलाकर इसकी शुद्धता जांची जा सकती है. जैसे हम इसमें बटर डालकर हिलाएंगे और थोड़ा वेट करेंगे कि ये इसमें मिक्स हो जाए तो आप देखेंगे कि अगर इसका रंग बदलना शुरू हो जाए या फिर वो गाढ़ा होने लगे तो इसका मतलब यह है कि इम्प्योर यानी मिलावटी तेल है.
एक कांच के ग्लास में पांच से दस एमएल सरसों का तेल डाले हैं. उसमें पांच एमएल न्यूट्रिक एसिड लेते हैं जो आराम से फार्मेसी में मिल जाता है. उसे भी समान मात्रा में डालते हैं और उसमें हल्का सा झाग उठे या रिंग सा बने तो इसका मतलब आपका सरसों का तेल मिलावटी है. अगर ऐसा नहीं होता तो आपका तेल सेफ यानी साफ है.
मूंगफली के ऑयल की शुद्धता का पता लगाने के लिए आप चौथाई कप तेल को कुछ घंटों के लिए फ्रिज में रख दीजिए, अगर ये गाढ़ा हो जाता है तो ये मिलावटी है, अगर वैसे ही बना रहता है तो असली है.
इसे भी आप 24 घंटे तक फ्रिज में रखिए. अगर वो बिलकुल भी न जमें तो समझ लीजिए कि वो प्योर नहीं है. ज़ी न्यूज़ की कोशिश आपको डराने की नहीं बल्कि जागरूक करने की है ताकि बाजार में मिलने वाली मिलावटी चीजों से आप बच सकें. ऐसे में आप जब भी कुकिंग ऑयल खरीदने जाएं तो सावधान रहे. दुकानदार से बात करके एकबार क्रॉस चेक कर लें यानी ये जरूर कहें कि आपको बढ़िया और बिना मिलावट वाला तेल ही चाहिए.