अब ब्लड टेस्ट से पता चलेगा कि नींद पूरी हुई है या नहीं, सड़क हादसे पर लगेगी रोक
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अब ब्लड टेस्ट से पता चलेगा कि नींद पूरी हुई है या नहीं, सड़क हादसे पर लगेगी रोक

वैज्ञानिकों ने एक ऐसा ब्लड टेस्ट विकसित किया है जिससे यह पता चल सकता है कि किसी व्यक्ति की नींद पूरी हुई है या नहीं. इस जांच से सुस्ती में गाड़ी चलाने के कारण होने वाली कार दुर्घटनाओं को रोक सकने में मदद मिलेगी. 

सुस्ती में गाड़ी चलाने के कारण होने वाली कार दुर्घटनाओं को रोक सकने में मदद मिलेगी.(प्रतीकात्मक तस्वीर)

लंदन: वैज्ञानिकों ने एक ऐसा ब्लड टेस्ट विकसित किया है जिससे यह पता चल सकता है कि किसी व्यक्ति की नींद पूरी हुई है या नहीं. इस जांच से सुस्ती में गाड़ी चलाने के कारण होने वाली कार दुर्घटनाओं को रोक सकने में मदद मिलेगी. पूर्व के शोधों में यह पाया गया है कि जो वाहन चालक प्रतिदिन नींद लेने की अनुशंसित सीमा से कम यानि सिर्फ एक या दो घंटे की नींद लेते हैं उनके कार हादसों में शामिल होने का खतरा दोगुना हो जाता है. ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी ऑफ सर्रे के डर्क जेन दिज्क के नेतृत्व में हुए इस अध्ययन के लि‍ए 36 प्रतिभागियों ने एक रात की नींद नहीं ली.

इस दौरान खून के नमूने लिए गए और हजारों जीन के व्यावहारिक स्तर में हुए बदलावों को मापा गया. शोधकर्ताओं ने कहा कि इस खोज से आगे की जांचों के रास्ते भी साफ होते हैं जिससे यह पता लगा पाने में कामयाबी मिलेगी कि किसी चालक की नींद पूरी हुयी है या नहीं.

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यूनिवर्सिटी के वरिष्ठ व्याख्याता एम्मा लायंग ने कहा, ‘‘ हम सभी जानते हैं कि पर्याप्त नींद नहीं लेने से खासकर लंबे अरसे तक नींद पूरी नहीं होने से हमारे शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य पर खतरा पैदा होता है. ” हालांकि, अभी स्वतंत्र रूप से यह आकलन नहीं हो पाता है कि किसी व्यक्ति ने कितनी नींद ली है और इससे पुलिस को यह जानने में काफी मुश्किल आती है कि कोई व्यक्ति गाड़ी चलाने के लिए फिट है या नहीं या नियोक्ता को यह मालूम करने में कि कोई व्यक्ति काम करने की स्थिति में है या नहीं. इस तरह के बायोमार्कर की पहचान हो जाने से अब आगे और जांच विकसित करने में मदद मिलेगी.  

सड़क हादसों में हर घंटे हो रही 17 लोगों की मौत; जानिए क्‍या है वजह
देश में सड़क हादसों में होने वाली मौतों पर चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. जी हां पिछले साल सड़क हादसों में हर घंटे 17 लोगों की मौत हुई. सड़क और परिवहन मंत्रालय ने 'रोड एक्सीडेंट इन इंडिया-2016' रिपोर्ट जारी की. इसके अनुसार पिछले 11 वर्षों में (2005 से 2016) सड़क हादसे 9.42% बढ़ गए, जबकि मौतों की संख्या छह गुना तेजी से 58.77% बढ़ी. पिछले साल औसतन हर एक घंटे में 55 सड़क दुर्घटनाएं हुईं.. और हर घंटे 17 लोगों की मौत हु हुई इस रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2016 में देश में 4 लाख 80 हज़ार 652 सड़क हादसे हुए जिनमें 1 लाख 50 हज़ार 785 लोगों की मौत हो गई और 4 लाख 94 हज़ार 624 लोग गंभीर रूप से घायल हो गये.

रिपोर्ट में पहली बार बिना हेलमेट या बिना सीट बेल्ट लगाने के चलते जान गंवाने वालों के आंकड़े भी आए हैं.  2016 में हुए चार लाख 80 हजार 652 सड़क हादसों में बेल्ट पहनने के कारण 5,638 दुर्घटनाएं हुईं. 52 हजार 500 दोपहिया वाहन हादसों में हेलमेट पहनने या ठीक से नहीं लगाने के कारण सबसे ज्यादा 10,135 (19.3%) बाइक सवारों ने जान गंवा दी.  

ये हैं सड़क दुर्घटनाओं की मुख्य वजहें

  • तेजगति से वाहन चलाना
  • दोपहिया वाहन चलाते समय हेलमेट का प्रयोग नहीं करना
  • सीट बेल्ट नहीं बांधना
  • नशे में गाड़ी चलाना
  • ड्राइविंग करते वक्त मोबाइल का इस्तेमाल
  • रोड के डिजाइन में खामी भी एक्‍सीडेंट का कारण माना गया है.

इनपुट भाषा से भी 

 

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