आसियान देशों में थाइलैंड, वियतनाम, इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपीन सिंगापुर, म्यांमा, कंबोडिया, लाओस और ब्रुनेई शामिल हैं.
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नई दिल्ली: भारत-आसियान संबंधों के 25 साल पूरे होने के अवसर पर इस साल गणतंत्र दिवस पर इन देशों के प्रमुखों को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है. इन नेताओं का बुधवार से आगमन शुरू हो रहा है. इस यात्रा के दौरान होने वाली शिखर बैठक का आयोजन ऐसे वक्त हो रहा है जब क्षेत्र में चीन का आर्थिक और सैन्य हटधर्मिता बढ़ती जा रही है. कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि यह बैठक भारत के लिये इन देशों के समक्ष व्यापार और संपर्क जैसे रणनीतिक क्षेत्रों में अपने आप को एक शक्तिशाली सहयोगी के तौर पर प्रस्तुत करने का बेहतर अवसर हो सकता है. इन नेताओं के बीच 25 जनवरी को शिखर बैठक होगी जिसमें वह समुद्री क्षेत्र में सहयोग और सुरक्षा के मुद्दे पर खुलकर अपनी बात रख सकेंगे. इसी दिन एक पूर्ण सत्र का भी आयोजन किया जायेगा. आसियान देशों में थाइलैंड, वियतनाम, इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपीन सिंगापुर, म्यांमा, कंबोडिया, लाओस और ब्रुनेई शामिल हैं.
एक्ट ईस्ट पॉलिसी का प्रदर्शन
इसकी पृष्ठभूमि में रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले दिनों कहा कि भारत की एक्ट ईस्ट नीति वास्तविकता में ''आकार ले रही है'' और गणतंत्र दिवस समारोह में दस आसियान नेताओं की मौजूदगी से निश्चित रूप से यह नीति दिखेगी. निर्मला ने कहा, ''प्रधानमंत्री की यह इच्छा कि 'पूर्व की तरफ देखो' (लुक ईस्ट पॉलिसी) की नीति अब 'एक्ट ईस्ट' नीति हो जाए, सच में मूर्त रूप ले रही है.'' उन्होंने कहा, ''और गणतंत्र दिवस समारोह में आसियान के दस नेताओं की मौजूदगी के साथ भारत निश्चित रूप से एक्ट ईस्ट नीति का प्रदर्शन कर रहा है. और हमें खुशी है कि समारोह उन सबकी मौजूदगी के साथ होगा.''
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आसियान बैठक के इतर प्रधानमंत्री नौ द्विपक्षीय बैठकें करेंगे
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत-आसियान शिखर सम्मेलन के इतर दक्षिणपूर्वी एशियाई देशों के साथ नौ द्विपक्षीय बैठकें करेंगे. इस दौरान आतंकवाद के विरोध, सुरक्षा और संपर्क बढ़ाने पर उनका जोर होगा. मोदी 24 जनवरी को वियतनाम के प्रधानमंत्री न्गुयेन हुआ फुक, फिलीपीन के राष्ट्रपति रोड्रिगो रोआ दुतेर्ते और म्यांमार की नेता आंग सान सू की से मुलाकात करेंगे. ये नेता 25 जनवरी को होने वाली शिखर बैठक के लिये यहां पहुंच रहे हैं. प्रधानमंत्री गुरुवार को थाइलैंड, सिंगापुर और ब्रुनेई के नेताओं के साथ भी द्विपीक्षीय बातचीत करेंगे. मोदी इसके बाद शुक्रवार को इंडोनेशिया, लाओस और मलेशिया के नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे.
रामायण और बौद्ध धर्म, भारत और आसियान को जोड़ते हैं: सुषमा स्वराज
आसियान के साथ संबंधों के मसले पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि रामायण और बौद्ध धर्म ऐसे दो पहलू हैं जो भारत और आसियान को जोड़ते हैं और इसीलिए उन्हें भारत आसियान स्मारक सम्मेलन में विशेष महत्व दिया गया है. भारत आसियान यूथ अवॉडर्स में सुषमा ने कहा कि भारत तथा आसियान के बीच सदियों पुराने रिश्ते हैं और ये संबंध इतिहास, संस्कृति, वाणिज्य और शिक्षा जैसे विविध क्षेत्र में फैले हुए हैं.
उन्होंने कहा कि दक्षिण पूर्वी एशियाई क्षेत्र के विद्वान भारत को एक अहम अध्ययन केंद्र के तौर पर चुनते हैं, प्राचीन वक्त में वे नालंदा विश्वविद्यालय को चुनते थे. सुषमा ने कहा, ''रामायण और बौद्ध धर्म दो पहलू हैं जो भारत और आसियान को जोड़ते हैं. इसलिए हमने इन दोनों को स्मारक शिखर सम्मेलन के केंद्र में रखा है.''