विदेश मंत्री ने आसियान-भारत भागीदारी के 25 साल पूरे होने का संज्ञान करते हुए कहा, ‘‘हमारी वार्ता भागीदारी सामरिक भागीदारी में बदल गयी है.’’
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नई दिल्ली: विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने रविवार (7 जनवरी) को कहा कि दुनियाभर में भारत की प्रतिष्ठा और वर्चस्व में इजाफा हुआ है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अहम योगदान है. सुषमा स्वराज ने सिंगापुर में आयोजित आसियान-भारत प्रवासी भारतीय दिवस में कहा, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के व्यक्तित्व की वजह से दुनिया में भारत का महत्व और प्रभुत्व कायम हो रहा है. जिस किसी देश में भी वे गए, उन्होंने दोनों देशों के संबंधों के साथ-साथ व्यक्तिगत तौर पर भी बेहतर रिश्ते कायम किए.' दुनियाभर में फैले भारतीय समुदाय की तारीफ करते हुए सुषमा ने कहा, 'मैं जहां कहीं भी गई मुझसे कहा गया कि अप्रवासी भारतीय और भारतीय अच्छे पड़ोसी होते हैं, भारतीय लोग मेहनती होते हैं, भारतीय नागरिक कानून का पालन करने वाले होते हैं. ये सभी बातें मुझे गौरवान्वित करती हैं.'
भारतीय समुदाय आसियान के साथ संबंधों को मजबूत करने का एक मंच है: सुषमा
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने रविवार (7 जनवरी) को कहा कि आसियान के साथ भारत की वार्ता भागीदारी एक सामरिक भागीदारी में बदल गयी है और भारतीय समुदाय समूह के साथ संबंधों को और मजबूत करने का एक मंच उपलब्ध कराता है. उन्होंने यहां आसियान-भारत प्रवासी भारतीय दिवस को संबोधित करते हुए आसियान को लेकर भारत की प्रतिबद्धता दोहरायी.
My speech in Singapore on 7th January 2018.https://t.co/gPtpZzuARm
— Sushma Swaraj (@SushmaSwaraj) January 7, 2018
सुषमा ने करीब 3,000 प्रतिनिधियों से कहा, ‘हम यहां अपनी प्रतिबद्धता को दोहराते हैं और दुनिया में भारत और आसियान के भविष्य की दिशा साझा करते हैं.’ उन्होंने कहा, ‘हमारा समुदाय भारत और आसियान देशों के बीच संबंधों को और मजबूत करने का एक मंच उपलब्ध कराता है.’
विदेश मंत्री ने आसियान-भारत भागीदारी के 25 साल पूरे होने का संज्ञान करते हुए कहा, ‘‘हमारी वार्ता भागीदारी सामरिक भागीदारी में बदल गयी है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘आसियान क्षेत्र के साथ भारत का संपर्क हमारे परस्पर सिद्धांतों की स्पष्टता में निहित है. हमारा मानना है कि जब सभी देश अंतरराष्ट्रीय नियमों का पालन करते हैं और जब हम सार्वभौम समानता एवं परस्पर सम्मान के आधार पर आचरण करते हैं तब हमारे देश खुद को सुरक्षित महसूस करते हैं और हमारी अर्थव्यवस्थाएं समृद्ध होती हैं.’’ सुषमा ने आसियान के भारत के ‘एक्ट ईस्ट’ नीति का हिस्सा होने की बात पर जोर देते हुए कहा, ‘‘भारत की अर्थव्यवस्था के विकास के साथ उसके संबंध मजबूत होंगे, उसके व्यापार एवं निवेश का प्रवाह भी बढ़ेगा.’’
(इनपुट एजेंसी से भी)