राम रहीम की सेवा में 24 घंटे हाजिर रहती थीं खास तौर पर ट्रेंड 250 सेविकाएं
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राम रहीम की सेवा में 24 घंटे हाजिर रहती थीं खास तौर पर ट्रेंड 250 सेविकाएं

गुरमीत राम रहीम को सजा होने के बाद कुछ और साध्वियां सामने आ सकती हैं जो अभी डर की वजह से अपनी बात नहीं कह पा रही हैं. 

राम रहीम के अलावा अन्य किसी मर्द से बात करने की भी इन साध्वियों को मनाही थी.   (फाइल फोटो)

पंचकूला: साध्वी से बलात्कार के मामले में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को दोषी करार दिया जा चुका है. ऐसे में जेल जाने के बाद अब गुरमीत राम रहीम के खिलाफ कई नए मामले सामने निकल आ रहे हैं तो लग्जरी लाइफ स्टाइल को लेकर भी बड़े खुलासे हो रहे हैं. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो गुरमीत राम रहीम ने खासतौर से अपनी सेवा के लिए कई साध्वियों की ड्यूटी लगा रखा थी. बताया जा रहा है कि राम रहीम ने अपनी सेवा में 200-250 साध्वियां लगी रखी थीं.

  1. डेरे में साध्वियों पर अत्याचार किया जाता था
  2. डेरा परिसर करीब एक हजार एकड़ इलाके में फैला है.
  3. डेरे की अपनी टाउनशिप, स्कूल, खेल गांव, अस्पताल और सिनेमा हॉल भी है.

इन साध्वियों को विशेष तौर पर ट्रेंड किया जाता था और उन्हें किसी भी अन्य मर्द से बात करने की मनाही थी. इतना ही नहीं ये साध्वियां जिस जगह रहती थीं, उसके 8-10 फीट के दायरे में पुरुषों के जाने पर प्रतिबंध था. केवल राम रहीम ही उनके पास जा सकता था.

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15 साल पहले तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को एक साध्वी की ओर से भेजे गए पत्र में इस बात का खुलासा किया गया था कि राम रहीम की सेवा में लगी रहने वाली इन साध्वियों पर कई तरह के अत्याचार किए जाते थे. आरोप है कि इन साध्वियों के साथ गुरमीत राम रहीम यौन शोषण करता था. इन साध्वियों की उम्र 35 से 40 के बीच होती थीं और इन्हें बेहद खराब स्थिति में रखा जाता था. 

स्थानीय पुलिस का कहना है कि डेरा हेडक्वार्टर के अंदर जाने पर ही वहां साध्वियों पर होने वाले जुल्म की हकीकत सामने आ पाएगी. पुलिस का ये भी मानना है कि गुरमीत राम रहीम को सजा होने के बाद कुछ और साध्वियां सामने आ सकती हैं जो अभी डर की वजह से अपनी बात नहीं कह पा रही हैं. 

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बता दें पंचकूला में 25 अगस्त को सीबीआई अदालत द्वारा डेरा प्रमुख को दोषी करार दिए जाने के बाद उनके अनुयायियों ने वाहनों और रेलवे स्टेशनों में आग लगा दी और सार्वजनिक तथा निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया था. पंचकूला और सिरसा में हुए उपद्रव में 36 लोगों की मौत हो गई और 250 से ज्यादा लोग जख्मी हो गए थे. 

 

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