AAP का मिशन @2019, इन चार MLA को मिल सकता है लोकसभा टिकट!
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AAP का मिशन @2019, इन चार MLA को मिल सकता है लोकसभा टिकट!

'आम आदमी पार्टी' इन दिनों अंदरूनी गुटबाजी से जूझ रही है. राज्यसभा चुनाव के प्रत्याशियों पर पार्टी को आलोचनाओं का शिकार होना पड़ा. इन सब से दूर हटते हुए पार्टी ने लोकसभा चुनावों की तैयारियां शुरू कर दी हैं.

पिछले लोकसभा चुनावों ने पार्टी के तीन विधायकों को टिकट दिया था

नई दिल्ली : अन्य पार्टियों की तर्ज पर दिल्ली की सत्ता पर काबिज आम आदमी पार्टी ने भी 2019 में लोकसभा चुनावों की तैयारियां शुरू कर दी हैं. इसके लिए चार विधायकों का चुनाव भी हो चुका है जो आम चुनाव में लोकसभा सीट के दावेदार बनेंगे. पार्टी चुनावों को लेकर बूथ स्तर की रणनीति तैयार करने में जुटी हुई है. भले ही पार्टी राज्यसभा चुनाव के उम्मीदवारों को लेकर पार्टी के अंदर और बाहर से आलोचनाओं का शिकार हो रही हो, बावजूद इसके पार्टी ने इन आलोचनाओं को किनारा कर मिशन 2019 तैयार कर लिया है.

  1. AAP ने लोकसभा चुनावों की तैयारी शुरू की
  2. चार विधायकों को टिकट दिए जाने की चर्चा
  3. आशुतोष को मिल सकता है फिर से टिकट

पार्टी सूत्रों के मुताबिक, पार्टी में दिल्ली के संयोजक तथा वरिष्ठ नेता गोपाल राय ने दिसंबर में पार्टी विधायकों और कार्यकर्ताओं से मुलाकात कर लोकसभा चुनावों की तैयारियों पर चर्चा की थी. चुनावों को ध्यान रखते हुए बूथ स्तर पर तैयारियां की जा रही हैं. बता दें कि 2014 के आम चुनावों में दिल्ली की सभी सात सीटों पर बीजेपी ने जीत हासिल की थी, हालांकि 'आप' दूसरे स्थान पर आई थी. जबकि 'आप' का वह पहला लोकसभा चुनाव था. सूत्रों की मानें तो पार्टी ने कम से कम चार विधायकों को लोकसभा में उतारने के लिए चुन भी लिया है और इन्हें अभी से तैयारियों में जुटने के लिए कहा गया है. 

2014 में दूसरे स्थान पर रही 'आप'
'इंडियन एक्सप्रेस' की खबर के मुताबिक 2014 के चुनावों में तीन विधायकों को लोकसभा के लिए टिकट दिया गया था. इनमें मंगोलपुरी की विधायक राखी बिड़ला को उत्तर-पश्चिम सीट से, राजौरी गार्डन के पूर्व विधायक जरनैल सिंह को पश्चिमी दिल्ली से, बिजवासन से विधायक कर्नल देवेंद्र सेहरावत को दक्षिणी दिल्ली से टिकट दिया गया था. पार्टी के वरिष्ठ नेता आशुतोष ने चांदनी चौक से चुनाव लड़ा था. राजमोहन गांधी ने पूर्वी दिल्ली और आशीष खेतान ने नई दिल्ली से और पूर्व पार्टी नेता प्रोफेसर आनंद कुमार ने दक्षिण-पूर्वी सीट से लोकसभा चुनाव लड़ा था.

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कई नेताओं ने छोड़ा पार्टी का साथ
आनंद कुमार ने 2015 में पार्टी छोड़ दी थी. कर्नल सेहरावत को 2016 में पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया गया था. जरनैल सिंह ने पंजाब में विधानसभा चुनाव लड़ा, लेकिन वे हार गए. सूत्र बताते हैं कि पार्टी उन्हें फिर से मैदान में उतारने पर विचार कर रही है. एक अन्य नाम राजमोहन गांधी का भी है, लेकिन उनकी उम्र रोड़ा बन सकती है. फिर भी इन लोगों के नाम शुरूआती दौर में चल रहे हैं.

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वरिष्ठ नेता आशुतोष ने बताया कि लोकसभा की तैयारी शुरू कर दी है. कई नामों पर चर्चा हो रही है. अभी नामों के बारे कुछ कहना जल्दबाजी होगी, लेकिन यह सही है कि जमीनी स्तर पर काम शुरू हो गया है. खुद के नाम पर आशुतोष ने बताया कि वे चुनाव लड़ेंगे या नहीं, यह पार्टी तय करेगी, लेकिन अभी तक उनसे इस बारे में कोई चर्चा नहीं की गई है. सूत्र बताते हैं कि 2019 के लिए अभी तक जो उम्मीदवार सबसे मजबूती के साथ उभरा है वह है राखी बिड़ला. 

विधायकों को दिए संकेत
पार्टी के वरिष्ठ नेता ने बताया कि 2014 के चुनाव में लोगों ने पार्टी के कुछ ही विधायकों का काम देखा था और वह भी कुछ महीनों का. लेकिन इस समय 2015 से दिल्ली की जनता अपने विधायकों के कामों को देख रही है. कुछ विधायक तो वाकई बहुत अच्छा काम कर रहे हैं, निश्चित ही ऐसे चर्चित विधायकों को लोकसभा चुनावों में मौका दिया जा सकता है. पार्टी नेता ने कहा कि राज्यसभा चुनाव में तो बाहर के उम्मीदवारों को मौका दिया गया, लेकिन लोकसभा चुनाव एक अलग ही तरह का खेल है. कुछ विधायकों को इसके लिए सूचित भी किया जा चुका है और उन्हें लोकसभा क्षेत्र के हिसाब से काम करने के निर्देश दिए गए हैं.

कुमार विश्वास हुए बागी
आम आदमी पार्टी के संस्थापक सदस्यों में से एक डॉ.कुमार विश्वास ने राज्य सभा टिकट नहीं मिलने पर अब पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल पर सीधा निशाना साधा. हिंदी के मशहूर कवि  कुमार विश्वास ने अपने शायराना अंदाज में बताया कि उन्हें पार्टी से राज्यसभा टिकट इसलिए नहीं मिला क्योंकि वह चापलूसी करना नहीं जानते. यहां कुमार विश्वास का निशाना केजरीवाल की तरफ था. एक टीवी चैनल के कार्यक्रम में जब विश्वास से पूछा गया कि AAP ने उन्हें राज्य सभा भेजने के लिए क्यों नहीं चुना, तो उन्होंने शायराना अंदाज में जवाब देते हुए कहा, 'मेरे लहजे में जी-हुजूर न था, इससे ज्यादा मेरा कसूर न था'

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