आर्मी चीफ जनरल नरवणे की चीन को चेतावनी, 'हमारे धैर्य को परखने की न करें गलती'
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आर्मी चीफ जनरल नरवणे की चीन को चेतावनी, 'हमारे धैर्य को परखने की न करें गलती'

सेना दिवस पर आर्मी चीफ जनरल मनोज मुकुंद नरवणे (General Manoj Mukund Naravane) ने चीन (China) को स्पष्ट शब्दों में चेतावनी दी. उन्होंने कहा कि हम धैर्य रखना जानते हैं लेकिन इसे हमारी कमजोरी समझने की भूल न करे.

आर्मी चीफ जनरल मनोज मुकुंद नरवणे (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: सेना दिवस पर आर्मी चीफ जनरल मनोज मुकुंद नरवणे (General Manoj Mukund Naravane) ने चीन (China) को स्पष्ट शब्दों में चेतावनी दी. जनरल नरवणे ने कहा कि देश की सीमा पर यथास्थिति में एकतरफा बदलाव की किसी भी कोशिश को भारतीय सेना (Indian Army) कामयाब नहीं होने देगी.

  1. 'मौजूदा स्थिति का हल ढूंढने के प्रयास जारी'
  2. 'हमारे धैर्य को परखने की गलती न करें'
  3. पूर्वी लद्दाख में दोनों देशों के 1 लाख सैनिक

'मौजूदा स्थिति का हल ढूंढने के प्रयास जारी'

पूर्वी लद्दाख में चल रहे सैन्य तनाव की ओर इशारा करते हुए जनरल नरवणे ने कहा कि स्थिति नियंत्रण में रखने के लिए भारत और चीन (China) के बीच सैन्य स्तर की 14वें दौर की वार्ता हाल में हुई. इससे पहले विभिन्न स्तरों पर संयुक्त प्रयासों से कई इलाकों में सैनिकों के पीछे हटाने का काम पूरा हुआ, जो अपने आप में एक रचनात्मक कदम है. उन्होंने कहा कि पारस्परिक और समान सुरक्षा के आधार पर, मौजूदा स्थिति का हल ढूंढ़ने के लिए प्रयास जारी रहेंगे.

'हमारे धैर्य को परखने की गलती न करें'

जरनल नरवणे ने कहा, 'देश की सुरक्षा के लिए बर्फ से ढके पहाड़ों पर तैनात जवानों का मनोबल बहुत ऊंचा है. हमारा धैर्य हमारे आत्मविश्वास की निशानी है, लेकिन किसी को भी इसे परखने की गलती नहीं करनी चाहिए. हमारा संदेश साफ है, भारतीय सेना (Indian Army) देश की सीमा पर यथास्थिति बदलने की एकतरफा कोशिश सफल नहीं होने देगी.’

पैंगोंग झील क्षेत्र में हिंसक झड़प के बाद 5 मई, 2020 से भारत और चीन की सेनाओं के बीच पूर्वी लद्दाख में गतिरोध बना हुआ है जिसका हल निकालने के लिए दोनों देशों अब तक 14 दौर की सैन्य स्तर की वार्ता कर चुके हैं. 

पूर्वी लद्दाख में दोनों देशों के 1 लाख सैनिक

चीनी (China) सेना के जवाब ने भारत ने मई 2020 के बाद सरहद पर अपनी तैनाती बढ़ाई और हजारों सैनिकों के साथ-साथ भारी हथियार भी इलाके में तैनात किए. कई दौर की सैन्य और राजनयिक स्तर पर बातचीत के बाद दोनों देशों ने पिछले साल पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी छोर और गोगरा इलाके से सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया पूरी की थी.

हालांकि, हॉट स्प्रिंग, डेपसांग बल्ज और डेमचोक से दोनों देशों के सैनिक अब तक पीछे नहीं हटे हैं. मौजूदा समय में संवेदनशील माने जाने वाले सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास दोनों देशों के 50- 50 हजार सैनिक तैनात हैं.

'हरकतों से बाज नहीं आया है पाकिस्तान'

अपने सालाना संबोधन में आर्मी चीफ जनरल नरवणे (General Manoj Mukund Naravane) ने कहा कि पिछले साल के मुकाबले नियंत्रण रेखा (LoC) पर स्थिति बेहतर है, लेकिन पाकिस्तान अब भी आतंकवादियों को पनाह दे रहा है. उन्होंने बताया कि सीमा से लगते आतंकवादी शिविरों में 300 से 400 आतंकवादी मौजूद हैं, जो भारत में घुसपैठ का इंतजार कर रहे हैं.

आर्मी चीफ ने कहा कि पिछले एक साल में आतंकवाद रोधी अभियान में कुल 194 आतंकवादी मारे गए हैं. वहीं ड्रोन की मदद से सीमा पाकिस्तान की ओर से हथियारों की तस्करी करने की कोशिश जारी है.

'जम्मू-कश्मीर में निर्दोषों को बना रहे निशाना'

उन्होंने बताया कि जम्मू-कश्मीर के अंदररूनी इलाकों में गत दो साल में स्थिति सुधरी है, इसलिए सीमा पर आतंकवादी अब राज्य में हो रहे विकास की राह में बाधा उत्पन्न करने की कोशिश में जुटे हैं. वे अब गैर स्थानीय लोगों और गरीब मजूदरों को निशाना बनाने की साजिश पर काम कर रहे हैं. 

जनरल नरवणे ने कहा कि पूर्वोत्तर के राज्यों में सेना (Indian Army) के प्रो-एक्टिव अभियानों की वजह से सुरक्षा की स्थिति सुधरी है. इन्हीं अभियानों की वजह से पूर्वोत्तर के अधिकतर उग्रवादी संगठनों ने संघर्षविराम की घोषणा की है. उन्होंने कहा कि इस इलाके में अब सैनिकों की संख्या धीरे-धीरे कम हो रही है, जो पूर्वोत्तर में शांति बहाल होने का बड़ा संकेत है. 

'भारत-म्यांमार की सीमा पर ज्यादा ध्यान'

आर्मी चीफ (General Manoj Mukund Naravane) ने कहा कि देश की सुरक्षा के लिहाज से भारत-म्यांमार सीमा बहुत अहम है. इस सीमा की सुरक्षा के लिए असम राइफल्स उचित ध्यान दे रही है. अवैध घुसपैठ को रोकने के लिए वहां पर नए-नए इंतजाम किए जा रहे हैं और आतंकियों की आवाजाही पर नकेल कसी जा रही है. 

उन्होंने कहा कि भारतीय सेना खुद को आधुनिक बनाने के लिए ठोस कदम उठा रही है ताकि मौजूदा चुनौतियों और भविष्य के खतरों से निपटा जा सके. इसके लिए आईआईटी जैसे शीर्ष संस्थानों के साथ मिलकर सेना ब्लॉकचेन, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, क्वांटम कंप्यूटिंग, मानवरहित प्रणाली, निर्देशित ऊर्जा अस्त्र और ड्रोन प्रौद्योगिकियों पर तेजी से काम कर रही है. 

'कंबाइंड थिएटर कमांड बनाने पर काम जारी'

जनरल नरवणे ने कहा कि इंडियन नेवी और एयर फोर्स के साथ मिलकर कंबाइंड थिएटर कमांड बनाने की परियोजना पर समयबद्ध तरीके से कमा चल रहा है. 

जनरल नरवणे (General Manoj Mukund Naravane) बुधवार को दिल्ली के गैरीसन ग्राउंड में आयोजित आर्मी डे परेड को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि पिछला साल सेना के लिए बहुत चुनौतीपूर्ण था. उन्होंने चीन के साथ लगती उत्तरी सीमाओं पर घटनाक्रम का हवाला दिया.

ये भी पढ़ें- हथियारों के निर्यात में भारत बनेगा चैम्पियन? चीन को लगा एक और जोरदार झटका

हर साल 15 जनवरी को होता है आर्मी डे

बताते चलें कि भारतीय सेना (Indian Army) के पहले भारतीय ‘कमांडर इन चीफ’ के रूप में फील्ड मार्शल के एम करिअप्पा के प्रभार संभालने के उपलक्ष्य में हर साल 15 जनवरी को आर्मी डे मनाया जाता है. इस दिन सेना की ओर से दिल्ली के गैरीसन ग्राउंड में परेड निकाली जाती है. बाद में इसी परेड के जवान और हथियार रिपब्लिक डे परेड में भी शामिल होते हैं.

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