घरेलू एयरलाइन कंपनियों द्वारा शिवसेना सांसद रवींद्र गायकवाड़ के अपने विमानों में सफर करने पर रोक लगाने के बीच सरकार ने कहा कि ऐसा कोई कानून नहीं है जो सांसदों को हवाई सफर करने पर रोक लगायी जा सके. जबकि एयर इंडिया का कहना है कि एयर एक्ट 1972 के चैप्टर-4 के तहत एयरलाइन्स को यह अधिकार है कि वह किसी को भी टिकट देने से मना कर सकती है.
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नई दिल्ली : घरेलू एयरलाइन कंपनियों द्वारा शिवसेना सांसद रवींद्र गायकवाड़ के अपने विमानों में सफर करने पर रोक लगाने के बीच सरकार ने कहा कि ऐसा कोई कानून नहीं है जो सांसदों को हवाई सफर करने पर रोक लगायी जा सके. जबकि एयर इंडिया का कहना है कि एयर एक्ट 1972 के चैप्टर-4 के तहत एयरलाइन्स को यह अधिकार है कि वह किसी को भी टिकट देने से मना कर सकती है.
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कानून राज्य मंत्री पी.पी. चौधरी ने एक खबरिया चैनल से कहा कि यदि कोई व्यक्ति अपराध करता है तो उसे सजा दी जा सकती है लेकिन उसे विमान में सफर करने से नहीं रोक सकते. चौधरी ने कहा, ‘ऐसा कोई कानून नहीं जो किसी व्यक्ति को विमान में सफर करने से रोके. किसी को टिकट नहीं देना कोई सजा नहीं है जब ऐसा कोई कानून नहीं है. मेरी जानकारी में ऐसा कोई कानून नहीं है.’
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इससे एक दिन पहले दिन नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री जयंत सिन्हा ने कथित रूप से कहा था कि रोक की वैधता की जांच पड़ताल करने की जरूरत है. यद्यपि एयरलाइन कंपनियों ने कदम का यह कहते हुए बचाव किया कि किसी भी व्यक्ति को विमान में सफर करने पर रोक लगाना उनके अधिकार क्षेत्र में है. इसके लिए एयर इंडिया ने एयर एक्ट 1972 के चैप्टर-4 और एयरक्राफ्ट रूल्स 1937 के नियम 22 और 23 का हवाला दिया है.