गृह मंत्रालय ने मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में 800 दंगारोधी पुलिसकर्मियों को भेजा है. कई राज्यों में परिवहन, मोबाइल और इंटरनेट सेवाओं के साथ कम- से- कम 100 रेलगाड़ियों का परिचालन प्रभावित हुआ.
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नई दिल्लीः एसी/एसटी( अत्याचार निवारण) अधिनियम को कथित तौर पर शिथिल किए जाने के विरोध में दलित संगठनों के राष्ट्रव्यापी बंद के चलते कई राज्यों में जनजीवन प्रभावित हुआ जबकि कई जगह प्रदर्शन ने हिंसक मोड़ ले लिया. इन घटनाओं में कम- से- कम 9 लोगों की मौत हो गई और अनेकों घायल हुए. अधिकारियों के मुताबिक अकेले मध्य प्रदेश में प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाबलों के बीच हुई गोलीबारी में 6 लोगों की मौत हो गयी. उत्तर प्रदेश में दो और राजस्थान से एक व्यक्ति की मौत की खबर मिली है.
देश में कई स्थानों पर कर्फ्यू लागू कर दिया गया और सैकड़ों लोगों को हिरासत में लिया गया. पंजाब में सेना और अर्धसैनिक बलों को तैयार रखा गया था. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों से जान- माल की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एहतियाती कदम उठाने और कानून- व्यवस्था बनाये रखने का निर्देश दिया है.
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मंत्रालय ने मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में 800 दंगारोधी पुलिसकर्मियों को भेजा है. कई राज्यों में परिवहन, मोबाइल और इंटरनेट सेवाओं के साथ कम- से- कम 100 रेलगाड़ियों का परिचालन प्रभावित हुआ. अकेले मध्य प्रदेश ही 6 लोगों की मौत हुई है. जिनमें ग्वालियर और भिंड में दो- दो जबकि मुरैना में एक व्यक्ति की मौत की खबर है वहीं एक व्यक्ति राज्य के किसी अन्य स्थान पर हुई हिंसा की भेंट चढ़ गया.
#UPDATE One more person has died during protests over SC/ST Protection Act in MP's Gwalior, raising the total number of deaths in MP to 6. Overall 9 people died during #BharatBandh today.
— ANI (@ANI) April 2, 2018
उत्तर प्रदेश में 2 व्यक्ति की मौत हो गई जबकि राज्य के विभिन्न हिस्सों में हुए हिंसक प्रदर्शनों में 40 पुलिसकर्मियों सहित करीब 75 लोग जख्मी हो गए. पुलिस ने यहां करीब 450 लोगों को हिरासत में लिया है. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शांति बनाए रखने तथा कानून व्यवस्था नहीं बिगाड़ने की अपील की क्योंकि आजमगढ़ समेत कई जिलों से हिंसा की खबरें आयी हैं. आजमगढ़ में प्रदर्शनकारियों ने राज्य परिवहन की दो बसें जला दीं जिससे कई यात्री घायल हो गये.
आगरा, हापुड़ और मेरठ में प्रदर्शनों के हिंसक रूप लेने के बाद उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ओ पी सिंह ने बताया, ‘‘ हमने केंद्र से और बल मांगा है जिसे वहां तैनात किया जाएगा. हम स्थिति पर नजर रख रहे हैं जो नियंत्रण में है.’’
राजधानी और शताब्दी एक्सप्रेस सहित कई प्रमुख ट्रेनों को प्रदर्शनकारियों ने रोक दिया जबकि कुछ ट्रेनों की यात्रा को निर्धारित गंतव्यों से पहले ही समाप्त कर दिया गया.
रेलवे के अधिकारियों ने बताया कि हापुड़ स्टेशन पर करीब2000 लोगों ने ट्रेनों के परिचालन में बाधा पहुंचाई तथा कई मालगाड़ियां बाधित कीं. सीबीएसई ने पंजाब सरकार के अनुरोध पर राज्य में12 वीं और10 वीं की परीक्षाएं पहले ही स्थगित कर दिया था.
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में भी प्रदर्शनकारी कई स्थानों पर पटरियों पर आ गए और देहरादून एक्सप्रेस और रांची राजधानी सहित कई ट्रेनों को रोक दिया. उत्तर रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि भीड़ ने गाजियाबाद में ट्रेनों के परिचालन को बाधित किया. पुलिस ने बताया कि‘ जय भीम’ के नारे लगाते हुए प्रदर्शनकारियों ने सड़कों को अवरूद्ध किया जिससे वाहन यातायात प्रभावित हुए.
Total 2 protesters dead in Uttar Pradesh during protests over SC/ST protection act. #BharatBandh
— ANI UP (@ANINewsUP) April 2, 2018
राजस्थान के अलवर में प्रदर्शन के हिंसक रूप ले लेने से एक व्यक्ति की मौत हो गयी और नौ पुलिसकर्मियों सहित 26 अन्य जख्मी हो गए. राजस्थान में पुलिस सूत्रों के अनुसार जयपुर, अजमेर, बाडमेर, जोधपुर, श्रीगंगानगर, उदयपुर, सीकर में बंद समर्थकों और पुलिस में हल्की झड़प हुई. जयपुर में टोंक रोड पर बंद समर्थकों ने कुछ वाहनों के शीशे तोड़ दिये और दुकानों में तोड़फोड़ की और गांधी नगर रेलवे स्टेशन पर मालगाडी को रोकने की सूचना मिली.
बंद समर्थकों ने अजमेर में भी दुकानें बंद करवाने को लेकर तोड़फोड़ की और वाहनों को नुकसान पहुंचाया. जयपुर, अलवर, कोटा, बीकानेर, दौसा, अजमेर, सीकर सहित कई स्थानों पर बंद समर्थकों ने दुकानें एवं व्यावसायिक प्रतिष्ठान जबरन बंद करवाये. दुकानदारों और बंद समर्थकों में झड़प भी हुई. जयपुर मेट्रो का संचालन मध्याह्न तक के लिए रोक दिया गया है.
One person has died in firing in Alwar. There was stone pelting in several places. No. of people have been detained across all districts in the state. Internet services were suspended&Section 144 was imposed in certain districts: DGP, Rajasthan #BharatBandh protest over SC/ST Act pic.twitter.com/pX9lnWEbGD
— ANI (@ANI) April 2, 2018
दिल्ली में भी दिखा असर
प्रदर्शनकारियों के मार्च का असर आज लुटियंस दिल्ली में भी देखने को मिला. प्रदर्शनकारियों ने मंडी हाउस पर एकत्रित होकर उच्चतम न्यायालय के उस फैसले के खिलाफ प्रदर्शन किया जिसमें अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के कथित उत्पीड़न के मामलों में स्वत: गिरफ्तारी और मामले दर्ज किए जाने पर रोक लगाई गई है.
प्रदर्शनकारियों ने मंडी हाउस मेट्रो स्टेशन के बाहर सड़क जाम कर दी जिससे यातायात थम गया और आईटीओ व यहां से होकर जाने वाले अन्य मार्गों के यात्रियों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा. प्रदर्शनकारियों को देखते हुए मंडी हाउस में भारी संख्या में पुलिस बलों को तैनात किया गया था. पुलिस ने पटेल चौक से जंतर मंतर जाने वाले संसद मार्ग पर भी यातायात बंद कर दिया .
पंजाब-हरियाणा में शांतिपूर्ण प्रदर्शन
दलितों ने पंजाब के जालंधर, पटियाला, होशियारपुर, रोपड, भठिंडा, फिरोजपुर, कपूरथला, और फगवाड़ा में प्रदर्शन किए. हरियाणा के पंचकूला, अंबाला, कैथल, हिसार, रोहतक, यमुनानगर, फरीदाबाद तथा गुरूग्राम और चंडीगढ में प्रदर्शन किए. इस दौरान दुकाने बंद रहीं और सड़कों पर गाड़ियों की आवाजाही बहुत कम रही. दिल्ली और लाहौर के बीच चलने वाली भारत- पाक बस सेवा सदाए सरहद भी बाधित रही. लाहौर जाने वाली बस को श्रीहिंद में रोका गया और दिल्ली जा रही बस को अमृतसर में. पुलिस ने बताया कि बाद में बसें गंतव्य की ओर रवाना होंगी.
बिहार में रेल व सड़क मार्ग बाधित
प्रदर्शनकारी पटना जंक्शन पर पहुंचे और उन्होंने वहां टिकट बिक्री काउंटर बंद करवा दिये. वे रेलमार्ग पर धरने पर बैठ गये जिसे कई ट्रेनों की आवाजाही बाधित हुई.ओडिशा के भी कई हिस्सों में जनजीवन आंशिक रुप से प्रभावित रहा. संबलपुर में आदिवासी दलित सेना के कार्यकर्ताओं ने खेत्राजपुर स्टेशन पर रेल रोको धरना दिया जिससे कुछ ट्रेनों के परिचालन में देरी हुई.
गुजरात में दुकानों को क्षतिग्रस्त किया गया
गुजरात के कई बड़े शहरों और नगरों में दलितों ने अनुसूचित जाति/ जनजाति अधिनियम को कथित तौर पर कमजोर किए जाने को लेकर विरोध प्रदर्शन किया.अधिकारियों ने बताया कि प्रदर्शनकारियों द्वारा कुछ बसों को निशाना बनाए जाने के बाद शहर की सरकारी परिवहन सेवाओं को रोक दिया गया. एक अधिकारी ने बताया कि जामनगर शहर में भीड़ ने एक बस डिपो में रखे हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पोस्टर फाड़े. भीड़ ने डिपो और उसके आस- पास कई दुकानों को क्षतिग्रस्त कर दिया.
झारखंड से भी आई झड़प की खबरें
रांची से प्राप्त खबरों के अनुसार, दलित संगठनों के बंद का प्रभाव झारखंड पर पड़ा. ज्यादातर दुकानदारों ने हिंसा की आशंका से अपनी अपनी दुकान पहले ही बंद कर दी थी. जमशेदपुर के बाहरी इलाके पलासबोनी में प्रदर्शनकारियों ने आज तड़के सामानों से लदे एक ट्रक को फूंक दिया. पुलिस उपाधीक्षक( कंपोजिट कंट्रोल रुम) सुधीर कुमार के अनुसार, शहर के विभिन्न भागों से 652 लोग हिरासत में लिये गये हैं.
छत्तीगढ़ भी जगह-जगह प्रदर्शन
बंद के दौरान राजधानी रायपुर समेत छत्तीसगढ़ के अन्य शहरों बिलासपुर, रायगढ़ में दुकानें बंद रही. वहीं कुछ स्कूलों में बच्चों को छुट्टी दे दी गई थी. रायपुर के अंबेडकर चौक में बंद समर्थकों ने सड़क को जाम कर दिया था जिससे यातायात में परेशानी हुई.
केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की
केंद्र ने उच्चतम न्यायालय से एससी/ एसटी कानून पर दिये गए अपने हालिया फैसले की समीक्षा करने का आग्रह किया है. सरकार का कहना है कि शीर्ष न्यायालय के फैसले से इस समुदाय के संवैधानिक अधिकारों का हनन होगा.
मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, बिहार और पंजाब सहित अन्य स्थानों पर आगजनी, गोलीबारी और तोड़फोड़ की खबरों के बीच कई राज्यों ने बंद के मद्देनजर शैक्षणिक संस्थानों को बंद रखने का आदेश दिया था और संचार एवं रेल समेत परिवहन सेवाएं अस्थायी तौर पर रोक दी थीं.
इस बीच, केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने शांति की अपील की है. कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि केंद्र सरकार अनुसूचित जाति/ जनजाति अधिनियम पर उच्चतम न्यायालय के फैसले में कोई पक्षकार नहीं है और वह इस फैसले के पीछे दिये गये तर्क से‘ ससम्मान’ असहमत है. उन्होंने कहा कि सरकार ने इस मामले पर एक समग्र पुनर्विचार याचिका भी दायर की है.
केंद्रीय मंत्री और महत्वपूर्ण दलित नेता एवं एनडीए के सहयोगी लोजपा प्रमुख रामविलास पासवान ने याचिका दायर करने का शीघ्र निर्णय लेने के लिए केंद्र सरकार की सराहना की. वरिष्ठ कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने आरोप लगाया कि एनडीए के 2014 में सत्ता में आने के बाद दलितों और अल्पसंख्यकों के खिलाफ अत्याचार की घटनाओं में वृद्धि हुई है. आप नेता और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने प्रदर्शनकारी समूहों के प्रति अपने समर्थन का ऐलान किया.
(इनपुट भाषा से भी)