जानिए कोरोना से निपटने के लिए कैसे तैयार है बिहार, पटना AIIMS की तरफ से मिली जानकारी
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जानिए कोरोना से निपटने के लिए कैसे तैयार है बिहार, पटना AIIMS की तरफ से मिली जानकारी

कोरोना संक्रमण की आहट को लेकर पटना एम्स में सभी तैयारी पूरी कर ली गई हैं. एम्स के निदेशक डॉ गोपाल कृष्ण पाल का कहना है कि पटना एम्स हर तरह से इसके लिए तैयार है.

(फाइल फोटो)

पटना : कोरोना संक्रमण की आहट को लेकर पटना एम्स में सभी तैयारी पूरी कर ली गई हैं. एम्स के निदेशक डॉ गोपाल कृष्ण पाल का कहना है कि पटना एम्स हर तरह से इसके लिए तैयार है. नए वेरिएंट के कुछ मामले अपने देश में पाए गए हैं लेकिन जिस बी एफ.7 वेरिएंट की चिंता जताई जा रही है उसका असल प्रभाव जनवरी के दूसरे सप्ताह के बाद स्पष्ट हो पायेगा. इसलिए एहतियात जरूर बरतें. 

राजधानी पटना में कोरोना संक्रमण रोकथाम को लेकर अलर्ट जारी कर दिया गया है और सरकार के स्तर पर भी तैयारी की गयी है.एम्स में कोरोना स्पेशल वार्ड बनकर तैयार है और विशेष परिस्थिति में इसे तुरंत बढ़ाया भी जा सकता है. यहां बूस्टर डोज लेने वालों की संख्या में काफी बढ़ोतरी हुई है और यह अब तेज गति से बढ़ रहा है. 

पटना एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशन पर आने वाले यात्रियों की कोविड जांच की जा रही है और देश में सबसे ज्यादा जांच बिहार में हो रहा है. साथ ही वैक्सीन को लेकर भी जागरूकता अभियान शुरू किया गया है और लोग अब वैक्सीन सेंटर पहुंच रहे हैं.जिन जगहों पर यह बंद कर दिया गया था उसे फिर से चालू कर दिया गया है. पटना एम्स के निदेशक का कहना है कि पिछले तीनों कोरोना लहरों में अपने यहां जिस तरह से संक्रमण फैला और उससे निपटा गया. यह अपने आप में उपलब्धि है और ज्यादातर लोगों में प्राकृतिक इम्युनिटी बनी हुई है. साथ ही जिस बड़ी संख्या में यहां टीकाकरण का काम हुआ यह भी एक बेहद सकारत्मक पक्ष है. 

वहीं डॉ संजीव कुमार,एम एस पटना एम्स ने कहा कि एम्स में कोरोना से संक्रमण की रोकथाम को लेकर अनुभव भी है और संसाधन भी साथ ही जज्बा भी है, साथ ही पहले के तीनों लहरों में जिस तरह का काम करके विशेषज्ञता हासिल की है वह किसी के पास नहीं है. 

डॉ गोपाल कृष्ण पाल, निदेशक एम्स पटना ने कहा कि चीन और जापान में जिस तरह से संक्रमण फ़ैल रहा है. उसकी बड़ी वजह चीन का अपने आप में कड़ा लॉकडाउन लगाकर बचने की कोशिश है. जिसकी वजह से प्राकृतिक इम्युनिटी वहां के लोगों में नहीं बन पाया है और यह एक बड़ी वजह है संक्रमण की इन देशो में, अभी जो फेस्टिव सीजन की शुरुआत हुई है इसमें सावधान रहने की जरुरत है और बीएफ.7 कितना प्रभाव डालेगा यह जनवरी के महीने में 15 से 20 तारीख के बीच पता चल पायेगा. 

पटना एम्स के विशेषज्ञों का कहना है कि चीन इसके बारे में ज्यादा कुछ शेयर नहीं करता है. इसलिए बीएफ.7 को लेकर बहुत कुछ जानकारी बाहर निकल कर नहीं आ पायी है लेकिन अपने यहां जांच भी ज्यादा हो रही है और टीकाकरण की गति भी एक बार फिर से बढ़ी है. ऐसे में मास्क, हैंड वाश और सोशल डिस्टेंसिंग वाला एहतियात इस समय पालन करना जरुरी है, लेकिन डरने की जरुरत नहीं है. 
(रिपोर्ट- रजनीश)

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