ब्लॉक विकास अधिकारी (बीडीओ) ने खुले में शौच करने वाले लोगों पर लगाम लगाने के लिए खुले में शौच करने वालों की फोटोग्राफी करने के निर्देश जारी किए हैं.
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पटना: स्वच्छ भारत मिशन के तहत देश को खुले में शौच मुक्त बनाने के लिए सरकार हर संभव कदम उठा रही है. कड़े नियम भी बनाए जा रहे हैं. सरकार के साथ गैर सरकारी संगठन भी जागरुकता फैलाने के लिए नए-नए तौर-तरीके अपनाए जा रहे हैं, बावजूद इसके कुछ लोग अपनी इस आदत से बाज नहीं आ रहे हैं. इस पर बिहार प्रशासन ने एक ऐसा अजीबो-गरीब फरमान जारी किया है, जिससे प्रदेश के टीचरों में रोष फैल गया है. ब्लॉक विकास अधिकारी (बीडीओ) ने खुले में शौच करने वाले लोगों पर लगाम लगाने के लिए खुले में शौच करने वालों की फोटोग्राफी करने के निर्देश जारी किए हैं. लेकिन बिहार टीचर एसोसिएशन ने बीडीओ के इस फरमान का यह कहते हुए विरोध किया है कि यह टीचरों का अपमान है.
Bihar teachers told to click pictures of open defecation
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— ANI Digital (@ani_digital) 22 नवंबर 2017
बात दरअसल यह है कि बिहार के औरंगाबाद जिला प्रशासन ने देव ब्लॉक की पवई पंचायत को इसी साल 31 दिसंबर तक खुले में शौच मुक्त पंचायत बनाने का लक्ष्य तय किया है. इस काम में लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए 61 प्राइमरी और माध्यमिक स्कूलों के करीब 144 टीचरों को अभियान में शामिल किया था. प्रशासन ने यह भी फैसला किया कि जो लोग समझाने के बाद भी खुले में शौच करने से बाज नहीं आते हैं, उनकी फोटोग्राफी कराई जाए. लेकिन प्रशासन के इस अभियान से टीचरों ने खुद को अलग कर दिया है. बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ (बीएमएसएस) का कहना है कि टीचर एसोसिएशन शुरू से ही ओडीएफ (ODF) में सरकार और प्रशासन के साथ है. टीचरों को इस अभियान में प्रशासन द्वारा दिए निर्देशों को पालन करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
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टीचरों का कहना है कि प्रशासन के इस तरह के फरमान टीचरों की गरीमा को कम करने के साथ-साथ उनकी सुरक्षा को भी खतरा रहता है. बीएमएसएस के महासचिव तथा पूर्व सांसद शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखकर कहा उस फरमान को वापस लेने को कहा है जिसमें टीचरों को सुबह और शाम गांवों का दौरा कर लोगों को खुले में शौच करने से रोकना है.
18 नवंबर को कुडनी बीडीओ हरीमोहन कुमार ने एक फरमान जारी करते हुए कहा था, संबंधित सभी टीचरों को आदेश दिया जाता है कि वे सभी ओडीएफ को लेकर लोगों में जागरुकता पैदा करें. इसके साथ ही वे गांवों में सुबह 6-7 बजे और शाम को 5-6 बजे दौरा करें और खुले शौच करते हुए लोगों को रोकें तथा उनके फोटो खींचें. टीचरों का कहना है कि उन्हें शौच करने वालों का फोटो खींचने को कहा गया है, ऐसे में महिला या लड़कियों के फोटो कैसे खींचे जा सकते हैं.