बंद कमरे में 100 मिनट चली शाह और ठाकरे की मुलाकात, बाहर इंतजार करते रहे फडणवीस
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बंद कमरे में 100 मिनट चली शाह और ठाकरे की मुलाकात, बाहर इंतजार करते रहे फडणवीस

शाह और ठाकरे की मुलाक़ात से पहले शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में बीजेपी के संपर्क फॉर समर्थन अभियान पर निशाना साधा.

2019 के चुनावों को लेकर बीजेपी अपने सहयोगी दलों से मुलाकात कर रही है

नई दिल्ली : 2019 के आम चुनाव नजदीक आ रहे हैं और शिवसेना, बीजेपी को लेकर और ज्यादा मुखर होती जा रही है. शिवसेना और बीजेपी के रिश्तों में आई दरार अब खाई का रूप लेने लगी है. महाराष्ट्र में पालघर लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में बीजेपी और शिवसेना ने एकदूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ा था. इस चुनाव में शिवसेना को हार का सामना करना पड़ा. इस हार के बाद दोनों ही दलों में रिश्ते और ज्यादा तल्ख हो गए थे. बीजेपी ने अपने सहयोगियों से मिलने और रूठे हुए साथियों को मनाने के लिए 'संपर्क फॉर समर्थन' अभियान शुरू किया है.

  1. बीजेपी ने शुरू किया 'संपर्क फॉर समर्थन' अभियान
  2. अभियान की कमान खुद अमित शाह संभाल रहे हैं
  3. रूठे हुए सहयोगियों को मनाने निकले बीजेपी प्रमुख

अब बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह दोनों दलों के बीच पैदा हुई मतभेद को दूर करने के लिए पहल कर रहे हैं. इसी पहल के तहत अमित शाह ने बुधवार की शाम मुंबई में शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से मुलाकात की. शाम करीब साढ़े सात बजे अमित शाह, उद्धव ठाकरे से मुलाकात करने के लिए उनके निवास मातोश्री गए. शाह के साथ महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी थे.

बंद कमरे हुई मुलाकात
दोनों ही नेताओं के बीच एक साल के बाद मुलाकात हुई. इससे पहले राष्ट्रपति चुनाव के दौरान दोनों नेताओं के बीच मुलाकात हुई थी. इस मुलाकात के दौरान कमरे में केवल अमित शाह और उद्धव ठाकरे ही मौजूद थे. अमित शाह जब मातोश्री पहुंचे तो उद्धव ठाकरे पूरे परिवार के साथ उनका स्वागत करने के लिए आए और उन्हें सम्मान के साथ अपने निवास में ले गए. दोनों नेताओं के बीच करीब डेढ़ घंटे तक मुलाकात चली. इसके बाद दोनों नेता एक बार फिर 15 मिनट के लिए अकेले में मिले. देर शाम 7.45 बजे अमित शाह ने मातोश्री में प्रवेश किया और 10 बजे के बाद बाहर आए.

इस मुलाकात से पहले बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने मुंबई के प्रसिद्ध सिद्धिविनायक मंदिर में भगवान गणेश के दर्शन किए और विशेष पूजा-अर्चना की. 

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ठाकरे से मुलाकात से पहले 'ज़ी तास 24' को दिए खास इंटरव्यू में अमित शाह ने कहा कि वह शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से मिलकर पार्टी की नाराजगी दूर करने की कोशिश करेंगे. उन्होंने कहा कि वह 2019 का ही नहीं, 2024 का चुनाव भी शिवसेना के साथ मिलकर लड़ना चाहते हैं, शिवसेना हमारा मित्र पक्ष है. उन्होंने कहा कि उद्धव की नाराजगी बड़ा मुद्दा नहीं, जितना आपको लगता है. 

'सामना' में बीजेपी पर साधा निशाना
उधर, बीजेपी और शिवसेना में मुलाकात से पहले शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में बीजेपी पर फिर हमला किया. सामना के एक लेख में लिखा, उपचुनाव में हार के बाद ही संपर्क अभियान की ज़रूरत क्यों पड़ी? बीजेपी इस अभियान के ज़रिए सबको साथ लेकर चलना चाहती है, लेकिन सरकार और जनता के बीच ही संपर्क टूट गया है. संपर्क बनाना, तोड़ना बीजेपी का व्यापारिक गणित है. 'संपर्क फॉर समर्थन' अभियान को शिवसेना ने समर्थन घोटाला करार दिया है. 

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संपर्क फॉर समर्थन
2019 के आम चुनावों में समर्थन जुटाने के लिए बीजेपी ने 'संपर्क फॉर समर्थन' अभियान शुरू किया है. इस अभियान की कमान खुद पार्टी प्रमुख अमित शाह संभाले हुए हैं. अभियान के तहत अमित शाह एनडीए के सहयोगी दलों और अन्य नेता, अभिनेता तथा समाज की अलग-अलग हस्तियों से मुलाकात कर रहे हैं. 

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बुधवार को उन्होंने बॉलीवुड अभिनेत्री माधुरी दीक्षित और उनके परिवार से मुलाकात की. उद्धव ठाकरे से मुलाकात भी इसी अभियान का एक हिस्सा है. अमित शाह नेताओं से मुलाकात के साथ उन्हें केंद्र सरकार की उपलब्धियों की एक पुस्तिका भी दे रहे हैं. अमित शाह अपने सहयोगी दल लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) प्रमुख और केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान से भी मुलाकात की. उनका प्रसिद्ध गायिका लता मंगेशकर से भी मुलाकात का कार्यक्रम था, लेकिन लता जी का स्वास्थ्य ठीक नहीं होने के कारण यह मुलाकात नहीं हो सकी.

29 मार्च को शुरू किए इस अभियान के तहत शाह भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश आरसी लाहोटी, योग गुरु बाबा रामदेव, प्रमुख उद्योगपति रतन टाटा, पूर्व क्रिकेटर कपिल देव, संविधान विशेषज्ञ सुभाष कश्यप, पूर्व सेना प्रमुख दलबीर सिंह सुहाग से भी मुलाकात कर चुके हैं. 

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