1994 में दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर में विक्की ने मैथ्स ओर साइंस विषय पढ़ाने के लिए कोचिंग सेंटर शुरू किया. वह मैथ्स और इकोनॉमिक्स विषय पढ़ाता है.
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नई दिल्ली: सीबीएसई ने मंगलवार को घोषणा करते हुए कहा कि क्लास 10वीं का मैथ्स और 12वीं का इकोनॉमिक्स का पर्चा लीक होने के कारण इनके पेपर दोबारा कराए जाएंगे. उसके बाद से सुरक्षा एजेंसियां इस मामले की गहन छानबीन में जुटी हैं. अब तक इस मामले में एक कोचिंग संचालक विक्की वाधवा को मुख्य संदिग्ध माना जा रहा है. पुलिस ने विक्की को मुख्य आरोपी मानते हुए इससे पूछताछ की है. ऐसे में बड़ा सवाल उठता है कि आखिर विक्की कौन है और उसकी इस पूरे मामले में क्या भूमिका है?
कैसे खुला केस?
मैथ्स के एक्जाम से एक दिन पहले 27 मार्च को CBSE को एक मेल मिला, जिसमें बताया गया कि पेपर लीक हो गया है. उस मेल में दिल्ली के राजेंद्र नगर में कोचिंग चलाने वाले विक्की और दो स्कूलों को कथित रूप से इसके लिए जिम्मेदार ठहराया गया. विक्की का नाम इस तरह पहली बार सामने आया. न्यूज एजेंसी ANI ने एक पुलिस लेटर की इमेज ट्वीट की थी जिससे पता चलता है कि 26 मार्च की शाम को दिल्ली के रोज एवेन्यू में सीबीएसई एकेडमिक यूनिट के पास एक गुमनाम लिफाफा भेजा गया, जिसमें इकोनॉमिक्स के पेपर और चार शीटों में हस्तलिखित आंसर रखे थे. इसमें रखे पेपरों से पता चला कि प्रश्न पत्र लीक हो गए हैं ओर वाट्सऐप ग्रुप नंबरों पर सर्कुलेट हो रहे हैं. इन सूचनाओं के आधार पर एसआईटी ने विक्की को पकड़ा. रिपोर्टों के मुताबिक विक्की ने पुलिस को बताया कि उसने भी ये प्रश्न वाट्सऐप के जरिये ही पाए.
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विक्की वाधवा (40)
1. विक्की, दिल्ली यूनिवर्सिटी से कॉमर्स ग्रेजुएट है. उसने 1996 में ग्रेजुएशन किया.
2. 1994 में दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर में विक्की ने मैथ्स ओर साइंस विषय पढ़ाने के लिए कोचिंग सेंटर शुरू किया. वह मैथ्स और इकोनॉमिक्स विषय पढ़ाता है.
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3. रिपोर्टों के मुताबिक विक्की को जब पूछताछ के लिए पकड़ा गया तो उसके छात्रों ने उसका समर्थन किया और कहा कि इस तरह की किसी भी गतिविधि में वह शामिल नहीं हो सकता.
4. रिपोर्टों के मुताबिक दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच फिलहाल उससे पूछताछ कर रही है.
5. कहा जा रहा है कि वह अन्य लोगों के साथ मिलकर प्रश्न पत्रों को 10-15 हजार रुपये में बेच देता था.
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पेपर लीक मामले में 2 मामले दर्ज
इस बीच, अपराध शाखा के विशेष आयुक्त आर पी उपाध्याय और अपराध शाखा के संयुक्त पुलिस आयुक्त आलोक कुमार ने दिल्ली पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक से बुधवार (28 मार्च) शाम आगे की जांच पर चर्चा की. दिल्ली पुलिस ने एक बयान जारी करके कहा कि सीबीएसई के क्षेत्रीय निदेशक की शिकायत पर उन्होंने दो मामले दर्ज किए हैं. पहला मामला अर्थशास्त्र का पेपर लीक होने के संबंध में मंगलवार (27 मार्च) दर्ज किया था, वहीं 10वीं का पेपर लीक होने का मामला बुधवार (28 मार्च) को दर्ज किया गया.
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ये मामले धोखाधड़ी (420), आपराधिक षडयंत्र (120बी) और आपराधिक विश्वासघात (406) के आरोप में दर्ज किए गए हैं. मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है जिसमें दो पुलिस उपायुक्त, चार सहायक पुलिस आयुक्त और पांच निरीक्षक शामिल हैं. यह दल संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) की निगरानी में काम करेगा.
जांच के लिए एसआईटी का गठन
सीबीएसई द्वारा अपराध शाखा में दो मामले दर्ज करने के बाद एसआईटी का गठन हुआ है. पहला मामला मंगलवार (27 मार्च) शाम दर्ज हुआ था, जिसमें सीबीएसई की 12वीं कक्षा के अर्थशास्त्र विषय के प्रश्न-पत्र लीक होने का मामला था, तथा बुधवार (28 मार्च) को दर्ज दूसरे मामले में 10वीं के गणित विषय के प्रश्न-पत्र लीक का मामला था. 12वीं की अर्थशास्त्र की परीक्षा 26 मार्च को, जबकि 10वीं की गणित की परीक्षा 28 मार्च को हुई थी.
सीबीएसई पेपर लीक: बोर्ड ने पुन: परीक्षा का ऐलान किया
पेपर लीक की खबरों के बीच सीबीएसई ने बुधवार (28 मार्च) को घोषणा की है कि 10वीं कक्षा की गणित और12 वीं कक्षा की अर्थशास्त्र की परीक्षा दोबारा ली जाएगी. केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड( सीबीएसई) ने परीक्षा फिर से लिए जाने के बारे में सर्कुलर जारी कर कहा कि इस बारे में तारीखों और अन्य जानकारी को बोर्ड की वेबसाइट पर उपलब्ध कराया जाएगा. इसमें कहा गया, ‘‘जैसा कि खबरों में आया है, कुछ परीक्षाओं के आयोजन में कुछ घटनाओं का बोर्ड ने संज्ञान लिया है. बोर्ड परीक्षाओं की शुचिता और निष्पक्षता को बनाए रखने के लिए और छात्रों के हित में बोर्ड ने उक्त विषयों की दोबारा परीक्षा लेने का फैसला किया है.’’