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नई दिल्ली : राज्यसभा में गुरुवार को कांग्रेस के सदस्यों ने महात्मा गांधी की हत्या के दोषी नाथूराम गोडसे को महाराष्ट्र में एक समारोह के दौरान महिमामंडित किये जाने का भारी विरोध किया तथा इस मुद्दे पर हुए हंगामे के कारण सदन की बैठक को दो बार स्थगित करनी पड़ी।
संसदीय कार्यमंत्री वेंकैया नायडू ने इस मामले पर सरकार का पक्ष रखते हुए कहा कि इस तरह के किसी शख्स के महिमामंडन का सवाल ही नहीं उठता। हालांकि उन्होंने इस मामले में किसी विशिष्ट संगठन को बदनाम करने के प्रयासों को खारिज किया।
गौरतलब है कि कांग्रेसी सदस्यों ने यह मुद्दा उठाते समय गोडसे को महिमामंडित करने संबंधित समारोह के आयोजन के पीछे एक विशिष्ट संगठन का नाम लिया था लेकिन उपसभापति पीजे कुरियन ने इस संगठन का नाम सदन की कार्यवाही से निकाल दिया। शून्यकाल में इस मुद्दे को उठाते हुए कांग्रेस के हुसैन दलवई ने कहा कि उन्होंने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को इस तरह के आयोजन के बारे में पत्र लिखा है जिसमें कुछ धार्मिक नेताओं और पूर्व विधायकों ने शिरकत की थी।
उन्होंने दक्षिणपंथी संगठनों पर धमा’तरण समेत इस तरह की समाज को बांटने वाली गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाते हुए कहा कि महाराष्ट्र में शौर्य दिवस मनाकर महात्मा गांधी के हत्यारे को महिमामंडित किया जा रहा है। ये लोग विकास की बात करते हैं लेकिन समाज में दरार पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं।