प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा राहुल गांधी को ‘बिना पढ़े भाषण देने’ की चुनौती दिए जाने पर पलटवार करते हुए कांग्रेस ने बुधवार(2 मई) को कहा कि मोदी ‘जन आक्रोश’ रैली के राहुल के भाषण का वीडियो देख लें तो उनको जवाब मिल जाएगा.
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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा राहुल गांधी को ‘बिना पढ़े भाषण देने’ की चुनौती दिए जाने पर पलटवार करते हुए कांग्रेस ने बुधवार(2 मई) को कहा कि मोदी ‘जन आक्रोश’ रैली के राहुल के भाषण का वीडियो देख लें तो उनको जवाब मिल जाएगा. पार्टी ने यह भी दावा किया कि अब तो भाजपा नेताओं के सपने में भी कांग्रेस अध्यक्ष आ रहे हैं. कर्नाटक विधानसभा चुनाव में ‘सांप्रदायिक कार्ड’ के भाजपा के आरोप को खारिज करते हुए कांग्रेस ने यह आरोप लगाया कि भाजपा कर्नाटक में 'येद्दी-रेड्डी गैंग' को सरंक्षण दे रही है और ‘भ्रष्टाचार की प्रतिमूर्ति' बीएस येदियुरप्पा के साथ खड़े होने वाले प्रधानमंत्री मोदी को इस विषय पर बात करने का नैतिक अधिकार नहीं है.
पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव शुक्ला ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘भाजपा के नेता इन दिनों दिन-रात राहुल गांधी का नाम ले रहे हैं. ऐसा लगता है कि राहुल गांधी उनके सपने में भी आ रहे हैं.’’ राहुल को ‘बिना पढ़े भाषण देने’ की मोदी द्वारा चुनौती दिए जाने पर शुक्ला ने कहा, ‘‘रामलीला मैदान में सबने देखा कि राहुल जी 32 मिनट तक बोले और उनका भाषण लिखा हुआ नहीं था.
प्रधानमंत्री को राहुल जी को उस भाषण का वीडियो देखना चाहिए. अगर वह भाषण देखेंगे और सुनेंगे तो उनको जवाब जरूर मिल जाएगा.’’ प्रधानमंत्री ने कल कर्नाटक में एक चुनावी सभा में कहा था, 'हम कांग्रेस के अध्यक्ष के सामने नहीं बैठ सकते हैं, आप नामदार और हम कामदार हैं.
हम तो अच्छे कपड़े भी नहीं पहन सकते हैं, आपके सामने कैसे बैठेंगे.' मोदी ने तंज कसते हुए कहा कि आप (राहुल) जिस भाषा में भी बात कर सकें, हाथ में कागज लिए बगैर कर्नाटक सरकार की उपलब्धियां ही जनता के सामने बोल दीजिए. शुक्ला ने कहा, 'प्रधानमंत्री के मंच पर येदियुरप्पा खड़े होते हैं. ऐसे में मोदी जी को भ्रष्टाचार पर बोलने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है. येदियुरप्पा भ्रष्टाचार की प्रतिमूर्ति हैं. जब आप उनका साथ दे रहे हैं और भ्रष्टाचार के बारे में बोलते हैं तो अजीबोगरीब लगता है.' उन्होंने दावा किया, 'सीबीआई ने केंद्र सरकार के दबाव में येदियुरप्पा को क्लीनचिट दी है.
ऐसे में कर्नाटक सरकार ने राज्य को लूटने की जांच एसआईटी से कराने का फैसला किया.' शुक्ला ने कहा, 'अब 'येद्दी-रेड्डी गैंग' कर्नाटक में फिर से शासन करना और लूटना चाहता है. भाजपा इस गैंग को संरक्षण दे रही है. कर्नाटक की जनता से अपील है कि वह इस गैंग से सावधान रहे.' वह जाहिर तौर पर येदियुरप्पा और खनन कारोबारी रेड्डी बंधुओं के संदर्भ में ‘येद्दी-रेड्डी’ शब्द का इस्तेमाल कर रहे थे. कर्नाटक में कांग्रेस पर ‘सांप्रदायिक कार्ड’ खेलने के भाजपा के आरोप पर शुक्ला ने कहा, ‘‘कर्नाटक में सांप्रदायिक कार्ड खेलने का सवाल ही नहीं है. कांग्रेस सबको साथ लेकर चल रही है.
राहुल जी मंदिरों, मठों और दूसरे सभी धार्मिक स्थलों एवं गुरुओं के पास जा रहे हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘सांप्रदायिक कार्ड भाजपा खेल रही है।भाजपा को यह बताना चाहिए कि जिन्ना को लेकर उसकी क्या नीति है. उसे देश के सामने स्पष्ट करना चाहिए.’’ शुक्ला ने दावा किया, ‘‘ भाजपा के मार्गदर्शक और सर्वोच्च नेता लालकृष्ण आडवाणी ने जिन्ना की मजार जाकर मत्था टेका और देशभक्त बताया. उनके नेता जसवंत सिंह ने भी जिन्ना को देशभक्त बताया था और अपनी किताब में भी जिन्ना की तारीफ की थी. अब उत्तर प्रदेश के एक मंत्री (स्वामी प्रसाद मौर्य) ने जिन्ना को देशभक्त बता दिया. भाजपा बताए कि क्या वह जिन्ना को देशभक्त मानती है?’’ पिछले दिनों कर्नाटक में भाजपा अध्यक्ष की जुबान फिसलने का हवाला देते हुए शुक्ला ने कहा, 'अमित शाह जी बुद्धिमान व्यक्ति हैं. उनकी जुबान नहीं फिसली है, बल्कि जो बात दिमाग में थी वही जुबान पर आ गयी.
उन्होंने सही कहा येदियुरप्पा सरकार सबसे भ्रष्ट थी।' गौरतलब है कि शाह ने मार्च महीने के अंत में बेंगलूरू में एक संवाददाता सम्मेलन में त्रुटिवश कहा था कि यदि भ्रष्टाचार में कोई प्रतिस्पर्धा कर ली जाए तो येदियुरप्पा सरकार को इस प्रतियोगिता में पहला स्थान मिल जाएगा. हालांकि पास में बैठे एक भाजपा नेता के याद दिलाने पर शाह ने अपनी गलती मानते हुए कहा कि उनका अर्थ वर्तमान की सिद्धरमैया सरकार से था. शुक्ला ने आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी सरकार में किसानों की परेशानी बढ़ती जा रही है और सरकार कुछ नहीं कर रही है.
कश्मीर में स्कूली बस पर पथराव की घटना पर दुख प्रकट करते हुए उन्होंने कहा कि संप्रग सरकार के समय घाटी के हालात बहुत शांतिपूर्ण थे और वहां के लोग चुनावों में बड़े पैमाने पर भागीदारी कर रहे थे, लेकिन इस सरकार ने वहां की स्थिति को ‘चिंताजनक’ बना दिया.