दिल्ली के खासकर पूर्वी हिस्से में खास दखल रखने वाले नेता अरविंदर सिंह लवली एक बार फिर से कांग्रेस में शामिल हो गए हैं.
Trending Photos
नई दिल्ली: दिल्ली के खासकर पूर्वी हिस्से में खास दखल रखने वाले नेता अरविंदर सिंह लवली एक बार फिर से कांग्रेस में शामिल हो गए हैं. न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक दिल्ली कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय माकन ने बताया कि करीबी नौ महीने पहले बीजेपी में शामिल हुए अरविंदर सिंह लवली एक बार फिर से कांग्रेस में लौट आए हैं. पार्टी सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की मौजूदगी में लवली के दोबारा से पार्टी में लौटने का कार्यक्रम था, लेकिन किसी वजह से ऐसा नहीं हो पाया. कांग्रेस की ओर से आयोजित कार्यक्रम में अजय माकन ने लवली की पार्टी में वापसी कराई. पार्टी की सदस्यता हासिल करने के बाद अरविंदर सिंह लवली ने कहा, 'मेरे लिए कोई खुशी का निर्णय नहीं था कांग्रेस छोड़कर बीजेपी ज्वाइन करना. पीड़ा में लिया गया फैसला था. वैचारिक रूप से मैं बीजेपी अनफिट था.'
अरविंदर सिंह लवली की कांग्रेस में वापसी पर कहा पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने कहा, 'मुझे काफी अच्छा लग रहा है कि वह वापस आए हैं. उन्हें अहसास हुआ कि आखिरकार अपना घर ही अच्छा होता है.
हाल ही में अजय माकन ने पार्टी के पुराने नेताओं के साथ बैठक की थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि वह सभी साथ लेकर चलने में नाकाम रहे, जिसके चलते पिछले चुनावों में हार मिली है. उनके इस बयान पर पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने कहा था कि अजय माकन ने अपनी गलती सुधार ली है.
पिछले साल लवली ने अजय माकन से नाराज होकर कांग्रेस का साथ छोड़ दिया था और 4 अप्रैल 2017 के दिन बीजेपी में शामिल हो गए थे. बीजेपी ज्वॉइन करने के बाद लवली ने कहा था कि उन्होंने अपने आत्मसम्मान के लिए कांग्रेस का साथ छोड़ा था. दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष के तौर पर भी लवली अपनी सेवाएं दे चुके हैं.
BJP leader Arvinder Singh Lovely rejoins Congress in presence of Ajay Maken, PC Chacko and others in #Delhi. pic.twitter.com/jvxDtWsGOq
— ANI (@ANI) February 17, 2018
Mere liye koi khushi ka nirnay (leaving Congress, joining BJP) nahi tha. Peedha mein liya hua decision tha woh. Ideologically main wahaan (BJP) misfit tha: Arvinder Singh Lovely after rejoining Congress. pic.twitter.com/tS6VY8IxP6
— ANI (@ANI) February 17, 2018
Mujhe kaafi accha lag raha hai ki woh waapis aagaye hain. Unhone realise kara ki end mein apna ghar hi accha hota hai: Sheila Dikshit, Congress. pic.twitter.com/Q4KcJK4lqr
— ANI (@ANI) February 17, 2018
ये भी पढ़ें: कांग्रेस छोड़ BJP में शामिल हुए अरविंदर सिंह लवली, कहा- कई नेताओं का पिछले दो वर्षों से दम घुट रहा है
लवली ने शीली दीक्षित को बताया था पार्टी में बोझ
कांग्रेस का हाथ छोड़कर बीजेपी का दामन पकड़ने के बाद अरविंदर सिंह लवली ने कहा था कि वह कभी बीजेपी के धुर विरोधी थे, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कार्यशैली ने उन्हें प्रभावित किया, इसी वजह से उन्होंने भाजपा में शामिल होने का फैसला किया. उन्होंने सवाल उठाया कि शीला दीक्षित की तरह कांग्रेस में बोझ बनकर रहने के बजाय 'गद्दार' बनकर बीजेपी में जाने को अधिक महत्व दिया है, तो इस पर उंगली क्यों उठाई जा रही है?
शीला दीक्षित सरकार में शिक्षा मंत्रालय और परिवहन मंत्रालय जैसे कई अहम पद संभाल चुके लवली (49) को दिल्ली कांग्रेस इकाई की रीढ़ की माना जाता रहा है, लेकिन वह कांग्रेस के लगातर गर्त में जाने के बीच कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए, जिसके कई राजनीतिक मायने निकाले गए.
लवली ने कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होने के अपने फैसले पर स्पष्टीकरण देते हुए कहा, "मुझे तो इसमें किसी तरह की राजनीति नजर नहीं आती. क्या आपने पिछले दो वर्षो में पार्टी में मेरी कोई भूमिका देखी? कांग्रेस जो अब इतनी हायतौबा मचा रही है, वह पहले कहां थी."
लवली ने माकन पर लगाए थे गंभीर आरोप
उन्होंने कहा, "मैंने जिस कांग्रेस पार्टी को ज्वाइन किया था, वह अब बदल गई है, उसकी विचारधारा बदल गई है और यही मेरे पार्टी छोड़ने का कारण है. जिस पार्टी में अपने नेताओं का कोई सम्मान नहीं है तो उससे गरीबों और दलितों का हिमायती होने की उम्मीद कैसे की जा सकती है. मैं बहुत असहाय महसूस कर रहा था. चुनाव समिति में कोई भूमिका नहीं थी. पार्टी के घोषणापत्र पर कोई राय नहीं ली जाती थी तो हम पार्टी में कर क्या रहे थे?"
यह पूछने पर कि अजय कामन को लेकर पार्टी में किस तरह के मतभेद थे? उन्होंने कहा, "एक पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष का काम पार्टी को जोड़कर रखना होता है, न कि पार्टी के कैडर को खत्म कर देना. उस पार्टी का भविष्य कैसा होगा, जो अपने नेताओं का ख्याल नहीं रखती. यकीनन, माकन से दिक्कत थी, उन्हीं की वजह से पार्टी की यह स्थिति हुई.
उन्होंने आगे कहा, "मैं अब भाजपा में शामिल हो गया हूं तो मेरी इच्छा है कि माकन ताउम्र दिल्ली इकाई के अध्यक्ष रहें."
यह पूछने पर कि उन्होंने भाजपा में शामिल होने का विचार कब किया, उन्होंने कहा, "सच बताऊं.. मैंने कभी सपने में नहीं सोचा था कि मैं भाजपा का सदस्य बनूंगा. यह निश्चित तौर पर मोदीजी का कामकाज ही था, जिसने मुझे प्रभावित किया. उन्होंने पिछले तीन वर्षो में बेहतरीन काम किया है, जिससे देश में ही नहीं, बल्कि विदेश में भी भारत की छवि उज्जवल हुई है. नरेंद्र मोदी और अमित शाह ने सुशासन के लिए पार्टी का पूरा नेतृत्व ही बदल दिया और कांग्रेस में क्या है, गांधी परिवार का कब्जा है."
शीला ने लवली को कहा था गद्दार
लवली अपनी ईमानदारी पर उठे सवालों का जवाब देते हुए कहते हैं, "मैंने चुनाव में टिकट की चाह में पार्टी नहीं बदली है. इस समय न तो लोकसभा चुनाव हो रहा है और न ही विधानसभा चुनाव. मुझे दिल्ली नगर निगम चुनाव लड़ना नहीं है, तो अब मुझे क्या फायदा होगा?"
पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के बयान पर वह कहते हैं, "शीला दीक्षित ने मुझे गद्दार कहा. मैंने उन पर कोई आरोप नहीं लगाया, बल्कि मैं उनका बहुत सम्मान करता हूं. कांग्रेस की मौजूदा स्थिति को देखते हुए मेरे पास दो विकल्प थे, या तो मैं शीला जी की तरह कांग्रेस में बोझ बनकर रहूं या फिर गद्दार बनक दूसरी पार्टी में चला जाऊं. मैं अपने आत्मसम्मान के साथ समझौता नहीं कर सकता, तो मैंने गद्दार बनना पसंद किया."
उन्होंने कांग्रेस पार्टी में टिकट बंटवारे पर हुई धांधली के बारे में कहा, "आपको याद होगा कि डॉ. किरण वालिया और मंगतराम सिंघल ने आरोप लगाया था कि पार्टी में टिकट बंटवारे के समय काफी भ्रष्टाचार हुआ है और तब पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष ने एक नामी-गिरामी अखबार में कहा था कि ऐसी चीजें कांग्रेस में होती रही हैं. इससे उनका क्या मतलब था? क्या पार्टी में टिकट बंटवारों में भ्रष्टाचार होता है?"