पीड़िता के परिवार ने मुआवजे के तौर पर सरकार की तरफ से दिए गए दो लाख रुपये का चेक वापस किया
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रेवाड़ी: रेवाड़ी गैंगरेप केस में घटना के पांचवें दिन भी अब तक पुलिस के हाथ खाली हैं. तीन आरोपियों की पहचान हो चुकी है. आरोपियों से जुड़ा सुराग देने वाले को 1 लाख रुपये इनाम देने की घोषणा हो चुकी है. पुलिस की एक टीम राजस्थान जा चुकी है लेकिन आरोपी हाथ नहीं लग रहे. पुलिसिया कार्रवाई से परिजनों और पीड़िता के गांव वालों में काफी आक्रोश है. यही वजह है कि पीड़िता के परिवार ने मुआवजे के तौर पर सरकार की तरफ से दिए गए दो लाख रुपये का चेक वापस कर दिया है. आपको यह भी बता दें कि सभी तीन आरोपी पंकज, सेना का जवान निशु और मनीष उसी रेवाड़ी गांव के रहने वाले हैं जहां वह लड़की रहती है और वे लोग उसे और उसके परिवार को जानते थे.
Some officials came yesterday to give me a compensation cheque. I am returning it today, as we want justice & not money. It has now been 5 days & none of the accused have been arrested till now: Mother of Rewari gangrape victim #Haryana pic.twitter.com/fRYGuTP7oj
— ANI (@ANI) September 16, 2018
हमें पैसा नहीं न्याय चाहिए
रेवाड़ी गैंगरेप पीड़िता की मां ने मीडिया के सामने अपना दुख और गुस्सा व्यक्त करते हुए कहा, "कल कुछ अधिकारी मुझे मुआवजे का चेक देने आए थे. मैं आज इसे लौटा रही हूं क्योंकि हमें पैसा नहीं न्याय चाहिए. अब तो पांच दिन बीत चुके हैं लेकिन अभी तक कोई भी आरोपी गिरफ्तार नहीं किया गया है. सरकार मेरी बेटी की आबरू की कीमत लगा रही है." इस दौरान वे अपनी बेटी की तबीयत को लेकर चिंतित नजर आईं. उन्होंने कहा, "बेटी को उचित इलाज तक नहीं मिल रहा. डिप्रेशन में जाने की बात कहकर बेटी से मिलने भी नही दे रहे डॉक्टर. मेरी बेटी को बूचड़खाने में लाकर पटक दिया."
मुझे 2 करोड़ भी नहीं चाहिए
उन्होंने आगे कहा, "मुझे इंसाफ चाहिए चेक का क्या करेंगे, उनको अरेस्ट करो और मुझे इंसाफ दो. दरिंदे हाथ नहीं आए हैं. ये पांचवां दिन है. मुझे न्याय चाहिए. ये 2 लाख है मुझे 2 करोड़ भी नहीं चाहिए. मुझे इंसाफ चाहिए. ये चेक जिसने भी दिया है मैं हाथ जोड़कर वापस करना चाह रही हूं. मेरा प्रशासन से अनुरोध है."
नारनौल के सीजेएम विवेक यादव ने दिया था चेक
गौरतलब है कि शनिवार को नारनौल के सीजेएम विवेक यादव पीड़िता का हाल जानने रेवाड़ी के नागरिक अस्पताल पहुंचे थे. वहां उन्होंने पीड़िता के परिजनों से मिलकर उन्हें हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से खास मदद के तौर पर दी जाने वाली राशि के तहत 2 लाख रुपये का चेक सौंपा था. इसके बाद पत्रकारों से बातचीत के दौरान सीजेएम विवेक यादव ने कहा था कि प्राधिकरण की ओर से कानूनी सेवा के तौर पर प्रदान की जाने वाली फ्री लीगल सर्विसेज के तहत पीड़िता को यह सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी. जहां तक पीड़िता के 164 के बयान दोबारा कराने का सवाल है तो गठित एसआईटी को भी सलाह दी जाएगी.
लड़की के पिता ने वारदात में 8 से 10 लोगों के शामिल होने की आशंका जाहिर की थी
लड़की के पिता ने कहा है कि हो सकता है आठ से 10 लोगों ने उससे बलात्कार किया हो लेकिन वह उनमें से केवल तीन लोगों की ही पहचान कर पायी. आपको बता दें कि लड़की अपने स्कूल की टॉपर रही है. पुलिस ने घटना के बारे में बताया था कि बुधवार को कनीना में बस स्टॉप से लड़की का अपहरण कर लिया गया था. अपहरण करके सुनसान स्थान पर उसे ले गया जहां नशीला पदार्थ पिलाने के बाद उसके साथ बलात्कार किया. हरियाणा के पुलिस महानिदेशक बी एस संधू ने शनिवार को बताया था कि युवती से कथित रूप बलात्कार के तीन आरोपियों में से एक राजस्थान में पदस्थ सैन्यकर्मी है और उसे गिरफ्तार करने के लिए पुलिस टीम भेजी गयी है. उन्होंने कहा था, "तीन आरोपियों में से एक सैन्यकर्मी है और पुलिस का दल उसे गिरफ्तार करने को राजस्थान गया है. मुझे विश्वास है कि उसे आज गिरफ्तार कर लिया जाएगा."
सेना ने कहा आरोपी को सजा दिलवाने में करेंगे मदद
वहीं दूसरी ओर जयपुर में, भारतीय सेना की दक्षिण पश्चिम कमान के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल चेरिश मेथसन ने कहा था कि बलात्कार मामले में अगर कोई सैन्यकर्मी संलिप्त पाया जाता है तो सेना आरोपी को सजा दिलवाने में मदद करेगी. मेथसन ने कहा था, "हम अपराधियों को प्रश्रय नहीं देते. हम आरोपी की तलाश में मदद करेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि अगर कोई सैनिक बलात्कार मामले में संलिप्त पाया जाता है तो वह सलाखों के पीछे हो." राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने घटना की निंदा की है और हरियाणा के पुलिस प्रमुख से जांच के बारे में यथाशीघ्र अवगत कराने के निर्देश दिए हैं.