इजरायल के प्रधानमंत्री की भारत यात्रा से पहले तीन मूर्ति चौक का नाम बदलकर तीन मूर्ति हैफा चौक और तीन मूर्ति हैफा मार्ग किया गया.
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नई दिल्लीः रविवार को 6 दिवसीय यात्रा पर भारत पहुंचे इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अपने दौरे की शुरुआत तीन मूर्ति मार्ग पहुंच शहीदों को श्रद्धांजलि देने के साथ की. अपनी पत्नी सारा के साथ तीन मूर्ति चौक पहुंचने पर इजरायली पीएम ने भारत के सेना प्रमुक जनरल बिपिन रावत और भारत के विदेश सचिव एस जयशंकर ने मुलाकात की. इसके बाद इजरायली पीएम नेतन्याहू और पीएम मोदी ने तीन मूर्ति मार्ग पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी. इजरायली पीएम ने विजिटर्स बुक पर हस्ताक्षर किए. इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी विजिटर बुक में हस्ताक्षर किए.
बता दें कि इजरायल के प्रधानमंत्री की भारत यात्रा से पहले तीन मूर्ति चौक का नाम बदलकर तीन मूर्ति हाइफा चौक और तीन मूर्ति मार्ग का नाम बदलकर तीन मूर्ति हाइफा मार्ग किया गया है.
#WATCH Israel PM Netanyahu & PM Modi pay tribute at Teen Murti Haifa Chowk in Delhi #NetanyahuInIndia pic.twitter.com/etCxFefNCO
— ANI (@ANI) January 14, 2018
तीन मूर्ति का इजरायल से रिश्ता
राजधानी दिल्ली के तीन मूर्ति मार्ग पर जो तीन कांस्य मूर्तियां लगी हुई हैं वह हैदराबाद, जोधपुर और मैसूर लांसर्स का प्रतिनिधित्व करती हैं. यह सभी 15वीं इम्पीरियल सर्विस कैवलरी ब्रिगेड का हिस्सा माने जाते हैं. इतिहास के पन्नों को पलटकर देखें तो पता चलेगा कि प्रथम विश्व युद्ध के दौरान 23 सितंबर 1918 में इस बिग्रेड ने हाइफा पर विजयी हमला किया था. प्रथम विश्व युद्ध में शहर की आजादी के लिए 44 भारतीय सैनिकों ने अपने प्राण का बलिदान दिया था. आज तक, 61वीं कैवलरी ब्रिगेड 23 सितंबर को स्थापना दिवस या ‘हाइफा दिवस’ मनाती है.
इस हमले को विजयी हमला इसलिए कहा गया क्योंकि मुस्लिम तुर्कों से फिलिस्तीनी नागरिकों को आजाद कराने के लिए भारत के तीन राज्य (जोधपुर, हैदराबाद और मैसूर) से सैनिकों को इजरायल भेजा गया था. इजरायल की मदद करते हुए भारतीय सैनिकों ने हाइफा शहर में जंग लड़ी थी.
पीएम मोदी ने विजिटर बुक में अपने संदेश में लिखा
' हाइफा में भारतीय सैनिकों की शहादत का जिक्र 100 साल पहले भी इतिहास के पन्नों किया गया है. उन वीरों की शहादत को तीन मूर्ति पर याद किया जा रहा है. इस जगह को तीन मूर्ति-हाइफा चौक नाम दिया जाना ऐतिहासिक क्षण है. इजरायल के प्रधानमंत्री की उपस्थिति में, हम वीर सैनिकों को श्रद्धाजंलि देते हैं. निस्वार्थ, बलिदान और तपस्या की महान भारतीय परंपरा को नमन.'
हाइफा के शहर पर रखा गया नाम
गौरतलब है कि पिछले वर्ष इजरायल की यात्रा पर जाने से पहले पीएम मोदी ने दिल्ली के सीएम मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में हुई काउंसिल की बैठक में तीन मूर्ति चौक और तीन मूर्ति मार्ग का नाम बदलकर दिया गया था. इनमें इजरायल के शहर हैफा का नाम जोड़ा गया था. तब से यह मार्ग तीन मूर्ति हैफा चौक और तीन मूर्ति हैफा मार्ग के नाम से जाना जा रहा है.
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23 सितंबर को हाइफा दिवस
23 सितंबर को हुए युद्ध में भारतीय सेना के 44 जवान शहीद हो गए थे. जवानों की शहादत को याद करते हुए हर साल हाइफा में 61 कैवलरी 23 सितंबर को जयंती दिवस या 'हाइफा दिवस' के रूप में मनाया जाता है. वहीं, बात भारत और इजरायल के रिश्तों की जाए तो दोनों देशों के बीच पिछले एक दशक में 670 अरब रुपये का कारोबार हुआ है. 1990 से ही दोनों देशों के बीच सैन्य संबंध बेहद ही अहम रहे हैं. इजरायल ने भारत को हथियार बेचने की मंशा से रिश्तों को मजबूत किया और कामयाब भी रहा.