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Names Of Historical Buildings And Roads: दिल्ली में ऐतिहासिक इमारतों और तमाम सड़कों के नाम को बदलने के लिए एक बार फिर से आवाज बुलंद होने लगी है. दिल्ली बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने मुगल शासकों (Mughal Rulers) के नाम पर रखे गए सड़कों के नाम को बदलने की मांग की तो अब ये सिलसिला तेजी से आगे बढ़ना शुरू हो चुका है. बीजेपी के बाद यूनाइटेड हिंदू सेना ने मुगल काल में बने कुतुब मीनार (Qutub Minar) नाम को बदलकर विष्णु स्तंभ रखने की मांग की. इस संगठन का दावा है कि कुतुब मीनार तमाम हिंदू और जैन मंदिरों को तोड़कर प्राप्त हुई सामग्री की मदद से बनाया गया है. इतना ही नहीं संगठन के मुताबिक कुतुब मीनार के अंदर मंदिर होने के सैकड़ों साक्ष्य मौजूद हैं.
मंगलवार को महाराणा प्रताप सेना (Maharana Pratap Sena) ने दिल्ली की शाहजहां रोड पर पहुंच कर उसका नाम बदलने की कोशिश की. मगर वो कामयाब होते इससे पहले ही पुलिस उन्हें डिटेन कर तिलक मार्ग थाने ले गई. महाराणा प्रताप सेना लगातार शाहजहां रोड (Shahjahan Road) को परशुराम मार्ग, अकबर रोड को महाराणा प्रताप मार्ग, हुमायूं रोड का नाम बदलकर अहिल्याबाई होलकर करने की मांग कर रही है. संगठन का कहना है कि विदेशी आक्रमणकारियों के नाम पर अब देश की सड़कें नहीं रहनी चाहिए. ये मुगलों की गुलामी के प्रतीक हैं. ऐसे में इनका नाम देश के महापुरुषों के नाम पर होना चाहिए.
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आपको बता दें कि बीजेपी (BJP) ने भी 5 सड़कों के नाम बदलने को लेकर एनडीएमसी (NDMC) को चिट्ठी लिखी थी. दरअसल बीजेपी की मांग है कि अकबर रोड का नाम बदलकर हिंदू और मराठाओं की शान महाराणा प्रताप मार्ग के नाम पर रखे जाने चाहिए. औरंगजेब रोड (Aurangzeb Road) का नाम बदलकर देश के अभिमान रहे डॉ अब्दुल कलाम (Dr. Abdul Kalam), हुमायूं रोड का नाम बदलकर रामायण के रचनाकार महर्षि वाल्मीकि मार्ग के नाम पर, तुगलक रोड को बदलकर सिक्खों के पूजनीय गुरू गोविंद सिंह मार्ग, शाहजहां रोड को जनरल बिपिन सिंह रावत रोड के नाम पर और बाबर लेन का नाम बदलकर 18 साल की उम्र में फांसी को चूम लेने वाले क्रांतिकारी शहीद खुदीराम बोस के नाम पर रखने की मांग की. हालांकि बीते साल भी बीजेपी ने अकबर रोड के नाम को बदलकर हेलिकॉप्टर हादसे में जान गंवा चुके जनरल बिपिन रावत के नाम पर रखने की मांग की थी.
दिल्ली की तमाम सड़कों के नाम मुगल शासकों के नाम रखे जाने के पीछे ये दलील दी जाती है कि दिल्ली पर कई वर्षों तक मुगलों का राज था. दिल्ली का पहला मुगल शासक मोहम्मद गौरी (Muhammad Ghori) था जिसके बाद मोहम्मद बिन तुगलक, तैमूर, हुमायूं, अकबर (Akbar), जहांगीर, शाहजहां फिर औरंगजेब (Aurangzeb) ने दिल्ली को अपने हिसाब से चलाया. हालांकि इनमें से कई आक्रांताओं (Invaders) के राज में दिल्ली बुरे दौर से भी गुजरी थी.
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_ सबसे पहले अलबुकर्क रोड का नाम बदलकर 30 जनवरी मार्ग
_ क्वींसवे का नाम बदलकर जनपथ
_ किंग्सवे बदलकर राजपथ
_ यार्क रोड बदलकर मोतीलाल नेहरू मार्ग
_ क्वींस विक्टोरिया रोड बदलकर राजेंद्र प्रसाद रोड
_ औरंगजेब रोड बदलकर एपीजे अब्दुल कलाम
_ किचनर रोड बदलकर सरदार पटेल मार्ग
_ किंग एडवर्ड रोड बदलकर मौलाना आजाद रोड
_ कॉर्नवालिस रोड बदलकर स्वाधीनता सेनानी सुब्रमण्यम भारती
_ रेटनडन रोड बदलकर अमृता शेर गिल मार्ग
_ लेटन रोड बदलकर कॉपरनिकस मार्ग
_ कैनिंग रोड बदलकर श्रीमंत माधवराव मार्ग
_ डलहौजी रोड का नाम बदलकर 2017 में शिकोह रोड हुआ
_ रेसकोर्स रोड बदलकर लोक कल्याण मार्ग
_ पार्क स्ट्रीट बदलकर शेख मुजीबुर्रहमान रोड
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