सुकमा: नक्सलियों से लोहा लेने के लिए पहली बार मैदान में उतारी गईं महिला कमांडो
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सुकमा: नक्सलियों से लोहा लेने के लिए पहली बार मैदान में उतारी गईं महिला कमांडो

छत्तीसगढ़ स्थित सुकमा जिले में दोरनापाल से जगरगुंडा तक सड़क बनाई जा रही है. लेकिन यहां सड़क बनाना बारूद के ढेर पर सड़क बनाने जैसा है. यहां आए दिन नक्सल हमले होते हैं.

नक्सलियों से लोहा लेंगी महिला कमांडो

सुकमा (पवन साहा): छत्तीसगढ़ स्थित सुकमा जिले में दोरनापाल से जगरगुंडा तक सड़क बनाई जा रही है. लेकिन यहां सड़क बनाना बारूद के ढेर पर सड़क बनाने जैसा है. यहां आए दिन नक्सल हमले होते हैं. रास्ते में कई बरूद मिलते हैं. ऐसे में यहां सुरक्षा के लिए बल को तैनात किया गया है. अब इनका साथ देने और नक्सलियों से लोहा लेने के लिए महिला कमांडो को भी तैनात किया गया है. इन महिला कमांडो को इसके लिए विशेष प्रशिक्षण भी दिया गया है. ये पहली बार है जब महिला कमांडो को नक्सलियों से सामने के लिए मैदान में उतारा गया है.

  1. पहली बार सुकमा में सुरक्षा के लिए मैदान में उतारी गईं महिला कमांडो
  2. 25 महिलाओं की कमांडो टीम कर रही हैं सड़क निर्माण कार्य की सुरक्षा
  3. ट्रेनिंग पूरी होने पर महिला कमांडो नक्सल ऑपरेशन में भी लेंगी हिस्सा

बारूद के ढेर से कम नहीं सड़क
दोरनापाल से जगरगुंडा की सड़क किसी बारूद के ढेर से कम नहीं है. क्योंकि इस मार्ग पर आए दिन आईईडी मिलना और नक्सल घटनाएं घटना आम बात है. वर्तमान में पोलमपल्ली में सड़क निर्माण का कार्य चल रहा है. गांव से करीब दो किलोमीटर दूर सड़क बनाई जा रही है. जिसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी सुरक्षा बल संभाल रहे हैं. लेकिन एक सप्ताह पहले महिला कंमाडो को यहां की सुरक्षा के लिए तैनात किया गया है.

भेजी गई 25 महिलाओं की टीम
करीब 25 महिलाओं की छोटी बटालियन को पोलमपल्ली कैंप भेजा गया है. इससे पहले जिला मुख्यालय में इन महिलाओं को तीन माह का प्रशिक्षण दिया गया था. उसके बाद इन्हें तैनाती के लिए भेजा गया, जहां ये महिलाएं सड़क सुरक्षा के लिए हर दिन हथियार से लैस होकर निकलती है और शाम को वापस कैंप लौटती हैं. वर्तमान में ये महिला कमांडो पुरुष कमांडो के साथ सड़क और थाने की सुरक्षा संभाल रही हैं.

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ऑपरेशन के लिए भी भेजा जाएगा
महिला कंमाडो जब पुरी तरह से प्रशिक्षण लेकर नक्सली चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार हो जाएंगी तो इनका उपयोग नक्सल ऑपरेशन के लिए भी किया जाएगा, इससे टीम को महिला नक्सलियों से निपटने में मदद मिलेगी.

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महिला नक्सली को देंगी मात 
नक्सली संगठन में महिलाओं की संख्या भी बहुत है. कई बार ऑपरेशन के दौरान जवानों पर महिला नक्सलियों से अत्याचार करने जैसे आरोप लगाए जाते हैं. लेकिन महिला कमांडो की तैनाती के बाद ऐसे आरोपों के कम होने की उम्मीद है.

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महिला कमांडो ने कहा कि हम देश के लिए मर सकते हैं
महिला कमांडो कहती हैं कि 'हर चुनौती का सामना करने के लिए हम तैयार हैं. क्योंकि नक्सलियों के पास भी हथियार है और हमारे पास भी लेकिन हमारे पास देश के लिए मर मिटने का जो जज्बा है वो नक्सलियों में नहीं है. जिले के विकास में हम भागीदारी निभा रहे हैं उससे हमें काफी खुशी है. हम हर चुनौती का सामना करने के लिए तैयार हैं'.

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