नितिन गडकरी ने BJP पदाधिकारियों से कहा, 'राफेल सौदे पर आक्रामक रुख अपनाएं'
Advertisement

नितिन गडकरी ने BJP पदाधिकारियों से कहा, 'राफेल सौदे पर आक्रामक रुख अपनाएं'

गडकरी ने कहा, 'विपक्ष बेवजह इस सौदे को लेकर भ्रम पैदा कर रही है. हम पारदर्शिता बनाए रखने वाली सरकार हैं. हमारा रुख बचाव करने का नहीं बल्कि आक्रामक होना चाहिए.'

नितिन गडकरी ने BJP पदाधिकारियों से कहा, 'राफेल सौदे पर आक्रामक रुख अपनाएं'

मुंबई: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को भाजपा पदाधिकारियों से कहा कि राफेल लड़ाकू विमान सौदे पर विपक्ष के आरोपों का जवाब देने के लिए पार्टी का बचाव करने की बजाए आक्रामकता से पेश आएं. 

बीजेपी की राज्य स्तरीय बैठक में गडकरी ने कहा,'रिलायंस डिफेंस दसाल्ट को कुछ पुर्जों की आपूर्ति करेगी. नागपुर में क्या (विमान) तैयार किया जाएगा और दसाल्ट का वेंडर कौन होगा यह उनका फैसला है.' उन्होंने कहा कि दसाल्ट को पुर्जों की आपूर्ति कराने वाले कई अंतरराष्ट्रीय आपूर्तिकर्ता हैं. यह दसाल्ट का फैसला है कि वह अपने वेंडर के तौर पर किसे चुनते हैं.

'विपक्ष इस सौदे को लेकर भ्रम पैदा करना चाहता है'
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री ने आरोप लगाया कि विपक्ष इस सौदे को लेकर भ्रम पैदा करना चाहता है. गडकरी ने पदाधिकारियों से कहा, 'भारत सरकार का इससे कोई लेना-देना नहीं है (भारतीय साझेदार चुनने की दसाल्ट की पसंद). (प्रधानमंत्री नरेंद्र) मोदी का इस समझौते से कोई लेना-देना नहीं है. विपक्ष बेवजह इस सौदे को लेकर भ्रम पैदा कर रही है. हम पारदर्शिता बनाए रखने वाली सरकार हैं. हमारा रुख बचाव करने का नहीं बल्कि आक्रामक होना चाहिए.'

उन्होंने कहा, 'भारत 2002 से लड़ाकू विमानों की खरीद कर रहा है. विमानों की मौजूदा स्थिति को देखकर मुझे दुख होता है. अब तक कई लड़ाकू विमान दुर्घटनाग्रस्त हो चुके हैं. हेलीकॉप्टरों की स्थिति ऐसी है कि लगता है कि आप ट्रक में बैठे हुए हैं. मोदी ऐसे हेलीकॉप्टरों में सफर करते हैं.' उन्होंने दावा किया कि राफेल विमानों के लिए राजग द्वारा जो कीमत तय की गई है वह संप्रग सरकार द्वारा तय की गई कीमतों से 40 प्रतिशत सस्ती हैं. 

एनडीए सरकार पर लगातार हमले कर रही है कांग्रेस
36 राफेल विमानों की खरीद के लिए फ्रांस की दसाल्ट एविएशन के साथ हुए समझौते को लेकर एनडीए सरकार के खिलाफ निरंतर जारी हमले में कांग्रेस ने दावा किया है कि इस सौदे में प्रति विमान की कीमत पूर्व यूपीए सरकार द्वारा तय की गई कीमत की तुलना में तीन गुणा अधिक है. साथ ही पार्टी ने यह भी दावा किया है कि अनिल अंबानी के रिलायंस डिफेंस को लाभ पहुंचाने के लिए सरकारी कंपनी हिन्दुस्तान एअरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) को फ्रांसीसी कंपनी के साथ ऑफसेट सौदे से बाहर रखा गया. 

(इनपुट - भाषा)

Trending news