इस वक्त गुजरात में इस बात पर बड़ी चर्चा हो रही है कि आखिर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने इस महत्वाकांक्षी आंकड़े को क्यों चुना?
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गुजरात में नवंबर में होने जा रहे विधानसभा चुनावों की सुगबुगाहट तेज हो गई है. पीएम नरेंद्र मोदी ने पिछले 30 दिनों में तीन बार गुजरात का दौरा किया है. कांग्रेस उपाध्यक्ष एक पखवाड़े के भीतर दूसरी बार गुजरात दौरे पर हैं. इस बार के चुनाव में बीजेपी ने 182 सीटों में से कम से कम 150 सीटें जीतने का जादुई आंकड़ा तय किया है. इस वक्त गुजरात में इस बात पर बड़ी चर्चा हो रही है कि आखिर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने इस महत्वाकांक्षी आंकड़े को क्यों चुना?
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बीजेपी के अंदरखाने में इसकी दो बड़ी वजहें बताई जा रही हैं. पहली- 1985 में माधव सिंह सोलंकी के नेतृत्व में कांग्रेस ने 149 सीटें जीती थीं. उस रिकॉर्ड को अभी तक तोड़ा नहीं जा सका है. बीजेपी अबकी बार इस रिकॉर्ड को तोड़ देना चाहती है. इसके पीछे बीजेपी नेताओं का तर्क है कि जब पीएम नरेंद्र मोदी राज्य के मुख्यमंत्री थे तो बीजेपी यहां 120 सीटें जीती थी. अब नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री हैं, लिहाजा पार्टी आराम से 150 सीटें जीत सकती है.
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दूसरा- बीजेपी का यह मानना है कि 2014 के लोकसभा चुनाव में यूपी की 80 लोकसभा सीटों पर बीजेपी ने अपने सहयोगी अपना दल के साथ मिलकर 73 सीटें जीती थीं. उस दौरान करीब सवा तीन सौ विधानसभा सीटों पर पार्टी को बढ़त हासिल हुई थी. उसका नतीजा यह हुआ कि 2017 में हुए राज्य विधानसभा चुनाव में बीजेपी तकरीबन इतनी ही सीटें जीतने में कामयाब हुई. पिछले आम चुनाव में बीजेपी ने गुजरात में सभी 26 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल की थी. उसी आधार पर बीजेपी यह मानकर चल रही है कि वह इस आधार पर कम से कम 150 सीटें जीत सकती है.