चुनावी घोषणापत्र हर पार्टी का एजेंडा और वायदा होता है. आमतौर पर माना जाता है कि इसके आधार पर ही वोटर अपनी राय बनाता है लेकिन अभी तक इन दोनों ही दलों ने मेनिफेस्टो जारी करने की जहमत नहीं उठाई है.
Trending Photos
गुजरात चुनाव के पहले चरण का मतदान नौ दिसंबर को होना है. इस बीच सत्ताधारी बीजेपी और कांग्रेस के बीच चुनावी जंग तेज हो गई है. एक तरफ बीजेपी जहां अपने 'विकास मॉडल' की बदौलत जनता से वोट मांग रही है, वहीं कांग्रेस इस मॉडल पर सवाल खड़े कर रही है. इस बीच चुनावी बयानबाजी 'जनेऊधारी हिंदू' और 'हिंदू या जैन' होने के मसले तक पहुंच गई है. इस बीच बड़ा सवाल यह खड़ा हो रहा है कि चुनावी सरगर्मी बढ़ने के साथ ही अब तक बीजेपी और कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र को जारी ही नहीं किया है, जबकि अब पहले चरण के मतदान में महज एक हफ्ता ही बचा है.
चुनावी घोषणापत्र हर पार्टी का एजेंडा और वायदा होता है. आमतौर पर माना जाता है कि इसके आधार पर ही वोटर अपनी राय बनाता है लेकिन अभी तक इन दोनों ही दलों ने मेनिफेस्टो जारी करने की जहमत नहीं उठाई है. कांग्रेसी सूत्रों का कहना है कि उनका घोषणापत्र पांच या सात दिसंबर को जारी होगा. बीजेपी ने भी अगले हफ्ते ही घोषणापत्र जारी करने की बात कही है.
ये भी पढ़ें: कोई खुद को 'जनेऊधारी' और कोई हिंदू कहे, क्या डॉ अंबेडकर ने यही रास्ता दिखाया था: असदुद्दीन ओवैसी
अभी बस कांग्रेस और बीजेपी के शीर्ष नेताओं ने वायदे भर किए हैं, उनके घोषणापत्र के रूप में लिखित दस्तावेज अभी सामने नहीं आए हैं. उनके वायदे घोषणापत्र में कितना स्थान पाएंगे, यह देखने वाली बात होगी. इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को दो दिवसीय दौरे पर एक बार फिर गुजरात पहुंच रहे हैं. वह अब तक आठ चुनावी रैलियां वहां कर चुके हैं. इससे पहले पूर्व प्रधानमंत्री और कांग्रेस नेता मनमोहन सिंह ने शनिवार को गुजरात दौरे के दौरान सूरत में स्थानीय कारोबारियों को संबोधित करते हुए कहा, ''मैं चाहूंगा कि प्रधानमंत्री लोगों से वोट हासिल करने और उन्हें प्रभावित करने के लिए अधिक सम्मानजनक तरीके खोजें...''
ये भी पढ़ें: राहुल गांधी ने PM से पूछा सवाल, 'महंगी फीस छात्रों पर बोझ बनी, कैसे होगा साकार New India का सपना?'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोलते हुए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि मोदी यह समझने में नाकाम रहे कि नोटबंदी और जीएसटी के फैसले उनके अपने ही राज्य के लोगों को क्या ''दर्द'' दे रहे हैं. उन्होंने नोटबंदी को जहां अधूरी तैयारी से किया गया फैसला बताया वहीं जीएसटी को ''खराब तरीके से तैयार और जल्दबाजी में लागू किया गया" कदम बताया. उन्होंने सत्तारूढ़ दल की ''निम्न-स्तरीय लफ्फाजी'' पर भी अफसोस जताया.
राहुल के मंदिर जाने पर बीजेपी का वार
बीजेपी के वरिष्ठ नेता अरूण जेटली ने गुजरात विधानसभा चुनाव के प्रचार के बीच कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की मंदिर यात्राओं को खारिज करते हुए कहा कि जब असली हिंदुत्व पार्टी उपलब्ध है तो लोग इसके ''क्लोन'' को नकार देंगे. केंद्रीय वित्त मंत्री ने मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली पूर्ववर्ती संप्रग सरकार पर भी हमला बोला.
'धर्म की दलाली' बोलकर कहीं राहुल गांधी ने दोहरा तो नहीं दी 10 साल पुरानी मां सोनिया जैसी गलती?
राहुल गांधी के मंदिर दौरों के बारे में पूछे गए सवालों पर जेटली ने कहा, ''हम हिंदूवाद से जुड़े हैं, अगर लोग हमारी नकल करते हैं तो हम क्या कर सकते हैं. लेकिन आधारभूत सिद्धांत यह है कि अगर असली उपलब्ध है तो लोग क्लोन के लिए क्यों जाएंगे?'' उन्होंने आरोप लगाया कि मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली सरकार... जिसने दस साल शासन किया... सर्वाधिक भ्रष्ट सरकार थी.
पूर्व PM मनमोहन सिंह बोले- मैं नहीं चाहता कोई मेरी पिछली जिंदगी पर तरस खाए
भाजपा नेता ने कहा, ''वह नेताहीन सरकार थी. कहा जाता था कि तत्कालीन प्रधानमंत्री कार्यालय में तो थे लेकिन सत्ता में नहीं. तब आदेश नीतिगत पंगुता का था.'' उन्होंने कहा, ''वर्ष 1980 में गुजरात ने देखा कि सामाजिक ध्रुवीकरण की राजनीति होने पर राज्य का एजेंडा बदल गया. लेकिन जब भाजपा सरकार सत्ता में आई तब राज्य ने सामाजिक ध्रुवीकरण की राजनीति छोड़ दी.'' जेटली ने कहा, ''1980 के दशक में गुजरात ने बड़ी राजनीतिक कीमत चुकाई. कांग्रेस आज वही पुरानी राजनीति वापस लाने के प्रयास में है. इस सामाजिक ध्रुवीकरण का नतीजा जाति के आधार पर विभाजन के रूप में मिलता है. यह विकास से नीति का विचलन होगा.''