गुजरात चुनाव 2017: 9 और 14 दिसंबर को दो चरणों में होगी वोटिंग, 18 दिसंबर को आएंगे नतीजे
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गुजरात चुनाव 2017: 9 और 14 दिसंबर को दो चरणों में होगी वोटिंग, 18 दिसंबर को आएंगे नतीजे

मुख्‍य चुनाव आयुक्‍त एके जोति ने मीडिया से कहा कि इन चुनावों में राज्‍य में 4.33 करोड़ लोग मतदान करेंगे.

मुख्‍य चुनाव आयुक्‍त एके जोति ने गुजरात विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा की. (फोटो साभार ANI)

नई दिल्‍ली : गुजरात में चुनावी बिगुल बज गया है. बुधवार को चुनाव आयोग ने गुजरात में विधानसभा चुनाव दो चरणों में कराने का ऐलान किया. मुख्य निर्वाचन आयुक्त एके जोती ने राज्य विधानसभा चुनाव कार्यक्रम की घोषिणा करते हुए कहा कि गुजरात में 182 सीटों के लिए दो चरणों में चुनाव होंगे. इसके तहत पहले चरण में 89 सीटों पर नौ दिसंबर और दूसरे चरण में 93 सीटों पर 14 दिसंबर को मतदान होगा. दोनों चरणों के मतदान के बाद 18 दिसंबर को नतीजे घोषित किए जाएंगे.

  1. दूसरे चरण में 14 जिलों की 93 सीटों पर मतदान होगा.
  2. गुजरात के सीमावर्ती इलाकों में सीसीटीवी के जरिये निगरानी की जाएगी- CEC
  3. केंद्र सरकार की घोषणाओं पर भी आचार संहिता लागू होगी- मुख्‍य चुनाव आयुक्‍त

मुख्‍य चुनाव आयुक्‍त ने बताया कि 'निर्वाचन प्रक्रिया की औपचारिक शुरुआत 14 नवंबर को विधानसभा चुनाव की अधिसूचना जारी होने के साथ होगी. इसके साथ ही राज्य के कुल 33 जिलों में से 19 जिलों में होने वाले पहले चरण के मतदान से जुड़ी 89 सीटों के लिए उम्मीदवार नामांकन पत्र दाखिल कर सकेंगे'.

उन्होंने बताया कि दूसरे चरण में शेष 93 सीटों पर चुनाव के लिए 20 नवंबर को अधिसूचना जारी की जाएगी. आयोग द्वारा चुनाव कार्यक्रम की घोषणा किये जाने के साथ ही राज्य में चुनाव आचार संहिता लागू हो गई है. जोती ने बताया कि गुजरात में दोनों चरणों के मतदान के लिए कुल 50,128 मतदान केंद्र बनाए जाएंगे. इन पर राज्य के 4.33 करोड़ मतदाता वीवीपेट युक्त ईवीएम के जरिये मतदान कर सकेंगे. आयोग ने राज्य में पूरी तरह से महिलाओं द्वारा संचालित 182 मतदान केंद्र भी बनाए हैं. हर विधानसभा क्षेत्र में इस तरह का एक पोलिंग बूथ होगा. 

उन्होंने बताया कि समूची चुनाव प्रक्रिया में शांतिपूर्ण मतदान सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. इसके अलावा चुनाव आचार संहिता के पालन के लिए सोशल मीडिया और अन्य प्रचार माध्यमों पर भी निगरानी के व्यापक इंतजाम किए गए हैं.

मुख्‍य चुनाव आयुक्‍त के अनुसार, 'सभी उम्‍मीदवारों के लिए एफिडेविट के हर कॉलम हो भरना जरूरी होगा. कॉलम खाली होने पर उम्‍मीदवारों को नोटिस जारी किया जाएगा. नोटिस का जवाब नहीं देने पर उम्‍मीदवार का नामांकन रद्द हो सकता है. केंद्र सरकार की घोषणाओं पर भी आचार संहिता लागू होगी. गुजरात के सीमावर्ती इलाकों में सीसीटीवी के जरिये निगरानी की जाएगी. चुनाव में केंद्रीय बलों की तैनाती होगी. संवेदनशील इलाकों में फ्लैग मार्च किया जाएगा.' 

मुख्‍य चुनाव आयुक्‍त एके जोति ने पत्रकारों को बताया कि 'कोई भी उम्‍मीदवार 28 लाख रुपये से ज्‍यादा खर्च नहीं कर सकता. उम्‍मीदवार को एक अलग बैंक अकाउंट खोलना होगा'. उन्‍होंने कहा कि सुविधा ऐप के जरिये वीडियो भेजकर गड़बड़ी की शिकायत की जा सकती है. सुविधा ऐप से रैली के लिए मंजूरी भी मिल सकेगी. 

उल्लेखनीय है कि हाल ही में आयोग द्वारा हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए निर्वाचन प्रक्रिया 16 अक्तूबर को शुरू हो गई है. हिमाचल प्रदेश में एक ही चरण में नौ नवंबर को मतदान होगा, जबकि मतगणना गुजरात विधानसभा चुनाव के साथ 18 दिसंबर को ही होगी. जोती ने बताया चुनाव खर्च की सीमा का पालन सुनिश्चित करने के लिए हर उम्‍मीदवार को अलग से बैंक खाता खोलना होगा. वहीं, शांतिपूर्ण मतदान के लिए आयोग द्वारा गठित निगरानी दस्तों को जीपीएस से जोड़ा जाएगा, जबकि मतदान केन्द्रों पर सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जाएगी.

खास बातें...

  • पहले चरण में नौ दिसंबर को 19 जिलों की 89 सीटों पर वोटिंग होगी.
  • दूसरे चरण में 14 जिलों की 93 सीटों पर मतदान होगा.
  • चुनाव के नतीजे 18 दिसंबर को घोषित किए जाएंगे.
  • पोलिंग बूथों पर निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे.
  • नि:शुल्क और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए मोबाइल वैन तैनात किए जा रहे हैं.
  • पेड मीडिया पर संशोधित निर्देश जारी किए गए हैं.

दरअसल, हिमाचल प्रदेश के साथ 182 सदस्यीय गुजरात विधानसभा के चुनावों की तारीख घोषित नहीं करने को लेकर चुनाव आयोग की आलोचना हो रही थी. विपक्ष का आरोप था कि गुजरात चुनावों के कार्यक्रम में देरी करके चुनाव आयोग राज्य और केंद्र की भाजपा सरकार को आचार संहिता लगने से पहले समय दे रहा है ताकि लोक-लुभावन योजनाओं की घोषणा कर मतदाताओं को भाजपा के पक्ष में किया जा सके.

इससे पहले मुख्य निर्वाचन आयुक्त एके जोती ने गुजरात से पहले हिमाचल प्रदेश के चुनाव की तारीखों का ऐलान करने के फैसले का बचाव करते हुए कहा था कि चुनाव की तारीखें घोषित करने से पहले कई कारकों पर विचार किया जाता है, जिनमें मौसम, बाढ़ राहत कार्य और पर्व का समय आदि हैं.

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(इनपुट भाषा से भी)

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