बीजेपी को लगता है कि हाल के दौर में जातिगत आधार पर हार्दिक पटेल, ओबीएस नेता अल्पेश ठाकुर और दलित कार्यकर्ता जिग्नेश मेवानी के सियासी फलक पर उभार के चलते बीजेपी को कट्टर हिंदुत्ववादी चेहरे की दरकार है.
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अहमदाबाद: केरल में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की 'जन रक्षा यात्रा' में शामिल होने के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शुक्रवार को दो दिवसीय गुजरात दौरे पर पहुंच रहे हैं. सीएम योगी आगामी विधानसभा के मद्देनजर यहां पार्टी की 'गौरव यात्रा' में शामिल होंगे. दरअसल विधानसभा चुनाव से ऐन पहले सीएम योगी के गुजरात दौरे के खासे सियासी मायने निकाले जा रहे हैं. बीजेपी सूत्रों का कहना है कि इस वक्त पार्टी में नरेंद्र मोदी, अमित शाह के बाद सीएम योगी ही सबसे ज्यादा लोकप्रिय नेता हैं. हिंदुत्व की इमेज के चलते हिंदू वोट बैंक को एकजुट करने के मकसद से उनको गुजरात में प्रचार के लिए लाया जा रहा है.
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दरअसल सूत्रों के मुताबिक बीजेपी को लगता है कि हाल के दौर में जातिगत आधार पर हार्दिक पटेल, ओबीएस नेता अल्पेश ठाकुर और दलित कार्यकर्ता जिग्नेश मेवानी के सियासी फलक पर उभार के चलते बीजेपी को कट्टर हिंदुत्ववादी चेहरे की दरकार है. इसीलिए उनको यहां प्रचार के लिए लाया जा रहा है.
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अभी कुछ दिन पहले सीएम योगी केरल में पार्टी की जन रक्षा यात्रा में शिरकत करने गए थे. वहां उनको मिली लोकप्रियता से भी पार्टी बेहद उत्साहित है. बीजेपी का यह भी मानना है कि मुख्यमंत्री बनने के छह महीने के भीतर ही राज्य में अवैध बूचड़खाने बंद करने जैसे सख्त निर्णय लेने और जनता के कल्याण के लिए बड़े निर्णय के चलते योगी आदित्यनाथ की लोकप्रियता में खासा इजाफा हुआ है. इसलिए पार्टी सूत्रों का कहना है कि पूरे देश के बीजेपी कार्यकर्ताओं में प्रचार के लिए उनकी खासी मांग है. सीएम योगी अपने दो दिवसीय दौरे के दौरान 13 अक्टूबर को दक्षिण गुजरात और 14 अक्टूबर को उत्तरी गुजरात में रहेंगे. 15 अक्टूबर को 'गौरव यात्रा' का समापन होगा. उसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह के भी उपस्थित रहने की उम्मीद है.
इसके अलावा सीएम योगी के गुजरात दौरे का एक बड़ा कारण यह भी है कि अहमदाबाद और सूरत जैसे बड़े औद्योगिक केंद्रों में यूपी के लोग बड़ी संख्या में रहते हैं. इस वोटबैंक पर बीजेपी की नजर है. दूसरी बात पीएम मोदी, वाराणसी से लोकसभा सदस्य भी हैं. इसलिए उनके प्रधानमंत्री बनने के बाद स्वाभाविक रूप से दोनों राज्यों के रिश्तों में मजबूती आई है. लिहाजा बीजेपी चुनावों में इसको भुनाना चाहती है.