मोदी सरकार के मंत्री बोले- पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ने से मुझे नहीं पड़ता है फर्क
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मोदी सरकार के मंत्री बोले- पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ने से मुझे नहीं पड़ता है फर्क

अठावले ने हल्के फुल्के अंदाज में कहा, 'मैं पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों से परेशान नहीं हूं. चूंकि मैं मंत्री हूं... मेरा मंत्री पद जाएगा तो मैं परेशान हो जाऊंगा. लेकिन जनता परेशान है. इसे समझ सकते हैं और कीमतें कम करने का दायित्व सरकार का है.'

पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बेतहाशा बढ़ोत्‍तरी पर केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री रामदास अठावले का बेतुका बयान.

जयपुर: एक तरफ देश की जनता पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बेतहाशा बढ़ोत्‍तरी से त्रस्‍त है वहीं केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री रामदास अठावले ऐसी बात कह रहे हैं जो किसी भी आम जनता का गुस्सा बढ़ा सकता है. शनिवार को मंत्री अठावले ने कहा कहा कि उन्हें पेट्रोल एवं डीजल की बढ़ती कीमतों से कोई परेशानी नहीं हैं, क्योंकि वह एक मंत्री हैं. एक समीक्षा बैठक में भाग लेने यहां आए अठावले से जब संवादाताओं ने पेट्रोल एवं डीजल की बढ़ती कीमतों से आम आदमी को होने वाली परेशानी के बारे में पूछा तो उन्होंने हल्के फुल्के अंदाज में कहा, 'मैं पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों से परेशान नहीं हूं. चूंकि मैं मंत्री हूं... मेरा मंत्री पद जाएगा तो मैं परेशान हो जाऊंगा. लेकिन जनता परेशान है. इसे समझ सकते हैं और कीमतें कम करने का दायित्व सरकार का है.'

  1. डीजल-पेट्रोल की कीमतों में बढ़ती कीमतों पर केंद्रीय मंत्री का बयान
  2. कहा, मैं मंत्री हूं, मेरा ईंधन सरकार भरवाती है, मुझे नहीं पड़ता कोई फर्क
  3. केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री हैं रामदास अठावले

उन्होंने साथ ही कहा कि केंद्र सरकार पेट्रोल-डीजल के बढ़ते भावों पर लगाम लगाने का प्रयास कर रही है पर राज्यों को भी इसके लिए कोशिश करनी चाहिए. उन्होंने यहां संवाददाताओं के एक सवाल पर कहा कि अगर पेट्रोल डीजल के भाव कम करने हैं तो राज्यों को भी इसके लिए कोशिश करनी चाहिए क्योंकि इसमें राज्य सरकार के भी कर होते हैं, केंद्र के भी कर होते हैं. इन्हें कम करने पर पेट्रोल-डीजल की कीमतें घट सकती हैं. 

इससे पहले अठावले ने यहां सामाजिक न्याय व अधिकारिता विभाग और विशेष योग्यजन निदेशालय के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की.

सरकार राजकोषीय घाटे के लक्ष्य पर अडिग, पेट्रोल, डीजल कर कटौती पर चुप्पी
सरकार चालू वित्त वर्ष के दौरान राजकोषीय घाटे को 3.3 प्रतिशत के बजट लक्ष्य के दायरे में रखने पर अडिग है. सरकार को उम्मीद है कि चालू वित्त वर्ष में उसका कर राजस्व बेहतर रहेगा और वह वर्ष के लिये तय विनिवेश लक्ष्य को भी पार कर लेगी. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शनिवार को यह जानकारी दी. हालांकि, उन्होंने पेट्रोल, डीजल पर कर कटौती को लेकर कोई आश्वासन नहीं दिया.

चालू खाते के बढ़ते घाटे (कैड) को नियंत्रित रखने तथा रुपये में गिरावट को थामने के उपायों की घोषणा के एक दिन बाद प्रधानमंत्री मोदी ने शनिवार को भी अर्थव्यवस्था की समीक्षा जारी रखी. प्रधानमंत्री ने वित्त मंत्रालय के विभिन्न विभागों के कामकाज का जायजा लेते हुये कर संग्रह और वृहद आर्थिक संकेतकों पर गौर किया. 

बैठक के बाद जेटली ने कहा कि सरकार को 2018-19 के बजट में सकल घरेलू उत्पाद में 7.2 से 7.5 प्रतिशत की अनुमानित वृद्धि दर को पार कर लेने की उम्मीद है. उन्होंने विश्वास जताया कि पूंजीगत खर्च के तय लक्ष्य को हासिल कर लिया जायेगा और कर संग्रह के लक्ष्य को पार कर लिया जायेगा. इसके साथ ही सार्वजनिक उपक्रमों में सरकारी हिस्सेदारी की बिक्री से एक लाख करोड़ रुपये के रिकार्ड विनिवेश लक्ष्य को भी पार कर लिया जायेगा. 

जेटली ने कहा कि आधार बढ़ने से कर संग्रह बेहतर रहेगा और यह संग्रह बजट अनुमान से अधिक रहेगा. उन्होंने कहा कि माल एवं सेवा कर (जीएसटी) में चीजें दुरुस्त हो रही हैं. 

हालांकि, वित्त मंत्री ने यह नहीं बताया कि बैठक में पेट्रोल, डीजल के दाम रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचने के मुद्दे पर कोई चर्चा हुई या नहीं. पेट्रोल के दाम 81.63 रुपये लीटर तथा डीजल 73.54 रुपये प्रति लीटर की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया है.

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