भारत में 'ब्रेन ड्रेन' अब 'ब्रेन गेन' बन गया है: PM मोदी
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भारत में 'ब्रेन ड्रेन' अब 'ब्रेन गेन' बन गया है: PM मोदी

भारत को वैश्विक स्तर पर कौशन और प्रतिभा के आपूर्तिकर्ता के रूप में स्थापित किए जाने पर बल देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में मानव संसाधन का ऐसा खाका (मैपिंग) तैयार करने पर आज जोर दिया ताकि किसी अंचल विशेष में पायी जाने वाली विशिष्ट प्रतिभा और कौशल का विकास किया जा सके और देश को सेवा निर्यात का केंद्र बनाया जा सके।

तस्वीर के लिए प्रधानमंत्री की अधिकारिक वेबसाइट से साभार

नई दिल्ली : भारत को वैश्विक स्तर पर कौशन और प्रतिभा के आपूर्तिकर्ता के रूप में स्थापित किए जाने पर बल देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में मानव संसाधन का ऐसा खाका (मैपिंग) तैयार करने पर आज जोर दिया ताकि किसी अंचल विशेष में पायी जाने वाली विशिष्ट प्रतिभा और कौशल का विकास किया जा सके और देश को सेवा निर्यात का केंद्र बनाया जा सके।

इसके साथ ही उन्होंने भारत को वैश्विक पंचनिर्णय (आर्बिटरेशन) का केंद्र बनाने की बात भी की और वकीलों से कहा कि वे विदेशी प्रतिस्पर्धा से घबराएं नहीं। मोदी यहां सेवा क्षेत्र की एक वैश्विक सेवा प्रदर्शनी का उद्घाटन कर रहे थे।

उन्होंने कहा,‘ सेवा क्षेत्र में बड़े अवसर हैं. भारत का मानव संसाधन ही हमारी सबसे बड़ी ताकत है।’ उन्होंने कहा कि ‘ब्रेन ड्रेन’ (प्रतिभा पलायन) अब ‘प्रतिभा प्राप्ति’ बन गया है। मोदी ने कहा कि हमें अपनी विकास यात्रा के बारे में सोचते समय इस पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है कि आने वाले दिनों में भारत और अधिक युवा होगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘ सेवाओं के अनेक स्तरों’ पर विचार करने की जरूरत है जिनका निर्यात दुनिया भर में किया जा सके। सेवाओं की मैपिंग की बात करते हुए मोदी ने कहा कि विभिन्न क्षेत्र के लोगों की अलग अलग प्रतिभा होती है और उन विशिष्ट कौशल के विकास के प्रयास किए जा सकते हैं ताकि वैश्विक समुदाय की जरूरतों का लाभ उठाया जा सके।

उन्होंने इन आशंकाओं को भी दूर करने का प्रयास किया कि विधि सेवाओं को खोल देने से विदेशी वकीलों का प्रभाव बढ जाएगा। मोदी ने इस तरह की आशंका या डर को अवांछित बताया। उन्होंने कहा कि विधि प्रक्रिया में बदलाव के साथ भारत वैश्विक पंच निर्णय व्यवस्था का केंद्र (हब) बन सकता है।

सरकार ने पंच निर्णय एवं सुलह कानून, 1996 में संशोधन पहले ही लोकसभा में पेश कर दिए हैं ताकि अंतरराष्ट्रीय व्यापारी समुदाय को अपने वाणिज्यिक विवादों को पंच निर्णय के तहत भारत में निपटाने को प्रोत्साहित किया जा सके।

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