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नई दिल्लीः झारखंड के सिमडेगा जिले के एक गांव में भूख से एक बच्ची के मरने की खबर है. 11 साल की संतोष कुमारी ने पिछले कई दिनों से नहीं खाया था. संतोष अपने परिवार के साथ कारीमाटी मे रहती थी. यह सिमडेगा जिले के जलडेगा प्रखंड की पतिअंबा पंचायत का एक गांव है. संतोष की मां कोयली देवी का कहना है, ''मैं चावल लेने के लिए राशन की दुकान पर गई थी लेकिन राशन वाले ने मुझे राशन देने से मना कर दिया. ''मेरी बेटी भात-भात पुकारते हुए मर गई.'' कोयली देवी के पास बीपीएल कार्ड था लेकिन राशन नहीं मिलता था. बताया जा रहा है कि राशन वाले ने आधार लिंक नहीं होने की वजह से उनका कार्ड कैंसिल कर दिया था.
मीडिया में चल रही खबरों की मानें तो गांव के राशन वाले ने पिछले आठ महीने से उन्हें राशन देना बंद कर दिया था. क्योंकि, उनका राशन कार्ड आधार से लिंक नहीं था. हालांकि झारखंड के खाद्य आपूर्ति मंत्री का कहना है कि हमारी तरफ से साफ निर्देश है कि जिन लोगों का राशन कार्ड आधार से लिंक नहीं है उन्हेंं राशन देने से इंकार नहीं किया जा सकता है.
भूख से बच्ची की मौत पर राज्य सरकार के खाद्य व आपूर्ति मंत्री ने कहा है कि जांच कराई जाएगी.
सरकार की लिस्ट में गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले संतोष के परिवार के पास कोई नौकरी नहीं है, न ही इनके स्थायी आमदनी का कोई जरिया है. संतोष की मां लोगों के घर में काम करके कुछ ले आती है जिससे गुजारा होता है. पिछले कई दिनों से वह भी कहीं नहीं जा पा रही थी. पिता मानसिक रूप से बीमार है. ऐसे में पूरा परिवार राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा के तहत मिलने वाले सरकारी राशन पर ही निर्भर था लेकिन सरकार की औपचारिकता पूरी नहीं कर पाने के चलते इन्हें इसका लाभ नहीं मिल सका. खबरों की मानें तो मिड डे मील के जरिए संतोष को खाना मिल जाता था लेकिन उन दिनों (28 सितंबर के आस-पास) दशहरे की छुट्टियों के चलते स्कूल बंद थे.
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Jharkhand: Went to get rice but I was told that no ration will be given to me. My daughter died saying 'Bhat-bhat'-Koyli Devi, girl's mother pic.twitter.com/aRCIwcoSfL
— ANI (@ANI) October 17, 2017