इतनी बड़ी संख्या में किसानों को एक बैनर के नीचे लाना आसान बात नहीं थी, लेकिन केरल के विजू कृष्णण ने इसे कर दिखाया.
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नई दिल्ली: कर्जमाफी और बिजली बिल में रियायत, फसल का उचित मूल्य और अन्य मांगों को लेकर नासिक से चला 30 हजार किसानों का जत्था नासिक से पैदल चलकर महाराष्ट्र की राजधानी तक का सफर पैदल तय किया. किसानों का यह आंदोलन अखिल भारतीय किसान सभा के बैनर तले संपन्न हुआ. इतनी बड़ी संख्या में किसानों को एक बैनर के नीचे लाना आसान बात नहीं थी, लेकिन केरल के विजू कृष्णण ने इसे कर दिखाया.
आइए जानते हैं विजू कृष्णण के जीवन से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें-
1. केरल के कन्नौर जिला के करिवेल्लूर निवासी 44 वर्षीय विजू कृष्णण अखिल भारतीय किसान सभा के संयुक्त सचिव हैं, जिसके बैनर तले किसानों का यह आंदोलन संपन्न हुआ. 1946 में करिवेल्लूर से ही ब्रिटिश साम्राज्यवाद के खिलाफ किसानों ने आवाज बुलंद किया था.
2. कृष्णण ने तकरीबन 50 हजार किसानों से संपर्क कर उन्हें अपने अधिकार के लिए आवाज बुलंद के लिए प्रेरित किया, जिसमें कर्जमाफी और फसलों के उचित मुल्य प्रमुख थे.
3. विजू कृष्णण छात्र जीवन में एसएफआई से जुड़े रहे और जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संगठन (जेएनयूएसयू) के अध्यक्ष भी रह चुके हैं. कृष्णण अखिल भारतीय किसान सभा के संयुक्त सचिव हैं. कृष्णण को कॉम्यूनिस्ट पार्टी (मार्क्स) के सबसे युवा नेता के तौर पर भी जाना जाता है.
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4. बेंगलुरू स्थित सेंट जोसेफ कॉलेज के पॉलीटिकल साइंस के पीजी डिपार्टमेंट के प्रमुख के तौर पर काम किया. कुछ वर्षों तक वहां पढ़ाने के बाद उन्होंने नौकरी छोड़ दी और पूर्णकालिक आंदोलनकारी बन गए.
5. कृष्णण जेएनयू में 1978 गठित पहले Gender Sensitisation Committee Against Sexual Harassment (GSCASH) कमेटी के सदस्य थे.